Naresh Meena Slapped SDM - नरेश मीणा ही नहीं इनसे पहले ये नेता भी उड़ा चुके अधिकारियों के चांटे
Friday, Nov 15, 2024-06:58 PM (IST)
राजस्थान के देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा द्वारा एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मारने की घटना ने पूरे राज्य की राजनीति में भूचाल मचा दिया है। इस घटना के बाद से न केवल प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं, बल्कि नरेश मीणा की गिरफ्तारी में देरी और पुलिस प्रशासन की लापरवाही पर भी आरोप लगाए गए हैं। नरेश मीणा के इस कृत्य ने जातिगत विवाद को भी जन्म दिया है, क्योंकि एसडीएम अमित चौधरी जाट समुदाय से हैं, जबकि नरेश मीणा मीणा समुदाय से आते हैं।
चुनाव से जुड़ी हिंसा और आरोप :-
यह थप्पड़ कांड अब राजस्थान की सियासत में एक बड़े विवाद का रूप ले चुका है। एसडीएम को थप्पड़ मारने के बाद जहां पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठे हैं, वहीं नरेश मीणा की गिरफ्तारी को लेकर प्रशासन की लापरवाही पर भी आरोप लगाए गए। हालांकि 24 घंटे बाद पुलिस ने नरेश मीणा को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन इस मामले ने राजनीतिक माहौल को और गरमा दिया है।
राजस्थान में अधिकारियों पर हमले की पुरानी परंपरा :-
राजस्थान में यह पहली बार नहीं हुआ जब किसी नेता ने अधिकारी को थप्पड़ मारा हो। राजस्थान की सियासत में इस तरह की घटनाएं आम रही हैं। पिछले कुछ वर्षों में इस तरह की घटनाओं में कई नेताओं का नाम शामिल हो चुका है, जिनमें से कुछ मामलों ने बड़ी सियासी हलचल मचाई थी।
1. किरोड़ी लाल मीणा (2011) :-
भजनलाल सरकार के मंत्री और दौसा के सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने एक पुलिस अधिकारी को थप्पड़ मारा था। यह घटना उस समय हुई जब किरोड़ी मीणा एक मामले को लेकर जिलाधिकारी से मिलना चाहते थे। जब अधिकारी ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया, तो गुस्से में आकर उन्होंने अधिकारी को थप्पड़ मार दिया। इस मामले में किरोड़ी लाल मीणा को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बाद में राजनीतिक दबाव के कारण उन्हें रिहा कर दिया गया।
2. सीपी जोशी (2022) :-
चित्तौड़गढ़ से सांसद सीपी जोशी ने नारकोटिक्स विभाग के एक कर्मचारी को रिश्वत लेने के आरोप में थप्पड़ मारा था। यह घटना सीपी जोशी की छवि के लिए खराब साबित हुई थी, और इसने उनके खिलाफ काफी राजनीतिक आलोचना को जन्म दिया था।
3. अशोक चांदना (2018) : -
राजस्थान सरकार के मंत्री अशोक चांदना पर बिजली विभाग के अधिकारी जेपी मीणा को थप्पड़ मारने का आरोप लगा था। यह घटना उस समय हुई थी जब चांदना अपने क्षेत्र में कर्मचारी की नियुक्ति को लेकर नाराज थे और अधिकारी से इसे बदलने की मांग कर रहे थे। इस मामले ने मीणा और गुर्जर समुदाय के बीच विवाद को जन्म दिया।
4. राम प्रसाद डिंडोरी (2021) : -
बीटीपी विधायक राम प्रसाद डिंडोरी ने सागवाड़ा में एक सरकारी डॉक्टर को थप्पड़ मारा था। डिंडोरी का आरोप था कि डॉक्टर ठीक से काम नहीं कर रहे थे और यह घटना सियासी हलकों में काफी चर्चा का विषय बनी।
5. मलिंगा और बीजेपी (2023) :-
एक अन्य कांग्रेस नेता ने बिजली विभाग के अधिकारी को इतनी बेरहमी से मारा कि उसकी 22 हड्डियां टूट गईं। बाद में यह नेता बीजेपी में शामिल हो गए और चुनाव में टिकट मिलने के बावजूद हार गए।
राजनीतिक माहौल और सियासी आरोप:
राजस्थान की सियासत में इस तरह की घटनाओं ने न केवल प्रशासन के कामकाज को प्रभावित किया है, बल्कि राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप की स्थिति भी उत्पन्न की है। नरेश मीणा का थप्पड़ कांड भी अब सियासी चश्मे से देखा जा रहा है और यह घटना जल्द ही राज्य की राजनीति में एक बड़ा मुद्दा बन सकती है।
नरेश मीणा की गिरफ्तारी पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं :-
नरेश मीणा की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किए और राज्य सरकार को निशाने पर लिया। नरेश के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के बावजूद उनका समर्थन करने वालों का मानना है कि यह सियासी हमला है। दूसरी ओर, सरकार और प्रशासन ने इस मामले को सख्ती से हैंडल करने का प्रयास किया है, लेकिन यह देखना बाकी है कि इस मामले का अंत किस दिशा में होता है।