भ्रष्टाचार व ''''बदले की भावना'''' की बात न करे कांग्रेस: सीतारमण
Monday, Feb 20, 2023-06:02 PM (IST)

जयपुर, 20 फरवरी (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा छत्तीसगढ़ में कई कांग्रेस नेताओं के परिसरों पर छापेमारी के कुछ घंटों बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस को भ्रष्टाचार पर बिल्कुल नहीं बोलना चाहिए और न ही ''बदले की भावना'' से की गई कार्रवाई का आरोप लगाना चाहिए।
सीतारमण ने कहा कि ईडी और सीबीआई जैसी जांच एजेंसियां अपना होमवर्क करती हैं और जब उनके पास जरूरी सबूत होते हैं तभी वे जाकर जांच करती हैं।
वित्त मंत्री ने एक सवाल के जवाब में यहां संवाददाताओं से कहा, "कांग्रेस को भ्रष्टाचार पर बिल्कुल भी नहीं बोलना चाहिए न ही ''बदले की भावना'' से कार्रवाई करने का आरोप लगाना चाहिए। यह शर्मनाक है। एक के बाद एक कांग्रेस सरकारें भ्रष्टाचार से जुड़े मुद्दों के चलते ही सत्ता से बाहर हो गई हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "जांच एजेंसियां अपना होमवर्क करती हैं और केवल जब उनके पास आवश्यक साक्ष्य होते हैं, तभी वे जाकर जांच करते हैं ... यह अजीब है कि एक पार्टी, जिसका पूर्व अध्यक्ष और एक पूर्व से पूर्व अध्यक्ष, भ्रष्टाचार से संबंधित मामलों में जमानत पर बाहर हैं, भ्रष्टाचार की बात कर रही है।"
उन्होंने कांग्रेस सरकार पर राजनीतिक कारणों से देश को आगे बढ़ने से रोकने का भी आरोप लगाया।
सीतारमण ने कहा, ''कांग्रेस ने राजनीतिकरण की वजह से देश को आगे बढ़ने से रोकने वाले तंत्र को अपनाया क्योंकि उन्हें देश की चिंता नहीं है। उन्हे केवल उनके परिवार, वंश और उनकी पार्टी की भलाई की चिंता है। सालों तक गुजरात के लोग पानी को तरसते रहे लेकिन कांग्रेस ने परवाह नहीं की।''
वित्त मंत्री ने कहा कि कांग्रेस नेता पहले आरोप लगाते हैं और फिर सदन की कार्यवाही से बहिर्गमन कर जाते हैं। उन्होंने कहा, "कांग्रेस को या तो सदन से बहिर्गमन नहीं करना सीखना चाहिए ताकि वे प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए जवाब को सुन सकें। या जब वे आरोप लगाते हैं तो ''ठोस सबूतों'' के आधार पर लगाएं।''
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
सीतारमण ने कहा कि ईडी और सीबीआई जैसी जांच एजेंसियां अपना होमवर्क करती हैं और जब उनके पास जरूरी सबूत होते हैं तभी वे जाकर जांच करती हैं।
वित्त मंत्री ने एक सवाल के जवाब में यहां संवाददाताओं से कहा, "कांग्रेस को भ्रष्टाचार पर बिल्कुल भी नहीं बोलना चाहिए न ही ''बदले की भावना'' से कार्रवाई करने का आरोप लगाना चाहिए। यह शर्मनाक है। एक के बाद एक कांग्रेस सरकारें भ्रष्टाचार से जुड़े मुद्दों के चलते ही सत्ता से बाहर हो गई हैं।"
उन्होंने आगे कहा, "जांच एजेंसियां अपना होमवर्क करती हैं और केवल जब उनके पास आवश्यक साक्ष्य होते हैं, तभी वे जाकर जांच करते हैं ... यह अजीब है कि एक पार्टी, जिसका पूर्व अध्यक्ष और एक पूर्व से पूर्व अध्यक्ष, भ्रष्टाचार से संबंधित मामलों में जमानत पर बाहर हैं, भ्रष्टाचार की बात कर रही है।"
उन्होंने कांग्रेस सरकार पर राजनीतिक कारणों से देश को आगे बढ़ने से रोकने का भी आरोप लगाया।
सीतारमण ने कहा, ''कांग्रेस ने राजनीतिकरण की वजह से देश को आगे बढ़ने से रोकने वाले तंत्र को अपनाया क्योंकि उन्हें देश की चिंता नहीं है। उन्हे केवल उनके परिवार, वंश और उनकी पार्टी की भलाई की चिंता है। सालों तक गुजरात के लोग पानी को तरसते रहे लेकिन कांग्रेस ने परवाह नहीं की।''
वित्त मंत्री ने कहा कि कांग्रेस नेता पहले आरोप लगाते हैं और फिर सदन की कार्यवाही से बहिर्गमन कर जाते हैं। उन्होंने कहा, "कांग्रेस को या तो सदन से बहिर्गमन नहीं करना सीखना चाहिए ताकि वे प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए जवाब को सुन सकें। या जब वे आरोप लगाते हैं तो ''ठोस सबूतों'' के आधार पर लगाएं।''
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