राजस्थान हाईकोर्ट ने रणथंभौर को लेकर दिया बड़ा आदेश, क्रिटिकल टाइगर हैबिटाट में हो रहे अवैध होटल, फार्म हाउस को लेकर दिया आदेश।
Thursday, Oct 03, 2024-08:39 PM (IST)
सवाई माधोपुर, 3 अक्टूबर 2024 । सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के बावजूद सवाई माधोपुर स्थित रणथंभौर राष्ट्रीय अभ्यारण के संरक्षित वन ( क्रीटिकल टाईगर हेबिटाट ) क्षेत्र में धड़ल्ले से हो रहे अवैध होटल ,फार्म हाउस एंव गेस्ट हाउस निर्माण को लेकर राजस्थान उच्च न्यायालय में लगाई गई एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय ने सख्त आदेश जारी किया है। न्यायालय ने अपने आदेश में रणथंभौर के संरक्षित क्षेत्र में हुए अवैध निर्माणों पर यथास्थिति बनाये रखने ,नए निर्माणों पर रोक लगाने, पुलिस प्रशासन को वन विभाग का सहयोग करने, अवैध निर्माण और अतिक्रमण गतिविधियों पर निष्पक्ष एंव त्वरित कार्यवाही करने के आदेश दिए है। न्यायालय ने सुनवाई के दौरान माना कि रणथंभौर के संरक्षित वन क्षेत्र में अवैध निर्माण एंव अतिक्रमण हो रहा है ,जिस पर वन विभाग द्वारा उचित कार्यवाही नही की जा रही है । सुनवाई के दौरान न्यायालय ने वीसी के माध्यम से जिला कलेक्टर, रणथंभौर के सीसीएफ ,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एंव अतिरिक्त जिला कलेक्टर का भी पक्ष जाना। वीसी के दौरान न्यायालय ने वीसी से जुड़े सवाई माधोपुर के अतिरिक्त जिला कलेक्टर जगदीश आर्य के सुनवाई के दौरान निजी कार्य में व्यस्त रहने को न्यायालय ने गंभीरता से लिया और मुख्य सचिव से कहा कि वीसी के माध्यम से या कोर्ट रूम में हाजिरी के संबंध में अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किया जाए। न्यायालय ने पुलिस महानिदेशक से कहा कि वह अपनी देखरेख में रणथंबोर के संरक्षित वन क्षेत्र में अवैध निर्माण रोकने के लिए कार्यवाही के दौरान वन विभाग को पुलिस को सहयोग दिलाए। मामले में अब अगली सुनवाई 17 अक्टूबर को होगी। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश समीर जैन ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है।
स्थानीय विधायक की शिकायत करने पर भी नहीं हुई कार्रवाई
याचिका में कहा गया है कि रणथंभौर के संरक्षित वन क्षेत्र में अवैध रूप से होटल निर्माण, फार्म हाउस निर्माण और गेस्ट हाउस निर्माण सहित अनेक अवैध निर्माण कार्य चल रहे हैं । स्थानीय विधायक की शिकायत करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। सुनवाई के समय वीसी से जुड़े एडीएम जगदीश आर्य निजी कार्य में व्यस्ता पर न्यायालय ने नाराजगी जताई। न्यायालय ने संरक्षित वन क्षेत्र में अवैध निर्माण पर कार्रवाई करने के निर्देश देते हुए कहा की कार्रवाई के समय अधिकारियों को कलेक्टर सहित सभी अधिकारी सहयोग करें और पुलिस महानिदेशक कार्रवाई का सुपरविजन करें। न्यायालय ने इस मामले में अधिवक्ता करण तिब्रेवाल को कमिश्नर नियुक्त किया है । साथ ही रणथंभौर के संरक्षित वन क्षेत्र में चल रहे अवैध निर्माण कार्यों की जांच के आदेश दिए हैं। अब न्यायालय द्वारा नियुक्त किये गए कमिश्नर करन तिब्रेवाल द्वारा रणथंभौर के संरक्षित वन क्षेत्र में चल रहे अवैध निर्माण कार्यो की जाँच कर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी ,मामले पर अगली सुनवाई 17 अक्टूबर 2024 को होगी ,राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश के बाद रणथंभौर में हड़कंप मचा हुआ है ।
गौरतलब की रणथंभौर के संरक्षित वन क्षेत्र में अवैध निर्माण से रणथंभौर के वन्यजीव विचलित होते हैं। साथ ही वन क्षेत्र में मानवीय गतिविधियां बढ़ने से वन्यजीवो को खासा परेशानियां होती हैं। रणथंभौर में वन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के चलते सर्वोच्च न्यायालय के संरक्षित वन क्षेत्र के नियमों को लेकर दिए गए आदेशों की भी पालना नहीं हो रही हैं। ऐसे में जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने यह अहम आदेश जारी किया है। जिसे लेकर रणथंभौर र में खलबली मची हुई है।