इस गांव के ग्रामीण पिछले 8 सालों से लगातार करते आ रहे मतदान का बहिष्कार ?
Wednesday, Nov 13, 2024-03:16 PM (IST)
दौसा, 13 नवंबर 2024 । दौसा विधानसभा उपचुनाव को लेकर एक तरफ तो लोगों में काफी उत्साह देखने को मिला है । लेकिन दूसरी तरफ दौसा का एक गांव ऐसा भी हैं जहां करीब 8 सालों से मतदान का लगातार बहिष्कार किया जा रहा है । ऐसे में अबकी बार भी इस गांव के ग्रामीणों ने चुनावों का बहिष्कार करते हुए मतदान नहीं किया है । तो अब वो गांव कौनसा हैं, इसको लेकर हम आपसे चर्चा करेंगे ।
हम बात कर रहे हैं दौसा विधानसभा के बिगास गांव की । जहां के ग्रामीण लगभग 10 बार मतदान का बहिष्कार कर चुके हैं, उनकी मांग यह है कि पहले इनका गांव हिंगोटिया पंचायत के अधीन आता था । बाद में बिगास गांव को नए परिसीमन के तहत नवसृजित पंचायत ठिकरिया में जोड़ दिया गया, जिसके चलते ग्रामीणों में रोष व्याप्त हो गया । इसी बात को लेकर इन लोगों ने मतदान का बहिष्कार कर दिया । अब इन लोगों की मांग यह है कि जब तक बिगास गांव को फिर से हिंगोटिया पंचायत में नहीं जोड़ा जाएगा तब तक मतदान का बहिष्कार रहेगा ।
जिसके चलते ग्रामीणों का कहना है कि जब से इनको हिंगोटिया पंचायत से अलग किया गया है तब से ग्रामीणों के तमाम कामकाज डिस्टर्ब हो गए है, क्योंकि ठीकरिया गांव हिंगोटिया गांव की वनस्पति ज्यादा दूरी पर स्थित है । बता दें कि मतदान का बहिष्कार पिछले आठ सालों से लगातार जारी है।
लेकिन सबसे बड़ी बात यह भी है कि आज तक जिला प्रशासन ने कई बार यहां आकर समझाइश भी की, इसके बावजूद मतदान का बहिष्कार अब तक भी जारी है । कांग्रेस कार्यकाल में हुए मतदान के इस बहिष्कार के बाद अब राज बदल गया है, तो लोगों को उम्मीद भी है, कि अब रिवाज भी बदल जाए तो यह लोग मतदान कर पाए । खबर लिखे जाने तक यहां की स्थिति यह है कि 909 मतदाताओं में से मात्र 9 लोगों ने यहां आकर मतदान किया है । वह भी दूसरी ढाणी के बताए जा रहे हैं ।
वहीं मतदान के इस बहिष्कार में सरकारों के लिए सबसे बड़ी शर्म की बात यह भी है कि जहां सरकार एक तरफ ज्यादा से ज्यादा मतदान करने के लिए प्रेरित करती है । वहीं दूसरी तरफ इस गांव के बाशिंदों को वोट दिए आज 8 साल का समय हो गया, लेकिन उनकी बात आज तक किसी भी सरकार की ओर से नहीं मानी गई ।