डिग्गी में नहाने गए दो बच्चों के डूबने से हड़कंप, पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से बाहर निकलवाए दोनों बच्चों के शव, गांव में छाया मातम
Friday, Aug 16, 2024-03:41 PM (IST)
चूरू/रतनगढ़, 16 अगस्त 2024। प्रदेशभर में अभी पिछले कई दिनों से बारिश का दौर लगातार जारी है । ऐसे में बारिश से बांध लबालब हो गए तो कई जगह सड़कें दरिया बन गई । इसी कड़ी में कई जगहों पर बारिश का पानी लोगों की मौत बनकर सामने आया हैं । सरकार भी इसको लेकर पूरी तरह से प्रयासरत हैं । वहीं दूसरी ओर खेतों में बनी डिग्गी में भरे पानी में डूबने से मौत का सिलसिला लगातार जारी है । जी हां, हम बात कर रहे हैं रतनगढ़ के एक खेत में बनी डिग्गी की । जहां गुरुवार को दो बच्चों की डिग्गी में डूबने से मौत हो गई । जिससे आसपास के इलाकों में हड़कंप मच गया ।
दरअसल, गुरुवार को रतनगढ़ तहसील के हंसासर गांव में तीन बच्चे डिग्गी में नहाने गई थे । इस दौरान पैर फिसलने से दो बच्चे डूब गए, दोनों बच्चों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया । हालांकि डिग्गी के बाहर खड़े तीसरे बच्चे ने गांव में जाकर घटना के बारे में बताया तो वहां लोगों की भीड़ लग गई । वहीं ग्रामीणों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी, तो पुलिस ने आनन फानन में मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों की मदद से दोनों बच्चों के शवों को डिग्गी से बाहर निकलवाया । हादसा चूरू जिले के रतनगढ़ तहसील के हंसासर गांव में गुरुवार शाम 4 बजे हुआ।
थानाधिकारी दिलीप सिंह शेखावत ने बताया कि गांव के तीन बच्चे जितेन्द्र सिंह के खेत में बने डिग्गी में नहाने गए थे। मोहित नायक (10) और बाबूलाल नायक (11) पानी में डूबने लगे। दोनों बच्चों के डूबने की सूचना बाहर खड़े बाबूलाल नायक (12) पुत्र शुभा नायक ने गांव में जाकर ग्रामीणों को दी। हालांकि ग्रामीणों के मौके पर पहुंचने से पहले ही मोहित और बाबूलाल नायक की मौत हो चुकी थी। वहीं थानाधिकारी ने बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर वे टीम के साथ मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों की मदद से काफी मशक्कत के बाद शवों को तालाब से बाहर निकलवाया। देर शाम होने के कारण पुलिस ने दोनों शवों को अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। शुक्रवार को पुलिस ने दोनों शवों का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है।
हादसे के बाद गांव में पसरा सन्नाटा
लिहाजा, गांव में दो बच्चों की मौत के बाद मानों मातम और सन्नाटा पसर गया हो। ऐसे में गांव में गुरुवार की रात घरों में चूल्हें तक नहीं जले। शुक्रवार को गमगीन माहौल में दोनों बच्चों का अंतिम संस्कार किया गया। जिसमें गांव के सैंकड़ों लोग मौजूद रहे।
मोहित के पिता की पहले हो चुकी मौत
आपको बता दें कि डिग्गी में डूबने वाले मोहित के पिता नहीं थे। वह एक मात्र अपने घर का चिराग था। मोहित गांव के ही सरकारी स्कूल की पांचवीं क्लास में पढ़ता था। तो वहीं दूसरा मृतक बालक बाबूलाल नायक अपने तीन भाइयों में सबसे छोटा था। और मोहित के साथ ही पांचवीं क्लास में पढ़ता था। बाबूलाल नायक के पिता खेती और मजदूरी कर अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं।