एसआई भर्ती परीक्षा में हुई धांधली की छठी आरोपी गिरफ्तार, डमी कैंडिडेट बनकर दी थी परीक्षा, पुलिस ने वांटेड को एसओजी को सौंपा
Monday, Oct 07, 2024-07:45 PM (IST)
जोधपुर, 7 अक्टूबर 2024 । राजस्थान के बहुचर्चित प्रकरण पेपर लीक मामले में पुलिस को छठी सफलता हासिल हुई है । जोधपुर ग्रामीण रेंज आईजी विकास कुमार की साइक्लोन टीम को बड़ी सफलता मिली है । टीम ने कोटा से पेपर लीक प्रकरण में अहम भूमिका निभाने वाली वर्षा बिश्नोई को गिरफ्तार कर लिया है, जिसके बाद पुलिस की टीम ने आरोपी वर्षा विश्नोई को एसओजी को सौंप दिया है । अब SOG मुख्यालय जयपुर में वांटेड वर्षा बिश्नोई से पूछताछ की जाएगी। वर्षा जालोर के सांचौर के सरनाऊ गांव की रहने वाली है।
कोटा में पेईग गेस्ट बनकर रह रही थी वर्षा बिश्नोई
एसआई भर्ती 2021 धांधली मामले में डमी अभ्यर्थी बनकर बैठने वाली वर्षा बिश्नोई की गिरफ्तारी के बाद जोधपुर रेंज आईजी विकास कुमार ने बताया कि युवाओं के भविष्य को अंधकार में धकेलना का बड़ा प्रयास राजस्थान में हुआ था । पेपर लीक मामले में गलत तरीके से नौकरी हासिल करने और डमी कैंडिडेट बिठाने के मामले में वर्षा बिश्नोई को कोटा से दस्तयाब किया है । वर्षा बिश्नोई कोटा में पेईग गेस्ट बनकर रह रही थी ।
वर्षा पर 25000 रुपए का इनाम भी था घोषित
वहीं रेंज आईजी विकास कुमार ने बताया कि जो पुलिस का ध्येय वाक्य है । अपराधियों में भय और आमजन में विश्वास उसी को आज चरितार्थ करते हुए पेपर लीक की मुख्य सूत्रधार वर्षा विश्नोई जिस पर 25000 का इनाम भी घोषित था, उसको गिरफ्तार कर लिया गया है । उन्होंने बताया कि वर्षा बिश्नोई पुलिस की आंखों में धूल झोंककर जगह-जगह ठिकाने बदलकर रह रही थी । पुलिस ने आज तड़के कोटा के जवाहर नगर इलाके में रिटायर बैंक मैनेजर के घर से गिरफ्तार कर लिया । बताया जा रहा है कि वर्षा वहां पर फर्जी दस्तावेज और फर्जी पहचान के आधार पर स्टूडेंट बनकर पेइंग गेस्ट के रूप में रह रही थी ।
पुलिस ने ऑपरेशन का नाम रखा 'डॉक्टर फिक्सिट'
जोधपुर की साइक्लोन टीम द्वारा इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया । बता दें कि हर कार्रवाई के पीछे कोई ना कोई ऑपरेशन का नाम रखा जाता है । इस बार भी इस ऑपरेशन का नाम 'डॉक्टर फिक्सिट' रखा गया । इसके पीछे भी एक कहानी है 'डॉक्टर फिक्सिट' एक केमिकल है जो पानी के लीकेज को रोकता हैं । क्योंकि इसका नाम भी वर्षा है और पेपर लीक में इसका नाम था । इसलिए इस ऑपरेशन का नाम 'डॉक्टर फिक्सिट रखा' गया । हालांकि टीम पिछले 3 महीने से तकनीकी रूप से वर्षा के पीछे लगी हुई थी और कठिन परिश्रम के बाद टीम को इसमें सफलता मिली ।
लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का यूज नहीं करती थी वर्षा
खास तौर पर वर्षा किसी भी प्रकार की लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का यूज नहीं करती थी । जिसकी वजह से टीम को खासी परेशानी हुई । लेकिन आखिरकार पुलिस को मामले में सफलता मिल ही गई । आज वर्षा विश्नोई को कोटा से गिरफ्तार किया गया और आज ही टीम ने वर्षा विश्नोई को एसओजी को सौंप दिया ।
जोधपुर में वर्षा बिश्नोई सरकारी टीचर के पद पर थी तैनात
एसओजी के सूत्रों के मुताबिक बताया गया कि वर्षा बिश्नोई जोधपुर में सरकारी टीचर थी जो डमी अभ्यर्थी देकर कई परीक्षाएं दे चुकी हैं । बताया जा रहा है कि एसआई भर्ती-2021 में एसआई जगदीश सिहाग ने वर्षा को अपनी बहन इंदुबाला और भगवती की जगह डमी कैंडिडेट बनकर परीक्षा में बैठाया था । वर्षा बिश्नोई ने दोनों बहनों के बदले एग्जाम देने के लिए 15-15 लाख रुपए लिए थे। वर्षा बिश्नोई ने इंदुबाला और भगवती के एडमिट कार्ड पर खुद की फोटो लगाकर डमी कैंडिडेट बनकर परीक्षा में शामिल हुई थी।