राजस्थान सरकार ने पेपर लीक मामले में सीबीआई जांच की मांग खारिज की

1/24/2023 9:16:42 PM

जयपुर, 24 जनवरी (भाषा) राजस्थान सरकार ने प्रतियोगी भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले की जांच केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से करवाने की विपक्ष की मांग को मंगलवार को खारिज कर दिया।

सरकार का कहना है कि राजस्थान पुलिस इस तरह की जांच के लिए पूरी तरह सक्षम है और ऐसे मामलों में दोषियों को सजा दिलवाना सरकार की प्रतिबद्धता है।

राज्य सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने विधानसभा में इस मुद्दे पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए यह बात कही। इस मुद्दे को लेकर सदन में हंगामा भी हुआ और कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।

उल्लेखनीय है कि भारतीय जनता पार्टी सहित विपक्ष दल भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर भाजपा विधायकों ने सोमवार को सदन में राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान हंगामा एवं नारेबाजी भी की थी। सदन में मंगलवार को इस पर चर्चा हुई।

चर्चा का जवाब देते हुए धारीवाल ने कहा कि राज्य सरकार ने भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक व नकल प्रकरणों को रोकने के लिए कई कदम उठाए हैं जिनमें एक नया कानून बनाना भी शामिल है।

इसका जवाब देते हुए धारीवाल ने कहा, ‘‘प्रतियोगी परीक्षाओं की शुचिता को बनाए रखने के लिए सरकार हर तरह से कृतसंकल्प होकर कार्य कर रही है और भविष्य में पेपर लीक जैसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना ना हो इसके लिए भी हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अब अगर इस मामले को सीबीआई को सौंपा गया तो आठ साल तक जांच चलती रहेगी, जांच से जुड़े सारे दस्तावेज सीबीआई जब्त कर ले जाएगी और परीक्षाएं 15 साल तक भी नहीं हो पाएंगी। विद्यार्थियों का भविष्य खराब हो जाएगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस मामले में तेजी से जांच करवाई जा रही है और दैनिक आधार पर निगरानी की जा रही है। दोषियों को सजा हम दिलवाएंगे ये हमारी प्रतिबद्धता है। विद्यार्थियों का भविष्य खराब न हो इसलिए परीक्षा कराकर भर्ती करेंगे।’’
उन्होंने विपक्ष से कहा, ‘‘इसलिए आप सीबीआई की जिद छोड़ो राजस्थान की पुलिस बहुत सक्षम पुलिस है, मैं आपकी सीबीआई जांच की मांग को खारिज करता हूं।’’
पेपर लीक प्रकरण में मंत्रियों व अधिकारियों के संलिप्त होने के विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए धारीवाल ने कहा, ‘‘अगर आपके पास किसी भी मंत्री, किसी भी अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ कोई भी साक्ष्य है तो कृपया हमें, अदालत या जांच एजेंसी को दीजिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सरकार ने राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम, 2022 पारित किया। इसमें पेपर लीक होने से संबंधित षडयंत्र करने और प्रयत्न करने तक को अपराध की श्रेणी में शामिल किया गया। हमारी सरकार ने इस कानून के तहत पेपर लीक से जुड़े अपराधियों के लिए अधिकतम सजा को बढ़ाकर दस साल कर दिया है। यह ऐतिहासिक कानून है देश के किसी भी राज्य में पेपर लीक व नकल के मामले में इतना कठोर कानून कोई दूसरा नहीं है।’’
मंत्री ने बताया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में दस प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक हुए उनमें 15 प्रकरण दर्ज किए गए और 281 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। वहीं 2014 से 2018 में ऐसे 19 प्रकरण दर्ज हुए थे जिनमें 241 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया।

विपक्ष पर निशाना साधते हुए धारीवाल ने कहा, ‘‘आपकी सरकार के समय जो पेपर लीक हुए उसमें मैं निश्चित तौर पर कह सकता हूं कि कोई गंभीरता नहीं दिखाई गई। अपराधी तो पकड़े गए लेकिन जिस गंभीरता के साथ सरकार को काम करना चाहिए था वह नहीं किया, न ही ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम आपने उठाए।’’
वहीं इससे पहले चर्चा के दौरान सदन के दौरान हंगामा भी हुआ और सदन की कार्रवाई दस मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।

इससे पहले शिक्षा मंत्री कल्ला ने सरकार की ओर से इस संबंध में वक्तव्य देते हुए कहा कि कि राज्य सरकार, राज्य में प्रतियोगी परीक्षाओं के सुचारु आयोजन के लिए गम्भीरतापूर्वक कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में कुल 182 भर्ती परीक्षाओं का आयोजन किया गया है जिसमें से 145 भर्तियों में नियुक्तियां पूरी हो चुकी हैं। शेष 37 भर्ती परीक्षाओं में से 21 के परिणाम जारी कर दिए गए हैं एवं सात भर्ती परीक्षाओं में साक्षात्कार शेष हैं। साथ ही, 9 भर्ती परीक्षाओं का परिणाम जारी होना शेष है।

उन्होंने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक एवं नकल आदि अवांछित गतिविधियों को रोकने, भर्तियों को समयबद्ध रूप से सम्पादित करने एवं भर्ती प्रक्रिया के सुदृढीकरण पर सुधारात्मक सुझाव देने के लिए राज्य सरकार ने दो समितियों का गठन किया है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि देश में नकल माफिया पनप गया है। पक्ष-विपक्ष को मिलकर इस पर रोक लगानी होगी। उन्होंने कहा कि सदन के सभी सदस्य पक्ष-विपक्ष की भावना से ऊपर उठकर इस सम्बन्ध में सुझाव दें ताकि सुधारात्मक कदम उठाए जा सकें।

नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने भी इस मुद्दे को लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा और मंत्री के बयान पर असंतोष जताया। उन्होंने सदन का बहिष्कार करने का ऐलान किया।


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PTI News Agency

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