देवनानी ने दानदाताओं के लिये सीट आरक्षित करने का आदेश वापस लेने की मांग की

7/17/2022 7:28:39 PM

जयपुर, 17 जुलाई (भाषा) राजस्थान के पूर्व शिक्षा मंत्री और भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने रविवार को राज्य सरकार से महात्मा गांधी इंगलिश मीडियम सरकारी स्कूलों को भामाशाहों द्वारा प्रायोजित 50 लाख रूपये या उससे अधिक के कार्यो के बदले स्कूलों में सीटें आरक्षित करने के सरकारी आदेश वापस लेने की मांग की ।

देवनानी ने रविवार को शिक्षा विभाग के इस आदेश को ट्विटर पर साझा करते हुए इसे शिक्षा के अधिकार अधिनियम का उल्लंघन बताया है।

शिक्षा विभाग (शासन-उपसचिव) की ओर से 16 जुलाई को एक आदेश जारी कर कहा गया है कि जिन दानदााओं ने महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय (अंग्रेजी माध्यम) / राजकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालय के निर्माण में या अन्य कार्य में 50 लाख रुपये या अधिक का व्यय किया है, उन्हें संबंधित विद्यालय की प्रत्येक कक्षा में अधिकतम दो विद्यार्थियों तथा सम्पूर्ण विद्यालय में प्रतिवर्ष अधिकतम 10 विद्यार्थियों के प्रवेश के लिये कोटा दिया गया है ।

यह कोटा विद्यालयों में संचालित कक्षाओं की निर्धारित सीटों के अतिरिक्त सीटों के लिये होगा।
देवनानी ने कहा कि ‘‘राज्य सरकार शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करने पर आमादा है। सरकार का महात्मा गांधी विद्यालयों में दानदाता को प्रतिवर्ष 10 सीट आरक्षित करना स्पष्ट रूप से शिक्षा के अधिकार अधिनियम का उल्लंघन है।’’
उन्होंने कहा कि शिक्षा के अधिकार के अंतर्गत किसी विद्यालय द्वारा अतिरिक्त राशि व्यय कर प्रवेश लेना प्रतिबंधित है।

उन्होंने कहा कि आदेश शिक्षा के अधिकार अधिनियम की मूल भावना सबको शिक्षा, एक समान शिक्षा के विपरीत निकाला गया यह आदेश न सिर्फ राजकीय विद्यालय के संस्थागत ढांचे को ध्वस्त कर देगा बल्कि निजी विद्यालय द्वारा भी इस प्रकार की मांग को मजबूत कर शिक्षण व्यवस्था का बंटाधार करने की ओर अग्रसित हो जायेगा।

भाजपा विधायक ने राज्य सरकार से आदेश को वापस लेने की मांग की है।

यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

PTI News Agency

Advertising