बी.एम.वी.एस.एस पापुआ न्यू गिनी में इसी वर्ष जयपुर फुट शिविर का आयोजन करेगा

5/23/2023 9:37:43 AM

जयपुर, 22 मई (भाषा) भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति (बी.एम.वी.एस.एस.) भारत और प्रशान्त द्वीपों के आपसी सहयोग कार्यक्रम के तहत पहला जयपुर फुट शिविर का आयोजन इसी वर्ष पापुआ न्यू गिनी में करेगा।

भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति (बी.एम.वी.एस.एस.) के संस्थापक और मुख्य संरक्षक डी.आर. मेहता ने प्रधानमंत्री की घोषणाओं का स्वागत करते हुए कहा कि जयपुर फुट की गुणवत्ता का अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर उपयोग सहयोग और सौहार्द के लिए किया जाना स्वागत योग्य हैं ।

उन्होंने एक बयान में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की दिव्यांगों के प्रति संवेदनशीलता प्रशंसनीय है और भारत के गौरव को बढ़ाने वाला है ।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने घोषणा की इस आपसी सहयोग कार्यक्रम के अन्तर्गत पहला जयपुर फुट शिविर इसी वर्ष पापुआ न्यू गिनी में लगेगा ।

बयान के अनुसार मोदी की पापुआ न्यू गिनी यात्रा के दौरान भारत और प्रशान्त द्वीपों के आपसी सहयोग के सम्मेलन में भारत ने जिन 12 विभिन्न विषयों पर सहयोग की घोषणा, की उसमें विश्व विख्यात जयपुर फुट को भी शामिल किया गया है।

प्रधानमंत्री मोदी भारत और प्रशान्त द्वीपों के शिखर सम्मेलन (एफ.आई.पी.आई.सी.) की पापुआ न्यू गिनी में सम्पन्न बैठक को सम्बोधित कर रहे थे ।

इसके बाद प्रशान्त द्वीप के अन्य देशो में दो शिविरों का आगामी वर्षो में आयोजन किया जाएगा ।

मेहता ने कहा कि जयपुर फुट की लोकप्रियता और विकासशील देशों में इसकी उपयोगिता की शुरूआत का सिलसिला 2019 में आयोजित एफ.आई.पी.आई.सी. की बैठक से शुरू हुआ ।
प्रधान मंत्री ने यह पहला शिविर फिज़ी द्वीप में करने की घोषणा भी की थी । लेकिन कोविड के कारण शिविर का आयोजन वर्ष 2022 के नवम्बर में फिज़ी की राजधानी सुवा में सम्पन्न हो सका ।

फिज़ी में आयोजित इस शिविर का उद्घाट्न प्रधानमंत्री फ्रैन्क बौनिमारामा ने किया था । इस शिविर के 629 द्विव्यांगों को जयपुर फुट लगाए गए । इस शिविर के बाद फिज़ी में ऐसा कोई भी द्विव्यांग नहीं बचा जिसे लाभ उसे न मिला हो ।

डी.आर. मेहता ने कहा कि भविष्य में होने वाले तीन शिविरों के लिए भारत सरकार के सहयोग से तैयारी शुरू की जाएगी । भारत सरकार के इण्डिया फार ह्यूमैनिटीज कार्यक्रम के अन्तर्गत विदेश मंत्रालय के सहयोग से एशिया, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और प्रशान्त द्वीपों के 40 से अधिक देशो में अब तक ग्यारह हजार द्विव्यांगों का लाभान्वित किया गया ।


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PTI News Agency

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