जयपुर-कोटा हाईवे जाम करने की तैयारी कर रहे नरेश मीणा के समर्थक, अलर्ट मोड पर पुलिस
Friday, Nov 15, 2024-02:40 PM (IST)
नरेश मीणा की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थक शुक्रवार को जयपुर-कोटा हाईवे पर बड़ी संख्या में जमा होने लगे हैं, जिससे स्थिति में और तनाव पैदा हो गया है। समर्थक अपने नेता की रिहाई के लिए दबाव बनाने के लिए सड़कों पर जाम लगाने की योजना बना रहे हैं। हाईवे के किनारे स्थित होटलों पर मीणा के समर्थक बैठक कर रहे हैं, जबकि सोशल मीडिया पर भी देवली में दौलता मोड़ और पनवाड़ मोड़ पर जाम लगाने की अपील की जा रही है। साथ ही गिरफ्तारी के विरोध में टोंक जिले के निवाई में मीणा समर्थकों की एक बैठक भी बुलाई गई है। इसके साथ ही प्रशासन और पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए सुरक्षा बढ़ा दी है।
पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की
टोंक और आसपास के इलाकों में पुलिस प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। विशेष कार्यबल (STF), राजस्थान सशस्त्र पुलिस (RAC) और स्थानीय पुलिस की टीमें तैनात की गई हैं। साथ ही पुलिस ने स्थानीय थानों से अतिरिक्त बल को बुला लिया है, ताकि स्थिति को काबू में रखा जा सके। गौरतलब है कि गुरुवार को नरेश मीणा के समर्थकों ने नेशनल हाईवे 116 और 148D पर जाम लगाकर विरोध प्रदर्शन किया था, जिससे यातायात प्रभावित हुआ। इस दौरान अलीगढ़ में मीडिया कर्मियों पर भी हमला किया गया, जिसमें समाचार एजेंसी पीटीआई के एक पत्रकार और कैमरा मैन घायल हो गए थे।
सोशल मीडिया पर पुलिस की पैनी नजर
पुलिस ने सोशल मीडिया पर अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए सख्त चेतावनी दी है। पुलिस अधीक्षक (SP) विकास सांगवान ने कहा कि, "अगर कोई नरेश मीणा के नाम से या फेक आईडी से अफवाह फैलाने की कोशिश करेगा, तो उसे गिरफ्तार किया जाएगा।" पुलिस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लगातार निगरानी रख रही है, ताकि किसी भी तरह की हिंसा या अशांति को बढ़ावा न मिले। पुलिस प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि जनता अफवाहों पर ध्यान ना दें और केवल विश्वसनीय स्रोतों से जानकारी प्राप्त करें।
कोर्ट में होगी नरेश मीणा की पेशी, इतने हुए गिरफ्तार
नरेश मीणा की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने 52 आरोपियों की पहचान की है, जो हाल ही में हुई आगजनी की घटनाओं में शामिल थे। पुलिस ने कहा कि इन सभी को भी अदालत में पेश किया जाएगा। पुलिस ने घटनाओं की वीडियोग्राफी कराई है, और अब उनके साथ जुटे अन्य लोगों की पहचान भी की जा रही है। यदि पहचान हो जाती है, तो उन्हें भी गिरफ्तार किया जाएगा।
टोंक जिले में शुक्रवार को स्थिति सामान्य रही, और सभी यातायात सेवाएं बहाल कर दी गई हैं। हालांकि, स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है। पुलिस प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड में है और यह सुनिश्चित कर रहा है कि विरोध प्रदर्शन हिंसा में न बदले। नरेश मीणा की गिरफ्तारी के बाद राज्य की राजनीति में हलचल है और आने वाले समय में इससे जुड़ी और घटनाएं सामने आ सकती हैं। आम लोग और स्थानीय प्रशासन दोनों को सतर्क रहने की जरूरत है ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके।