सीमा ज्ञान किए बिना वापस लौटी नगर परिषद की टीम, जानिए क्या है पूरा मामला ?

Wednesday, Sep 04, 2024-08:01 PM (IST)

  • ग्रामीणों के विरोध के चलते सीमा ज्ञान किए बिना लौटी नगर परिषद की टीम
  • ग्रामीण बोले, 'एक ईंच जमीन पर भी नगर परिषद को नहीं करने देंगे कब्जा'
  • चक पांच केएनजे स्थित 17 बीघा भूमि का सीमा ज्ञान करने मक्कासर पहुंची थी टीम

 

नुमानगढ़, 4 सितंबर 2024 : ग्राम पंचायत मक्कासर के चक पांच केएनजे स्थित 17 बीघा भूमि का सीमा ज्ञान करने बुधवार को गांव मक्कासर पहुंची नगर परिषद व राजस्व विभाग की टीम को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। दर्जनों की संख्या में एकत्रित ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत सरपंच के नेतृत्व में रास्ता रोकते हुए अधिकारियों के वाहनों को आगे नहीं जाने दिया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि ग्राम पंचायत मक्कासर की भूमि पर नगर परिषद जबरन कब्जा करना चाहती है, लेकिन वे ऐसा नहीं होने देंगे और डटकर विरोध किया जाएगा। ग्रामीणों के विरोध के चलते नगर परिषद व राजस्व विभाग की टीम सीमा ज्ञान की कार्रवाई किए बिना ही वापस लौट गई। 

इस भूमि पर गत 60 वर्षों से मक्कासर के लोगों की रिहायश है- सरपंच 
ग्राम पंचायत सरपंच ने बताया कि ग्राम पंचायत मक्कासर के दक्षिण दिशा में स्थित चक पांच केएनजे में 17 बीघा भूमि के सीमा ज्ञान/निशानदेही की कार्रवाई नगर परिषद करना चाहती है। नगर परिषद की ओर से 2012 में न्यायालय आदेश पारित करवा कर उक्त रकबा अपने नाम से इंतकाल दर्ज करवाया गया है। नगर परिषद की ओर से एकपक्षीय आदेश प्राप्त कर उक्त भूमि को अपने नाम से दर्ज करवा लिया गया। अगर उक्त भूमि में भविष्य में नगर परिषद किसी भी प्रकार से कोई दखलअंदाजी करती है तो इस भूमि पर करीब 60 वर्षों से काबिज लोगों को बेघर होना पड़ेगा, जो किसी भी प्रकार से न्यायोचित नहीं है। उन्होंने बताया कि इस भूमि पर गत 60 वर्षों से मक्कासर के लोगों की रिहायश है। इस रकबा पर निवास करने वाले तकरीबन सभी लोगों को ग्राम पंचायत की ओर से पट्टे भी जारी किए हुए हैं। बिजली व पानी के कनेक्शन भी लगभग 40-40 वर्ष पुराने हैं। समय-समय पर ग्राम पंचायत की ओर से उक्त आबादी भूमि में सडक़, नाली निर्माण इत्यादि कार्य करवाए गए हैं। इससे यह साबित होता है कि उक्त भूमि मक्कासर की रिहायशी भूमि है। 

शहर में बेचने के लिए जमीन नहीं तो ग्राम पंचायत की भूमि पर नजर- मनप्रीत सिंह
उन्होंने बताया कि गांव के पानी की निकासी भी इस भूमि में होती है। अगर इस जमीन पर नगर परिषद कब्जा कर लेती है तो पानी की निकासी अवरूद्ध होने से गांव के डूबने का खतरा पैदा हो जाएगा। भाखड़ा प्रोजेक्ट चेयरमैन मनप्रीत सिंह ने आरोप लगाया कि नगर परिषद के पास शहर में बेचने के लिए कोई जमीन नहीं बची तो अब ग्राम पंचायत की भूमि पर नजर है। लेकिन इस भूमि पर बसे लोगों को उजडऩे नहीं दिया जाएगा। एक ईंच जमीन पर भी नगर परिषद को कब्जा नहीं करने देंगे। अधिकारियों को गांव में नहीं घुसने दिया जाएगा। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की कि उक्त भूमि के सीमाज्ञान/निशानदेही की कार्रवाई रुकवा ग्रामीणों को राहत प्रदान की जाए। इस मौके पर जगजीत सिंह, अमित गोदारा, भूपेन्द्र लिम्बा, ओम गोदारा, मोहनलाल, मलक सिंह, वेद मक्कासर, सतीश, सत्यनारायण शर्मा, भूप गोदारा, मनोज गोदारा, जगदीश, उधमसिंह आदि मौजूद थे।

गोपालकों-पशुपालकों को आवंटित करने का निर्णय
उधर, नगर परिषद के सहायक नगर नियोजक निखिल नेहरा ने बताया कि नगर परिषद की आठ बीघा भूमि तालाब क्षेत्र में आती है। बोर्ड की बैठक में यह भूमि गोपालकों व पशुपालकों को आवंटित करने का निर्णय लिया गया था। उस भूमि का सीमा ज्ञान करने के लिए नगर परिषद की टीम, राजस्व विभाग के पटवारी गांव में आए थे लेकिन ग्रामीणों ने सीमा ज्ञान करने की कार्रवाई नहीं करने दी गई। इसकी रिपोर्ट नगर परिषद सभापति व आयुक्त को प्रेषित की जाएगी। उन्होंने बताया कि रेवेन्यू रिकॉर्ड में यह जमीन हनुमानगढ़ नगर परिषद की है। जमाबंदी में भी यह जमीन नगर परिषद के नाम बोल रही है।

सीमा ज्ञान के लिए बनाई तकनीकी टीम
जानकारी के अनुसार नगर परिषद की ओर से चक पांच केएनजे स्थित जिस 17 बीघा भूमि को अपनी बताया जा रहा है उसे विकसित किया जाना है। विकसित किए जाने से पूर्व सीमा ज्ञान करवाए जाने के लिए नगर परिषद आयुक्त की ओर से मंगलवार को ही आदेश जारी कर तकनीकी टीम बनाई गई है। तकनीकी टीम में सहायक नगर नियोजक, राजस्व निरीक्षक, सहायक अभियंता, दो कनिष्ठ अभियंता, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी शामिल हैं। आयुक्त के आदेशानुसार बुधवार को नगर परिषद की तकनीकी टीम सीमा ज्ञान की कार्रवाई करने गांव मक्कासर पहुंची थी।


Content Editor

Chandra Prakash

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