शिव विधायक रविन्द्र सिंह भाटी ने शिक्षा मंत्री को लिखा पत्र, पिपलोदी हादसे को बताया चेतावनी–सरकारी स्कूलों की जर्जर स्थिति पर उठाए गंभीर सवाल

Saturday, Jul 26, 2025-01:50 PM (IST)

जयपुर/शिव, 25 जुलाई 2025 । झालावाड़ ज़िले के पिपलोदी गांव में राजकीय विद्यालय की छत गिरने से हुई हृदयविदारक घटना ने प्रदेशभर में चिंता और आक्रोश का माहौल पैदा कर दिया है। इस दुखद हादसे के बाद शिव विधानसभा क्षेत्र से विधायक रविन्द्र सिंह भाटी ने प्रदेश के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को पत्र लिखकर सरकारी स्कूलों की जर्जर होती जा रही संरचनाओं को लेकर गहरी चिंता जताई है।

अपने पत्र में विधायक भाटी ने पिपलोदी की घटना को न केवल एक स्थानीय त्रासदी, बल्कि एक गंभीर चेतावनी करार दिया है। उन्होंने लिखा कि यह हादसा उन लाखों बच्चों और शिक्षकों की सुरक्षा पर सवालिया निशान लगाता है, जो प्रतिदिन जर्जर भवनों में शिक्षा प्राप्त करने और देने को मजबूर हैं।

शिव क्षेत्र के सैकड़ों स्कूलों की हालत खराब
भाटी ने बताया कि अकेले शिव विधानसभा क्षेत्र में सैकड़ों सरकारी विद्यालय ऐसे हैं जिनकी इमारतें वर्षों पुरानी हैं और अब खस्ताहाल अवस्था में पहुंच चुकी हैं। इन स्कूलों की छतों और दीवारों में दरारें हैं, फर्श उखड़े हुए हैं और कई स्कूल बिना मरम्मत के दशकों से संचालित हो रहे हैं। उन्होंने इसे बच्चों की जान के लिए खतरा बताया और चेताया कि किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है।

‘शिक्षा के मंदिर नहीं, हादसों के इंतजार में ढांचे बन चुके हैं स्कूल’
विधायक ने दो टूक कहा कि इन विद्यालय भवनों को अब “शिक्षा के मंदिर” कहना मुश्किल होता जा रहा है। वह केवल ईंट-पत्थर के ढांचे बनकर रह गए हैं जो किसी भी दिन टूट सकते हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह समस्या केवल एक क्षेत्र विशेष तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे राजस्थान और देशभर के कई हिस्सों में सरकारी स्कूलों की बदहाली का आईना है।

सरकार से की ठोस कार्रवाई की मांग
अपने पत्र में विधायक भाटी ने राज्य सरकार से यह आग्रह किया कि पिपलोदी की घटना को केवल एक दुर्घटना न मानते हुए इसे एक गंभीर चेतावनी के रूप में स्वीकार किया जाए। उन्होंने शिक्षा मंत्री से आग्रह किया कि सभी सरकारी विद्यालय भवनों का तत्काल तकनीकी निरीक्षण कराया जाए और जर्जर भवनों की मरम्मत या पुनर्निर्माण की कार्य योजना जल्द तैयार की जाए।

उन्होंने लिखा, “शिक्षा, जो राष्ट्र की प्रगति का मूल आधार है, उसे सुरक्षित और निर्भय वातावरण में दिया जाना चाहिए। सरकार का यह प्राथमिक दायित्व है कि वह अपने विद्यार्थियों और शिक्षकों को सुरक्षित शैक्षणिक ढांचा उपलब्ध कराए।”

समय-समय पर अवलोकन की पेशकश
विधायक भाटी ने यह भी भरोसा दिलाया कि वे अपने विधानसभा क्षेत्र के विद्यालयों का स्वयं समय-समय पर अवलोकन करते रहेंगे और इस संबंध में तथ्यात्मक जानकारी विभाग को देते रहेंगे, ताकि सरकार जमीनी हकीकत से अवगत रहे और जल्द फैसले ले सके।

पिपलोदी की त्रासदी ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि शिक्षा केवल पाठ्यक्रम और अध्यापन तक सीमित नहीं रह सकती—जब तक विद्यालयों की भौतिक संरचना मजबूत, सुरक्षित और बच्चों के अनुकूल नहीं होगी, तब तक कोई भी शिक्षा नीति सफल नहीं मानी जा सकती। विधायक रविन्द्र सिंह भाटी की यह पहल न केवल स्थानीय बल्कि राज्यव्यापी सुधार की दिशा में एक सशक्त और संवेदनशील कदम माना जा रहा है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि राज्य सरकार इस चेतावनी को कितनी गंभीरता से लेती है।


Content Editor

Chandra Prakash

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