कल जैसलमेर से दुनिया में जाएगा सेवा का संदेश, यूनाइटेड ग्लोबल पीस फाउण्डेशन जैसलमेर में राष्ट्रीय सम्मेलन की करेगा मेजबानी, ''सेवा परमो धर्मः मिशन'' को लेकर देशभर के जुटेंगे दिग्गज
Thursday, Oct 17, 2024-04:20 PM (IST)
जैसलमेर, 17 अक्टूबर 2024 । जैसलमेर में कल यूनाइटेडग्लोबल पीस फाउण्डेशन द्वारा प्रतिष्ठित होटल सूर्यागढ़ रिसोर्ट में यूनाइटेड कॉन्शियसनेस संगठन, विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों के सहयोग से, "सेवाः परमो धर्म" थीम के तहत एचआर-सीएसआर पर राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने जा रहा है।इस दो दिवसीय कार्यक्रम में प्रसिद्ध वक्ता, विद्वान और कॉर्पोरेट नेता प्राचीन भारतीय ज्ञान से प्रेरित सेवा की भावना या "सेवा" को बढ़ावा देने में कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) और मानव संसाधन प्रथाओं की भूमिका पर चर्चा करने के लिए एक साथ आएंगे।
मानव संसाधन और सामुदायिक सामाजिक जिम्मेदारी को विश्व कल्याण और मानव सेवा में कैसे उपयोग में लिया जाए। यह एक महत्वपूर्ण विषय है। युनाइटेडग्लोबल पीस फाउण्डेशन के बैनर तले हो रही इस सेमिनार के पहले दिन के सत्र में ज्ञानयोग के माध्यम से सेवा, कर्मयोग के माध्यम से सेवा, उपासना योग के माध्यम से सेवा और ज्ञान निष्ठा विषय पर चर्चा, मंथन और मनन होगा।
18 और 19 अक्टूबर को होने वाले इस सम्मेलन में कई प्रतिष्ठित अतिथि, कंपनियों के हैड शामिल होंगे। उद्घाटन समारोह में अन्य उल्लेखनीय वक्ताओं के अलावा आरएमपी, मुंबई के उपाध्यक्ष डॉ. विनय सहस्रबुद्धे और विवेकानंद केंद्र की उपाध्यक्ष पद्मश्री निवेदिता भिड़े द्वारा संबोधन शामिल होंगे।
मुख्य विषय और सत्रः सम्मेलन में तीन मुख्य दृष्टिकोणों से सेवा की मौजूदा अवधारणा और संभावनाशील विषयों पर चर्चा होगी। ज्ञान योग के माध्यम से सेवाः प्राचीन भारतीय शिक्षाओं से प्राप्त ज्ञान आधुनिक सीएसआर पहलों का मार्गदर्शन कैसे कर सकता है, इस पर ध्यान केंद्रित करने वाला एक महत्वपूर्ण सत्र होगा। कर्म योग के माध्यम से सेवाः सफल सीएसआर परियोजनाओं पर प्रकाश डालना और यह पता लगाना कि कंपनियाँ अपने सामाजिक उत्तरदायित्व प्रयासों को कैसे आगे बढ़ा सकती हैं। उपासना योग के माध्यम से सेवाः संगठनों के भीतर सेवा की संस्कृति को बढ़ावा देने में मानव संसाधन पेशेवरों की भूमिका पर चर्चा।
प्रत्येक सत्र में विशेषज्ञों द्वारा वार्ता, उसके बाद खुली चर्चा और कार्रवाई योग्य परिणामों पर मतदान शामिल होगा। सम्मेलन का उद्देश्य स्पष्ट, व्यावहारिक रणनीतियाँ तैयार करना है जिन्हें पूरे भारत में विभिन्न सीएसआर पहलों में लागू किया जा सकता है। इस आयोजन से बौद्धिक चर्चाओं के अलावा, ज्ञान निष्ठा सत्रों की एक प्रभावी संवाद श्रृंखला की अनूठी शुरूआत होगी। साथ ही देशभर में काम करने वाले बड़े समूहों के माध्यम से सांस्कृतिक और नेटवर्किंग के अवसर भी उपलब्ध हो सकेंगे। अंतिम दिन यानि कि 19 अक्टूबर को दो दिवसीय संवाद, मनन, चिंतन और मंथन के बाद सामने आए बिंदुओं पर निर्णय किए जाएंगे। इसके बाद 19 अक्टूबर को मध्य प्रदेश के संस्कृति मंत्री श्री धर्मेंद्र सिंह लोधी के सम्बोधन के बाद समापन होगा। प्राचीन भारतीय ज्ञान को आधुनिक कॉर्पोरेट से जोड़ने पर ध्यान केंद्रित करते हुए, यह एक अनूठा सम्मेलन होगा। जो मानव संसाधन और सीएसआर के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगा। यूनाइटेड ग्लोबल पीस फाउंडेशन भी इस मंच से शुरूआत करके सेवा के माध्यम से वैश्विक सद्भाव के अपने मिशन को आगे बढ़ाएगा।