एक दूसरे की टेरेटरी को ओवरलैप कर रहे है रणथंभौर के टाईगर जानिए क्या है वजह ?
Wednesday, Jan 08, 2025-12:19 PM (IST)
रणथंभौर का रहस्य: जंगल के राजा का नया रूप
आमतौर पर एक टाइगर अपने आसपास या अपने इलाके में किसी दूसरे टाइगर को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करता ।आंख दिखते ही मरने मारने को उतारू हो जाता है। क्यो की यह उसका अनुवांशिकी गुण है। लेकिन राजस्थान के सबसे बड़े सवाई माधोपुर स्थित रणथंभौर नेशनल पार्क में अब ऐसे दृश्य भी देखने को मिल रहे हैं जहां एक ही इलाके में एक से अधिक टाइगर रह रहे हैं। यह अपने आप में दुनिया का बड़ा आश्चर्य है। रणथंभौर नेशनल पार्क में लगभग 75 बाघ बाघिन स्वच्छंद रूप से विचरण करते हैं कई बार इनके बीच टेरिटोरियल फाइट भी देखने को मिलती है। टाइगर को जंगल का राजा कहा जाता है जो अपने इलाके में अपना ही अस्तित्व रखता है ।दूसरे टाइगर की बेदखली को बर्दाश्त नहीं करता। रणथंभौर नेशनल पार्क में टेरिटोरियल फाइट में अब तक कई टाइगर की जान भी जा चुकी है। टाईगर के बीच अनगिनत बार आपसी संघर्ष भी देखने को मिला है ।लेकिन संघर्ष में एक टाइगर ने दूसरे को मार ही दिया हो इसके तथ्य उंगलियों पर गिने जा सकते है।संघर्ष में एक टाइगर दूसरे टाइगर को खदेड़कर अपने इलाके से बाहर का रास्ता दिखा देता है। लेकिन रणथंभौर नेशनल पार्क के खासतौर से खंडार रेंज में ऐसा वाक्य देखने को मिल रहा है जिसकी लोग अक्सर कल्पना नहीं करते। यहां टाइगर की एक ही टेरिटरी में कई बाघों का आना-जाना लगातार लगा हुआ है। जिसे देखकर न सिर्फ पर्यटक बल्कि वन्य जीव प्रेमी भी बेहद रोमांचित हो रहे हैं। रणथंभौर नेशनल पार्क की खंडार रेंज में लगभग 10 मेल टाइगर है । लेकिन हैरत की बात यह है कि 150 वर्ग किलोमीटर के दायरे में सभी 10 मेल टाइगर आराम से रह रहे हैं और एक दूसरे की टेरिटरी को ओवरलैप कर रहे हैं। रणथंभौर नेशनल पार्क की खंडार रेंज के अंतर्गत ठुमका नकदी , छदाली, गिलाई सागर, इंडाला , जेलखोह, लाहपुर आदि वनक्षेत्र हैं । जिनमें टाइगर टी 123, टी 137,टी 129, टी 2304 ,टी 2406, टी96, टी132, टी 2306 आदि टाइगर स्वच्छंद रूप से विचरण कर रहे हैं। खास बात यह है कि सभी टाइगर एक दूसरे की टेरिटरी में बड़ी ही आसानी से आ जा रहे हैं। प्रत्येक टाइगर एक दूसरे की टेरिटरी को ओवरलैप कर रहा है। आमतौर पर एक टाइगरको टेरिटरी के लिए लगभग 25 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल की दरकार होती है । उसे लिहाज से लगभग 250 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल इन 10 टाइगर को टेरिटरी के लिए चाहिए । लेकिन स्थान का अभाव होने के चलते टाइगर ने एक दूसरे के साथ अपने आप को ढाल लिया है। वन्यजीव विशेषज्ञों द्वारा टेरिटरी को टाइगर द्वारा ओवरलैप किए जाने को होम टेरिटरी की संज्ञा भी दी जा रही है। रणथंभोर में खासतौर से वर्तमान में फीमेल की संख्या कम है वही उनके मुकाबले मेल टाइगर अधिक हो गए हैं। फिलहाल रणथंभोर की खंडार रेंज में मेल टाइगर भले ही एक दूसरे की टेरिटरी को ओवरलैप कर रहे हो, यह उनके बदलते व्यवहार का भी द्योतक है।लेकिन ये टाइगर अपना अस्तित्व दिखाते हुए कब एक दूसरे से भिड़ जाए इस संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता।