परमाणु बिजलीघर की अवाप्त जमीन खाली कराने गए पुलिस बल पर पथराव, एक पुलिसकर्मी को आई चोटें, पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े

Friday, Aug 02, 2024-01:58 PM (IST)

बांसवाड़ा, 2 अगस्त 2024 । बांसवाड़ा-रतलाम मार्ग पर बनने वाले परमाणु बिजलीघर के लिए पूर्व में अवाप्त की गई जमीन को खाली कराने के लिए गए प्रशासन और पुलिस अधिकारियों पर गुस्साए ग्रामीणों ने पथराव कर दिया । इस दौरान एक पुलिस कर्मी को गंभीर चोटें आई,  जिसके बाद पुलिसकर्मी को अस्पताल पहुंचाया गया । ऐसे में हालात संभालने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े स्थिति को काबू किया । फिलहाल मौके पर तनाव के हालात हैं और बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है ।

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करीब 40 हजार करोड़ रुपए की लागत से माही परमाणु बिजलीघर के निर्माण के लिए की गई थी भूमि अवाप्त
बता दें कि बांसवाड़ा में लगभग 40 हजार करोड़ रुपए की लागत से माही परमाणु बिजलीघर के निर्माण के लिए पूर्व में भूमि अवाप्त की गई थी। विस्थापित हुए लोगों को मुआवजा और आवास का आवंटन किया गया था। भूमि अवाप्ति और मुआवजा देने के बाद भी कई ग्रामीण वहीं पर निवासरत हैं। अब आगामी दिनों में यहां निर्माण कार्य प्रस्तावित है। इसके लिए अवाप्त की गई भूमि को खाली करवाने शुक्रवार को प्रशासन और पुलिस के अधिकारी मय जाब्ते पहुंचे, तो लोगों ने विरोध करना शुरू कर दिया। इस दौरान अधिकारियों ने लोगों से समझाइश का प्रयास किया, किंतु ग्रामीण नहीं माने। इसी बीच कुछ लोगों ने मौके पर पुलिस पर पथराव कर दिया। इस पर पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। इस दौरान एक पुलिसकर्मी कमलेश घायल हो गया, जिसे महात्मा गांधी चिकित्सालय लाकर उपचार कराया गया। मौके पर अधिकारियों समेत बड़ी संख्या में पुलिस बल, क्यूआरटी के जवान तैनात हैं।

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परमाणु बिजलीघर विस्थापित संघर्ष समिति के बैनर तले कर रहे विरोध 
इसमें 700 मेगावाट के चार रिएक्टर वाले परमाणु बिजलीघर के लिए भूमि अवाप्ति के बाद इस क्षेत्र से विस्थापित होने वाले परिवारों को केंद्र सरकार और राज्य सरकार के नियमानुसार अवार्ड राशि का भुगतान किया जा चुका है। इसके बाद भी कई आदिवासी परिवार ऐसे हैं, जिनका यह कहना है कि उन्हें नियमों के अनुरूप अवार्ड राशि नहीं मिली है । परमाणु बिजलीघर विस्थापित संघर्ष समिति के बैनर तले वे विरोध कर रहे हैं। परियोजना के तहत विस्थापितों के पुनर्वास के लिए कॉलोनी का निर्माण भी किया है, किंतु कई परिवार इसमें रहने को तैयार नहीं हैं।

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Content Editor

Chandra Prakash

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