इन्वेस्ट राजस्थान समिट में 10.44 लाख करोड़ रुपये के 4,192 एमओयू, एलओआई पर हस्ताक्षर

10/03/2022 6:30:00 PM

जयपुर, तीन अक्टूबर (भाषा) इन्वेस्ट राजस्थान समिट-2022 के तहत जयपुर में सात और आठ अक्टूबर को होने जा रहे दो दिन के सम्मेलन से पहले राज्य में 10.44 लाख करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन (एमओयू) और आशय पत्र (एलओआई) पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को कहा कि इन्वेस्ट राजस्थान समिट 2022 का विषय ‘कमिटेड डिलिवर्ड’ है और इसमें देश-विदेश के लगभग 3,000 प्रतिभागी सम्मिलित होंगे।
गहलोत ने कहा कि इन्वेस्ट राजस्थान समिट से पूर्व पिछले वर्ष (2021) नवंबर से इस वर्ष सितंबर के मध्य अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय, व राज्य स्तर पर रोड शो आयोजित किये थे। राज्य सरकार द्वारा 10.44 लाख करोड़ रुपये के 4,192 कंपनियों के साथ समझौता ज्ञापन और एलओआई पर हस्ताक्षर किए गए थे और उनमें से 520 समझौता ज्ञापन / एलओआई क्रियान्वित हो चुके हैं और 1,160 क्रियान्वयन के चरणों में हैं।
मुख्यमंत्री इस समिट का उद्घाटन सात अक्टूबर को जयपुर एग्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर (जेईसीसी) में करेंगे।
मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में समिट की जानकारी देते हुए गहलोत ने कहा कि दो दिन की इन्वेस्ट राजस्थान समिट के उद्घाटन सत्र के बाद पर्यटन, स्टार्टअप, एग्री बिजनेस फ्यूचर रेडी क्षेत्रों पर समानान्तर सत्र आयोजित किये जायेंगे।
उन्होंने बताया कि समिट के दौरान किसी भी समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर नहीं किए जाएंगे और इस दौरान जिन कुछ परियोजनाओं के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं, उनका उद्घाटन और शिलान्यास किया जाएगा उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने निवेशकों के हित में कई महत्वपूर्ण कदम उठाये है। सरकार ने राज्य में राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना 2019, हैण्डीक्राफ्ट नीति एवं एमएसएमई नीति लागू की है।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, उद्योगपति एल एन मित्तल, गौतम अडानी, सी के बिड़ला, अनिल अग्रवाल आदि ने समिट में भाग लेने के लिए अपनी सहमति दे दी है।
यह पूछे जाने पर कि गौतम अडानी को अक्सर (कांग्रेस द्वारा) निशाना बनाया जाता है और उन्हें समिट के लिए भी आमंत्रित किया जाता है तो गहलोत ने कहा कि रोजगार सृजन राज्य सरकार की प्राथमिकता है और जब कोई उद्योगपति आता है और सभी नियमों की पालना और शर्तों की पालना करते हुए निवेश करता है तो राज्य के राजस्व में वृद्धि होती है जिसका उपयोग विकास के लिए किया जाता है।
उन्होंने मीडिया पर भी निशाना साधते हुए कहा कि कभी-कभी मीडिया किंगमेकर की भूमिका निभाता है और पसंद-नापसंद के अनुसार समाचार चलाता है जो अंततः मीडिया की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाता है क्योंकि लोगों की सामान्य समझ असाधारण है और वे सब कुछ समझते हैं।
दो दिवसीय समिट के पहले दिन सात अक्टूबर को एनआरआई, फ्यूचर रेडी सेक्टर, स्टार्टअप, पर्यटन, एग्री बिजनेस पर समानांतर सत्र आयोजित किये जायेंगे और दूसरे दिन आठ अक्टूबर को एमएसएमई कॉन्क्लेव आयोजित की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में श्रमिक अशांति नहीं है और राज्य में औद्योगिक विकास के लिए कानून-व्यवस्था की स्थिति और वातावरण भी अनुकूल है।
राज्य सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने कई क्रांतिकारी योजनाएं और कार्यक्रम शुरू किए हैं जिन्हें राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जाना चाहिए।
गहलोत ने सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना के पुनरुद्धार, राजस्थान सरकार की स्वास्थ्य योजना (आरजीएचएस), इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना, इंदिरा रसोई योजना, मुफ्त सैनिटरी पैड वितरण के लिए उड़ान योजना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देशभर में ऐसी योजनाओं को लागू करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि “राजस्थान सरकार ने कई क्रांतिकारी कदम उठाए हैं और योजनाएं शुरू की हैं। ऐसी योजनाओं को देश में लागू किया जाना चाहिए।’’

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PTI News Agency

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