रोहिड़ी म्यूजिक फेस्टिवल: पश्चिमी राजस्थान की संस्कृति और कला का अनूठा संगम, विधायक भाटी ने दिया ये संदेश

Monday, Jan 13, 2025-02:07 PM (IST)

बाड़मेर, 13 जनवरी 2024 । युवा दिवस के अवसर पर शिव विधायक रविन्द्र सिंह भाटी द्वारा आयोजित 'रोहिड़ी म्यूजिक फेस्टिवल' ने पश्चिमी राजस्थान की लोक कला और संस्कृति को नए आयाम दिए । इस भव्य आयोजन ने न केवल सांस्कृतिक धरोहर को मंच प्रदान किया, बल्कि हज़ारों दर्शकों को कला और अध्यात्म का अनूठा अनुभव भी दिया। वहीं कार्यक्रम में लोक संगीत के दिग्गज कलाकारों ने मंच साझा किया । पद्मश्री अनवर ख़ान, मोती ख़ान, खेता ख़ान और छोटू ख़ान जैसे मशहूर नामों ने अपने सुरों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। 100 से अधिक कलाकारों की प्रस्तुतियों ने राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत को फिर से जीवंत कर दिया। इसके साथ ही इस आयोजन में संत समाज के पूज्य गोरखनाथ जी महाराज, गणेश नाथ जी महाराज, दौलत नाथ जी और आनंद पूरी जी महाराज जैसे प्रतिष्ठित संतों ने शिरकत की। उनकी गरिमामयी उपस्थिति ने आयोजन को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया। यह आयोजन कला और अध्यात्म के संगम का प्रतीक बन गया।

हालांकि ये महोत्सव प्रारंभ में रोहिड़ी में आयोजित होने वाला था, लेकिन प्रशासन की अंतिम समय में अनुमति रद्द करने से इसे मेजर ध्यानचंद स्टेडियम, शिव में स्थानांतरित करना पड़ा। ऐसे में मात्र दो दिनों में विधायक भाटी और उनकी टीम ने अद्वितीय प्रबंधन का परिचय दिया। लिहाजा यह आयोजन यह संदेश देता है कि मजबूत संकल्प हर चुनौती को अवसर में बदल सकता है।

हालांकि कार्यक्रम में विशेष आकर्षण रहे 36 फीट लंबी मूंछों के लिए प्रसिद्ध जगमाल सिंह ने अपनी मूंछों से विधायक भाटी का अनोखे अंदाज में स्वागत किया। यह क्षण दर्शकों के लिए खास और यादगार रहा। इसी के साथ सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स ने इस आयोजन को नई पीढ़ी तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वहीं हज़ारों की संख्या में लोगों की उपस्थिति ने पश्चिमी राजस्थान की सांस्कृतिक ताकत को उजागर किया। यह आयोजन कला और संस्कृति के साथ बाड़मेर क्षेत्र में पर्यटन को प्रोत्साहन देने का एक बड़ा कदम साबित हुआ।

इस दौरान शिव विधायक रविंद्र भाटी ने संदेश देते हुए अपने संबोधन में कहा, "यह आयोजन हमारी कला, संस्कृति, और परंपरा को विश्व पटल पर ले जाने का माध्यम है। यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और प्रोत्साहित करने की पहल है। शिव की जनता और कलाकारों का मैं हृदय से धन्यवाद करता हूँ।" इसी के साथ भाटी कार्यक्रम को अनुमति नहीं मिलने को लेकर बोले रविंद्र भाटी, कहा "पहले मेरे पास टिकट नहीं थी इस बार अनुमति भी नहीं है" 

आपको बता दें कि रोहिड़ी म्यूजिक फेस्टिवल ने न केवल पश्चिमी राजस्थान की समृद्ध विरासत को उजागर किया, बल्कि कला, संस्कृति और पर्यटन के समन्वय का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया। यह आयोजन आने वाले वर्षों में अन्य क्षेत्रों के लिए प्रेरणा बन सकता है।

हालांकि भाटी को इस कार्यक्रम से पर्यटन और हमारी संस्कृति को नए आयाम मिल सकते हैं.....अब देखने वाली बात ये है कि क्या भजनलाल सरकार यहां पर्यटन को बढ़ावा देने और हमारी लोक संस्कृति को बचाने के प्रयास में कोई कदम उठाएगी ? ये तो आने वाला समय ही बताएगा । 
 


Content Editor

Chandra Prakash

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