पंच कल्याण प्रतिष्ठा महोत्सव के दौरान बोले आचार्य सुनील सागर- सज्जनों की संख्या धर्म को बढ़ाती है
Friday, Nov 22, 2024-06:57 PM (IST)
सज्जनों की संख्या धर्म को बढ़ाती है। सबसे पुण्यशाली हम लोग है जो भगवान की भक्ति कर रहे है। भक्ति भाव में बितना ही जीवन की सार्थकता है। उक्त बात प्राकृत ज्ञान केसरी, प्राकृत मार्तण्ड राष्ट्र संत आचार्य सुनील सागर महाराज ने नव निर्मित श्री आदिनाथ जिनालय का भव्यतम श्रीमद् आदिनाथ जिनबिम्ब पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव एवं विश्व शांति महायज्ञ के तहत शुक्रवार को जन्म कल्याण महोत्सव के तहत आयोजित मंगल प्रवचन के दौरान धर्मसभा को संबोधित करते हुए कही।
सुन्दरता तो भीतर से आती है :- आचार्य श्री
पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव समिति के तत्वाधान में आयोजित जन्म कल्याण महोत्सव के तहत धर्मसभा को संबोधित करते हुए आचार्य सुनील सागर महाराज ने कहा कि भक्ति भाव में बितना ही जीवन की सार्थकता है। महावीर स्वामी जैसे विरले होते है जो तारने व तराने तथा नवकार के लिए जन्म लेते है। यह उनके पुण्य प्रताप ही है जो हजारों वर्श से हम उनका जन्म कल्याण महोत्सव मनाया जा रहा हैं। सबसे पुण्यशाली हम लोग है जो भगवान की भक्ति कर रहे है। जिसकी जहां भूमिका है वह व्यक्ति वहां सम्मानीय होता है। भूमिका के साथ ही सबकी अपनी पूज्यता होती है, सबका अपना सम्मान होता है। हमें इस बात को समझना होगा।
आचार्य ने कहा कि जब जब धरती पर पाप बढ़ जाता है तब तब भगवान और तीर्थंकर के माध्यम से सारी दुनिया को मोक्ष का मार्ग मिलता है। जिसने जितने ऊंचे विचार बनाये, सोच ऊंची बनाई उसका उतना ही ऊंचा अभिशेक हुआ है। जनसंख्या नही सज्जन संख्या बढ़नी चाहिए। सज्जनों की संख्या धर्म को बढ़ाती है। जिनके जीवन में उत्साह है उनके लिए कुछ भी दुर्लभ नहीं। जो धर्म को नहीं छोड़ेगा तो धर्म भी उसको नहीं छोड़ेगा। जो धर्म की रक्षा करेगा, धर्म उन लोगों की रक्षा करेगा। सज्जनता सक्रिय होनी चाहिए। आज भी समाज में सज्जनों की कोई कमी नहीं है। मूल बात यह है कि सज्जन सक्रिय और संगठित नहीं हैं। आज सब जगह मिलावट है लेकिन बिना मिलावट वाली जिनवाणी मिल जाए तो यह जीवन का सौभाग्य है।
उन्होंने कहा कि आज हम लाईट जैसे विलासिता के साधनों पर हद से ज्यादा आश्रित हो गये है। इन पर बहुत ज्यादा आश्रितता इंसान की मूर्खता है और समय रहते हमें चेतना पड़ेगा। जितना ज्यादा व्यक्ति लाईट पर आश्रित होता चला जायेगा, उतना उसका अवसर भूल जायेगा, अपंग होता चला जायेगा। विलासिता में भोग व ऐशो आराम का महत्व ही सर्वोपरि होता है। विलासितापूर्ण जीवन शैली से व्यक्ति स्वयं आलसी बन जाता है। विलासिता पूर्ण जीवन शैली से श्रम व जिम्मेदारी का महत्व खत्म हो जाता है। पहले दिनचर्या श्रमता पर आधारित हुआ करती थी लेकिन आज विलासिता पर आधारित है। इससे इंसान आलसी होता जा रहा है। इसने मनुष्य को शारीरिक, मानसिक, और आर्थिक रूप से पंगु बना दिया है। जब व्यक्ति सुख वैभव भोगता है तो उससे बाद में शारीरिक परिश्रम नहीं हो पाता ।
व्यक्तित्व में ज्यादा लीपापोती के स्थान पर नैचुरल ब्यूटी को ज्यादा महत्व दिया जाना चाहिए। आप जैसे है वैसे ही अच्छे है। तन की सुन्दरता थोड़े समय के लिए होती है जबकि मन की सुन्दरता जीवन पर्यन्त बनी रही है। सुंदर व्यवहार जीवन भर याद रहता है। अपने चेहरे और शरीर की सुंदरता से ज्यादा अपने व्यवहार की सुंदरता पर ध्यान देना चाहिए। मनुष्य जीवन में व्यक्तित्व का विशेष महत्व होता है। हर मनुष्य का अपना-अपना व्यक्तित्व, अपनी पहचान है। सुन्दरता के नाम पर बहुत घोटाला होता है तथा कम्पनियां ऐसी ऐसी चीजे मिला दी जाती है जो धर्म आचरण के विपरीत होती है।हमें आचार विचार की षुद्धि का पूर्ण ध्यान रखना चाहिए। सुन्दरता के लिए फालतू चीजों का इस्तेमाल नही करना चाहिए। यदि करना भी पड़े तो उस प्रोडक्ट की संपूर्ण जानकारी प्राप्त करके ही इस्तेमाल करना चाहिए। सुन्दरता तो भीतर से आती है, बाहर से लीपा पोती करने से या दिखावा करने से नही आती है। प्रभु भक्ति के लिये चाव एवं भाव बने रहे ऐसी ही मंगल कामनायें करते है।
शुक्रवार को आयोजित हुआ कार्यक्रम
महोत्सव समिति अध्यक्ष डॉ. ज्ञान सागर व सुनील पाटनी ने बताया कि शुक्रवार 22 नवंबर को जन्म कल्याण महोत्सव मनाया गया। इसके तहत प्रातः 7.30 बजें भगवान का जन्मोत्सव, 10.30 बजें जन्म कल्याण की षोभायात्रा निकाली गई। दोपहर में पाण्डुक शिला पर जन्माभिशेक, नामकरण आदि का वृतान्त वर्णित किया गया। अनुज जैन, पूर्णेश गोधा, षैलेश पाटनी, आशा वेद, रंजना रमावत आदि ने व्यवस्थाओं में सहयोग किया। डॉ. नेमीचंद अग्रवाल ने बताया कि षनिवार को दीक्षा कल्याणक महोत्सव के तहत षनिवार को आचार्य श्री के मंगल प्रवचन के साथ ही षांति हवन, युवराज अभिशेक, मंगलाश्टक, भगवान की दीक्षा विधि कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। शनिवार रात्रि को टीवी एवं फिल्म कलाकार राजा रेंचो का हास्य व्यंग्य कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा।