भीनमाल में छात्रसंघ चुनाव की बहाली को लेकर छात्र-छात्राओं का फूटा आक्रोश

Monday, Aug 04, 2025-03:39 PM (IST)

जालोर, 4 अगस्त 2025 । जीके गोवाणी महाविद्यालय, भीनमाल में छात्रसंघ चुनाव की बहाली को लेकर छात्र-छात्राओं का आक्रोश सोमवार को सड़कों पर फूट पड़ा। कॉलेज परिसर से निकलकर छात्र-छात्राओं ने मुख्य मार्ग पर जाम लगाकर टायर जलाए और उग्र प्रदर्शन किया। गगनभेदी नारों और हाथों में तख्तियां लिए छात्र लोकतंत्र की बहाली की मांग करते रहे।

पूर्ववर्ती सरकार पर आरोप
छात्रों ने बताया कि पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने वर्ष 2022 के बाद छात्रसंघ चुनावों पर रोक लगा दी थी, जिससे छात्रों की लोकतांत्रिक अभिव्यक्ति का मंच छिन गया। कॉलेजों में नेतृत्व विकसित करने की प्रक्रिया रुक गई और छात्र हितों की सीधी आवाज़ दबा दी गई।

पूरे प्रदेश में उठी बहाली की मांग
राज्यभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में छात्र लगातार मांग कर रहे हैं कि छात्रसंघ चुनाव जल्द कराए जाएं। कई स्थानों पर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे गए हैं, लेकिन सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है।

ABVP की छात्र नेत्री मोनिका चौधरी का बयान
ABVP की छात्र नेत्री मोनिका चौधरी ने मीडिया से बात करते हुए कहा –"छात्रसंघ चुनाव केवल सत्ता का हिस्सा नहीं, बल्कि छात्रहितों की सीधी भागीदारी का मंच है। सरकार अगर चुनाव नहीं कराती है तो हम पूरे प्रदेश में सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे। यह चुप नहीं बैठने वाला युवा है।"

शिक्षा नहीं, राजनीति से रोक?
विरोध करने वाले छात्रों का कहना है कि छात्रसंघ चुनाव रोककर सरकार छात्रों को नेतृत्व और निर्णय क्षमता से दूर करना चाहती है। छात्रों का यह भी आरोप है कि शैक्षणिक संस्थानों में प्रशासनिक मनमानी इसी कारण बढ़ी है।

छात्रसंघ: नेतृत्व की पहली पाठशाला
विशेषज्ञों का मानना है कि छात्रसंघ चुनाव ही वो पहली सीढ़ी होती है, जिससे छात्र समाजसेवा, लोकतंत्र, नेतृत्व और ज़िम्मेदारी का पाठ सीखते हैं। इन चुनावों से न केवल छात्र नेताओं का निर्माण होता है, बल्कि नीति निर्धारण में भी युवा शक्ति शामिल होती है।

सरकार को अब यह समझना होगा कि नई पीढ़ी केवल पढ़ने तक सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि अपने अधिकारों के लिए आवाज़ भी बुलंद कर रही है। छात्रसंघ चुनाव बहाल करना केवल एक राजनीतिक निर्णय नहीं बल्कि छात्र हितों की रक्षा और लोकतंत्र की मजबूती का प्रतीक होगा।

"जो युवा अपने हक़ के लिए सवाल करना सीख गया, वह कल का सशक्त नागरिक बनता है।"


Content Editor

Chandra Prakash

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