कानून तो वसुंधरा राजे भी लेकर आई थी लेकिन हुआ क्या ? जाने क्यों भड़के गोविंद सिंह डोटासरा
Tuesday, Dec 03, 2024-06:21 PM (IST)
राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार बनने के एक साल बाद भी जनप्रतिनिधियों और उनके कामों से जुड़ी अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरी है। डोटासरा ने आरोप लगाया कि सरकार नगर निकायों और पंचायत राज चुनाव की तैयारियों में पूरी तरह विफल रही है। उन्होंने कहा कि नवंबर में नगर निकाय चुनाव और जनवरी में पंचायत राज चुनाव होने थे, लेकिन भाजपा सरकार ने कोई ठोस तैयारी नहीं की।
"प्रशासकों के माध्यम से सरकार चलाना चाहती है भाजपा"
डोटासरा ने कहा कि भाजपा सरकार पंचायत और नगर निकाय चुनावों में देरी कर प्रशासकों के माध्यम से शासन करना चाहती है। उन्होंने इसे "गुजरात मॉडल" करार देते हुए कहा कि राजस्थान में जनप्रतिनिधियों के अधिकार छीनकर ब्यूरोक्रेसी से सरकार चलाई जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र से पंचायत राज के लिए भेजे गए धन का भी सही उपयोग नहीं हो रहा है, जिससे गांव और शहरों का विकास ठप पड़ा है।
"भाजपा का रवैया लोकतंत्र के खिलाफ"
डोटासरा ने कहा कि पंचायत राज और नगर निकाय चुनावों में देरी करना लोकतंत्र के खिलाफ है। उन्होंने वन नेशन-वन इलेक्शन की बात को भाजपा का दिखावा बताया। उन्होंने कहा कि पंचायत राज कानून के अनुसार, छह महीने के भीतर चुनाव होना चाहिए, लेकिन भाजपा सरकार ने इसे भी अनदेखा कर दिया है।
"कांग्रेस संगठन में जल्द होंगे बदलाव"
डोटासरा ने कांग्रेस संगठन में बदलाव के संकेत देते हुए कहा कि मंडल, ब्लॉक, बूथ स्तर पर खाली पड़े पदों को जल्द भरा जाएगा। निष्क्रिय पदाधिकारियों की जगह सक्रिय कार्यकर्ताओं को मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि संगठन निर्माण और विस्तार की प्रक्रिया सतत चल रही है और जल्द ही इसमें बदलाव दिखेगा।
"भाजपा के अंदरूनी विवाद पर निशाना"
भाजपा के मंत्री किरोड़ी लाल मीणा द्वारा अपनी पार्टी के नेताओं के खिलाफ नाराजगी जताने पर डोटासरा ने कहा कि भाजपा सरकार और संगठन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा। किरोड़ी लाल मीणा की मंत्रिमंडल बैठक में गैरमौजूदगी पर उन्होंने कहा कि मंत्री को स्पष्ट करना चाहिए कि वह किस प्रकार की समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
"भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया"
डोटासरा ने मोहन भागवत के "तीन बच्चों" वाले बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह बयान देश में नफरत और अराजकता फैलाने वाला है। उन्होंने कहा कि भाजपा आरएसएस के निर्देशों का पालन नहीं कर रही है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सत्ता की राजनीति में संघ की बातों का कोई महत्व नहीं रह गया है।
"धर्मांतरण कानून पर कांग्रेस का रुख"
धर्मांतरण कानून पर डोटासरा ने कहा कि भाजपा पहले भी यह कानून ला चुकी है और अब दोबारा इसे लाने की कोशिश कर रही है, लेकिन यह पास नहीं होगा। उन्होंने कहा कि संविधान में धर्मांतरण के लिए पहले से ही प्रावधान मौजूद हैं, इसलिए नए कानून की कोई आवश्यकता नहीं है। डोटासरा ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि जनता के हितों और अधिकारों को दबाने की इस राजनीति का कांग्रेस पूरी ताकत से विरोध करेगी।