अजमेर दरगाह में खादिमों और बरेलवी संप्रदाय के अनुयायियों के बीच हाथापाई हुई
Monday, Jan 30, 2023-07:02 PM (IST)

जयपुर, 30 जनवरी (भाषा) अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह के उर्स के दौरान अजमेर दरगाह के खादिमों और इस्लाम के बरेलवी संप्रदाय के अनुयायियों के बीच रविवार तड़के हाथापाई हो गई।
दरगाह थानाधिकारी अमर सिंह ने बताया कि झगड़े की वजह दरगाह के अंदर बरेलवी संप्रदाय के लोगों द्वारा नारेबाजी करना था।
उन्होंने बताया कि इस मामले में अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है। घटना के बाद भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
दरगाह सूत्रों ने अनुसार खादिमों के संगठन द्वारा कोई नारा नहीं लगाये जाने का स्पष्ट संदेश दिये जाने के बावजूद बरेलवी संप्रदाय के सदस्यों ने नारा लगाया, जिसके कारण रविवार तड़के लगभग तीन बजे दरगाह में शाहजहानी मस्जिद के पास हाथापाई हुई।
विवाद में शामिल नहीं होने वाले बड़ी संख्या में आम श्रद्धालु भी वहां मौजूद थे। सूत्रों ने बताया कि करीब आधे घंटे तक हंगामे की स्थिति बनी रही।
सूत्रों ने बताया कि “बरेली में जन्में आला अजरत का महिमामंडन करने के लिए नारा लगाया गया था। खादिमों के संगठन ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि ऐसा कोई नारा नहीं लगाया जाएगा, लेकिन इसके बावजूद ऐसा किया गया जिससे खादिमों ने वहां बरेलवी संप्रदाय के लोगों को पीटा।’’
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
दरगाह थानाधिकारी अमर सिंह ने बताया कि झगड़े की वजह दरगाह के अंदर बरेलवी संप्रदाय के लोगों द्वारा नारेबाजी करना था।
उन्होंने बताया कि इस मामले में अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी है। घटना के बाद भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
दरगाह सूत्रों ने अनुसार खादिमों के संगठन द्वारा कोई नारा नहीं लगाये जाने का स्पष्ट संदेश दिये जाने के बावजूद बरेलवी संप्रदाय के सदस्यों ने नारा लगाया, जिसके कारण रविवार तड़के लगभग तीन बजे दरगाह में शाहजहानी मस्जिद के पास हाथापाई हुई।
विवाद में शामिल नहीं होने वाले बड़ी संख्या में आम श्रद्धालु भी वहां मौजूद थे। सूत्रों ने बताया कि करीब आधे घंटे तक हंगामे की स्थिति बनी रही।
सूत्रों ने बताया कि “बरेली में जन्में आला अजरत का महिमामंडन करने के लिए नारा लगाया गया था। खादिमों के संगठन ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि ऐसा कोई नारा नहीं लगाया जाएगा, लेकिन इसके बावजूद ऐसा किया गया जिससे खादिमों ने वहां बरेलवी संप्रदाय के लोगों को पीटा।’’
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