हम लोग सनातन को भूल रहे हैं, यह हमारी सबसे बड़ी भूल है- एक्टर रॉकसन वाटकर

9/18/2023 5:15:49 PM

आबू रोड। 'नौ साल से मेरे शरीर में खून नहीं बन रहा है, डॉक्टरों ने कहा था कि आप छह माह ही जीवित रहेंगे। लेकिन फिर भी मैं आज जिंदा खड़ा हूं तो उसका कारण है अध्यात्म। मुझे नहीं पता कि जीवन का कौन सा पल मेरा अंतिम क्षण हो। मैं हर पल मौत को सामने देख रहा हूं। यदि मालिक मुझे जिंदा रख रहा है तो इसका मतलब है कि वह मुझसे कुछ अच्छा करवाना चाहता है। जब सारे रास्ते बंद हो जाते हैं तब अध्यात्म का रास्ता हमेशा खुला रहता है। हम लोग सनातन को भूल रहे हैं, यह हमारी सबसे बड़ी भूल है। कुछ लोग हिंदुस्तान के कल्चर को खत्म करने की सोच रहे हैं। लेकिन मुझे आश्चर्य हो रहा है कि बॉलीवुड के लोग चुप क्यों हैं।' 
 
उक्त उदार मुंबई से आए प्रोड्यूसर और हॉलीवुड-बॉलीवुड एक्टर रॉकसन वाटकर ने व्यक्त किए। एक्टर वाटकर अब तक 300 से अधिक हॉलीवुड और 200 से अधिक बॉलीवुड की फिल्में कर चुके हैं। दरअसल वह ब्रह्माकुमारीज़ के शांतिवन परिसर स्थित डायमंड हाल में चल रहे समाज सेवा प्रभाग के राष्ट्रीय सम्मेलन के सुबह के सत्र में शामिल हुए थे। जहां उन्होंने सभा को संबोधित करते हुए यह बात कही। 
 
'शिकायत से सम्मान की ओर' विषय पर उन्होंने कहा कि सोच बदलो, दुनिया बदल जाएगी। विचारों को बदलो, सब बदल जाएगा। मुझे मानव जीवन मिला है तो मैं देश और समाज के लिए कुछ अच्छा करुं, यही जीवन का मकसद है। एक्टर वाटकर ने कहा कि आज का युवा भारत की संस्कृति को भूल रहा है। मैंने कभी भी गुटखा, तंबाकू और वाइन का विज्ञापन नहीं किया है और ना ही करुंगा। मेरा मकसद है कि भारत की आध्यात्मिक शक्ति को सबके सामने रुबरु कराना। 

Afjal Khan

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