पशु मेले की परंपरा खतरे में, बेनीवाल बोले- ''किसानों के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं''

Sunday, Aug 17, 2025-03:56 PM (IST)

जयपुर/नागौर, 17 अगस्त 2025 । राजस्थान के परबतसर में आयोजित श्री वीर तेजा पशु मेले में किसानों और पशुपालकों के साथ हुई मारपीट ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। तथाकथित संगठनों और फर्जी गौ-भक्तों पर सवाल उठाते हुए नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने सरकार से कड़े शब्दों में जवाब मांगा है। बेनीवाल ने कहा कि ऐसे लोग न केवल किसानों को परेशान कर रहे हैं, बल्कि सदियों से चली आ रही पशु मेलों की परंपरा और संस्कृति को भी खतरे में डाल रहे हैं। आखिर पूरा मामला क्या है और बेनीवाल ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को क्या सीधी चुनौती दी है…?

नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने सोशल मीडिया पर इस पूरे मुद्दे को उठाते हुए कहा कि, नागौर संसदीय क्षेत्र के परबतसर में आयोजित श्री वीर तेजा पशु मेले में तथाकथित संगठनों व गौ भक्ति के नाम का झूठा चोला ओढ़कर कुछ लोगो ने जिस तरह किसानों / पशुपालकों के साथ मारपीट की वो निंदनीय है, यह मामला केवल इस मेले तक सीमित नहीं है,नागौर के विश्व विख्यात श्री रामदेव पशु मेले की बात करें या मेड़ता के पशु मेले की बात करें,ऐसे लोग हमेशा खेती के लिए क्रय करने के बाद परिवहन करके बेलों को ले जाते समय भी किसानों / पशुपालको को तंग करते है | आज ट्रेक्टर सहित अन्य मशीनरी आ गई बावजूद इसके राजस्थान के कई इलाकों में और मध्यप्रदेश,महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में बेलों से खेती होती है, चूंकि पशु मेले हमारी सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है और इन मेलों के आयोजनों से न केवल किसानों / पशुपालकों को आर्थिक लाभ मिलता है बल्कि संस्कृति भी मजबूत होती है लेकिन गौ -भक्ति का फर्जी चोला ओढ़ने वाले कुछ संगठन केवल और केवल दिखावा करने के उद्देश्य से पशुपालकों को परेशान करके ऐसे कृत्य करते है,यह कृत्य न केवल मेलों की व्यवस्था को प्रभावित करते है बल्कि आने वाले दिनों यदि ऐसा ही चलता रहा तो पशु मेलों का आयोजन केवल इतिहास बनकर रह जाएगा |

उन्होंने कहा कि मजबूत कद-काठी के कारण देशभर में विख्यात नागौरी नस्ल के बैलों को नागौर से देशभर में राजस्थान के साथ खासकर यूपी,एमपी,पंजाब , हरियाणा व महाराष्ट्र के किसान खेती के लिए ले जाते थे मगर जब से 3 साल से कम उम्र के बछड़ों के परिवहन पर रोक लगी तब से जो हालत बने वो न केवल पशुपालकों के लिए बल्कि आम आदमी के लिए चिंता का बहुत बड़ा विषय बनकर सामने आया । क्योंकि इस वजह से पशु मेलें सिमट कर रह गए और सड़कों पर बेसहारा पशुओं का जमघट बढ़ गया और दुर्भाग्य इस बात का है कि जब यह प्रतिबंध लगा तब कोई बछड़े और बेल की परिभाषा की व्याख्या करने वाला भी नहीं था ।

आगे बेनीवाल ने कहा कि मैं राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को कहना चाहता हूं कि आपने मुख्यमंत्री बनने के बाद राजस्थान की विधानसभा में कहा था कि वो खुद परबतसर के पशु मेले से मालगाड़ी में बेल लेकर आए थे तो क्या आपको मेलों में आए पशुपालकों के हितों की चिंता नहीं है ? यदि वास्तव में आपको पशुपालकों की चिंता है तो ऐसे फर्जी गौ-भक्तों पर लगाम लगाने हेतु विशेष कानून बनाए अन्यथा राजस्थान की जनता यह समझेगी की राजस्थान की विधानसभा के रिकॉर्ड में आपने यह झूठ बोला था कि आप खुद परबतसर के पशु मेले से बेल मालगाड़ी में लेकर आए थे । मैं मुख्यमंत्री जी को यह भी कहना चाहता हूं कि आपकी भाजपा पार्टी गायों के नाम पर वोट जरूर ले लेती है लेकिन बदले में आपने गायों के लिए क्या किया ? हाल ही में एक रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान की 2 हजार से अधिक गौशालाओं का 1000 करोड़ से अधिक का अनुदान इस वजह से अटका हुआ है क्योंकि इसके लिए आपकी सरकार ने प्रक्रिया को जटिल कर दिया ।

बेनीवाल ने कहा कि सड़को पर बेसहारा गाय और गौ-वंश चारे -पानी के अभाव में दम तोड़ रहे है ,एक बेसहारा गौवंश की क्या स्थिति हो जाती है यह किसी से छुपी हुई नहीं है ऐसे में, मैं गौ भक्ति का फर्जी चोला ओढ़कर पशुपालको को तंग करने वाले तथाकथित संगठनों व लोगों को कहना चाहता हूं कि यदि वास्तव में आपको गायों की सेवा करनी है तो बेसहारा गायों और गौवंश की देखभाल करो, उनके लिए चारे -पानी का प्रबंध करो ताकि प्लास्टिक खाने से गायों व गौवंश की अकाल मृत्यु नहीं हो ,क्योंकि ऐसे पशु मेलों में किसानों को परेशान करने से कुछ हासिल नहीं होगा ।

साथ ही उन्होंने कहा कि मैं पुनः कहना चाहता हूं कि पशु मेलें हमारी सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है और इन मेलों के अस्तित्व को बचाना और मेलों में क्रय किए गए पशुओं के परिवहन में पशुपालको/किसानों को कोई दिक्कत नहीं आए यह दायित्व शासन -प्रशासन का है और उस दायित्व को उन्हें निभाना चाहिए |

परबतसर प्रकरण को लेकर मैंने राजस्थान पुलिस के डीजीपी से दूरभाष पर वार्ता की है और उन्हें कहा कि तथाकथित फर्जी गौ -भक्तों के खिलाफ जो मुकदमे दर्ज हुए हुए , उन मुकदमों में गंभीरता के साथ कार्यवाही करवाते हुए ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया जाए ताकि एक संदेश जाए और ऐसी घटनाओं की पुनरावृति नहीं हो इसकी सुनिश्चिता की जाए ।

तो ये था परबतसर पशु मेले में किसानों और पशुपालकों के साथ हुई मारपीट का मामला, जिस पर हनुमान बेनीवाल ने सरकार और तथाकथित संगठनों को कठघरे में खड़ा किया है। बेनीवाल का साफ कहना है कि अगर ऐसे फर्जी गौ-भक्तों पर लगाम नहीं लगी तो पशु मेले सिर्फ इतिहास बनकर रह जाएंगे और किसानों का सीधा नुकसान होगा। अब देखने वाली बात होगी कि क्या मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा इस पर कोई ठोस कदम उठाते हैं या फिर पशुपालकों की आवाज़ एक बार फिर अनसुनी रह जाएगी। फिलहाल के लिए इतना ही, बने रहिए पंजाब केसरी राजस्थान के साथ....


Content Editor

Chandra Prakash

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