जैसलमेर में गंदा पानी पीने को मजबूर शहरवासी |
5/3/2023 12:40:24 PM
जैसलमेर | जल जीवन मिशन को लेकर राजस्थान सरकार अपनी पीठ थपथपा रही है लेकिन सीमावर्ती जिले जैसलमेर के वाशिंदे आज भी गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। जिले में नगरपरिषद के वार्ड नं. 39 मजदूर पाड़ा में विगत तीन दिन बाद पानी आया है और वो भी काला,बदबूदार व गन्दगी से भरपूर है।यह पानी पीने योग्य है न नहाने योग्य है। जिसे लेकर वार्डवासियों में रोष व्याप्त है। वार्डवासियों का कहना है कि गन्दे व दूषित पानी सप्लाई होने से परेशान है।दूषित पानी के उपयोग से पूर्व में भी कई वार्डवासी बीमारियों के भी शिकार हुए है।उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि क्या जिम्मेदार इस तरह का काला व बदबूदार पानी स्वयं पी पाएंगे? या अपने परिवार को पीला पाएंगे क्या?
जैसलमेर जहाँ पानी महंगा व घी सस्ता की मिशाले दी जाती थी और इस रेगिस्तानी क्षेत्र में किसी सरकारी अधिकारी का स्थान्तरण काले पानी की सजा से कम न आंका जाता था। जिले में मरुस्थल के महापड़ाव के चलते भौगोलिक परिस्थितियां सदा प्रतिकूल ही रहती थी। ऐसे में ग्रामीण अंचल के लोगों की प्यास बुझाने का माध्यम कुएं-बावडिया व तालाब ही होते थे,वही शहर में भी जल का एक मात्र प्रमुख स्रोत गड़सीसर तालाब ही था। लेकिन समय का पहिया चला और इन्दिरा गाँधी नहर का रेगिस्तान में आना हुआ जिसे रेगिस्तान के वासियो की जीवन रेखा कहा जाता है और जल की कमी की समस्या का समाधान हुआ है। लेकिन गर्मियां आते ही जिले में पेयजल का संकट गहरा जाता है। कही पानी आता ही नहीं तो कही सीवरेज की सफाई के अभाव में दूषित पानी पीने को लोग मजबूर है।शहर में पेयजल संकट गहराया हुआ है। हालात यह है कि इतना गंदा पानी आ रहा है कि इसे पीना तो दूर नहाने के लायक भी नहीं है।