कांग्रेस और सीपीएम के आरोपों पर स्वामी सुमेधानंद का जवाब

Friday, Jan 03, 2025-06:26 PM (IST)

सीकर | पूर्व लोकसभा सांसद और भाजपा के वरिष्ठ नेता स्वामी सुमेधानंद सरस्वती ने कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (सीपीएम) के नेताओं द्वारा राजस्थान की राज्य सरकार पर लगाए गए आरोपों पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में सरकार ने नए जिलों की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन किया, जिसने व्यापक अध्ययन के बाद ही सुझाव दिए।

जल्दबाजी में की गई जिलों की घोषणा: सुमेधानंद
भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजनीतिक लाभ के लिए आनन-फानन में नए जिलों की घोषणा कर दी थी। उन्होंने कहा, "रामलुभाया समिति की रिपोर्ट को सही ढंग से पढ़ा भी नहीं गया। आज जो नेता शेखावाटी की चिंता कर रहे हैं, वे तब कहां थे, जब इस क्षेत्र की जनता जल संकट से जूझ रही थी।" उन्होंने दावा किया कि भाजपा सरकार ने यमुना जल समझौता और कुंभाराम लिफ्ट कैनाल जैसी परियोजनाओं पर काम शुरू करके जनता को राहत दी।

उपराष्ट्रपति के अपमान का मुद्दा उठाया
स्वामी सुमेधानंद ने कहा कि शेखावाटी क्षेत्र के बेटे और देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को कांग्रेस ने कभी सम्मान नहीं दिया। उन्होंने कहा, "राज्यसभा में जब कांग्रेस ने उपराष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया, तो कांग्रेस और सीपीएम नेताओं ने इसका समर्थन किया। क्या तब उन्हें शेखावाटी के सम्मान का ख्याल नहीं आया?"

शेखावाटी में ब्रॉडगेज रेलवे लाइन का श्रेय भाजपा को
भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में ब्रॉडगेज रेलवे नेटवर्क का विस्तार हुआ, लेकिन शेखावाटी इससे वंचित रहा। उन्होंने कहा कि भाजपा के शासन में ही इस क्षेत्र को ब्रॉडगेज रेलवे लाइन का फायदा मिला। स्वामी सुमेधानंद सरस्वती के बयान से राजनीतिक माहौल गर्मा गया है। कांग्रेस और सीपीएम नेताओं की ओर से प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है।


 


Content Editor

Kuldeep Kundara

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