राजस्थान में 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर पांच जातियों के लोगों ने राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम लगाया
6/13/2022 7:24:25 PM
जयपुर, 13 जून (भाषा) राजस्थान के भरतपुर जिले में नौकरी और उच्च शिक्षा में 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर सोमवार को सैनी, कुशवाहा शाक्य, मौर्य, माली समाज की पांच जातियों के सैकड़ों लोगों ने जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर अरोदा गांव में सोमवार को चक्का जाम किया।
भरतपुर प्रशासन ने जिले की चार तहसील नदबई, उच्चैन, वैर, भुसावर में मोबाइल इंटरनेट सेवा को मंगलवार सुबह 11 बजे तक निलंबित कर दिया है।
राजस्थान में 12 प्रतिशत अलग से आरक्षण देने की मांग को लेकर सैनी, माली, कुशवाहा शाक्य मौर्य, आरक्षण संघर्ष समिति के नेतृत्व में आंदोलन शुरू किया गया। समाज के नेताओं का कहना है कि वर्तमान में इन लोगों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में शामिल किया गया है और इस श्रेणी में अन्य जातियों के होने के कारण उनके समाज को फायदा नहीं मिल रहा है।
संघर्ष समिति के महासचिव बदन सिंह ने कहा, ‘‘हमारी आरक्षण की मांग को पूरा किया जाये और एक अलग से कोटा हमें दिया जाये। यदि आवश्यकता पड़ी तो हम भरतपुर-धौलपुर रेल मार्ग को भी बंद करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार की ओर से एक मंत्री हमारे पास आएं और आश्वस्त करें कि हमारी मांगों पर विचार किया जाएगा तभी हम धरना समाप्त करेंगे।’’
इस मामले पर भरतपुर के जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने कहा, ‘‘हम आंदोलनकारियों से बातचीत कर रहे हैं लेकिन वो (आंदोलनकारी) चाहते हैं कि उनकी बातचीत किसी सरकार के प्रतिनिधि (मंत्री) से होनी चाहिए। आरक्षण को लेकर उनकी मांग से सरकार को अवगत करा दिया गया है।’’
उन्होंने बताया कि किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए जिला प्रशासन ने पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया है और मोबाइल इंटरनेट सेवा मंगलवार तक के लिये निलंबित कर दी गई है। उन्होंने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है।
भरतपुर के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग जाम करने को लेकर आंदोलनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था का उल्लंघन नहीं होने दिया जायेगा।
सूत्रों ने बताया कि विरोध को देखते हुए राज्य सरकार ने पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह और भरतपुर संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा को आंदोलनकारियों के साथ बातचीत करने को कहा है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
भरतपुर प्रशासन ने जिले की चार तहसील नदबई, उच्चैन, वैर, भुसावर में मोबाइल इंटरनेट सेवा को मंगलवार सुबह 11 बजे तक निलंबित कर दिया है।
राजस्थान में 12 प्रतिशत अलग से आरक्षण देने की मांग को लेकर सैनी, माली, कुशवाहा शाक्य मौर्य, आरक्षण संघर्ष समिति के नेतृत्व में आंदोलन शुरू किया गया। समाज के नेताओं का कहना है कि वर्तमान में इन लोगों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में शामिल किया गया है और इस श्रेणी में अन्य जातियों के होने के कारण उनके समाज को फायदा नहीं मिल रहा है।
संघर्ष समिति के महासचिव बदन सिंह ने कहा, ‘‘हमारी आरक्षण की मांग को पूरा किया जाये और एक अलग से कोटा हमें दिया जाये। यदि आवश्यकता पड़ी तो हम भरतपुर-धौलपुर रेल मार्ग को भी बंद करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार की ओर से एक मंत्री हमारे पास आएं और आश्वस्त करें कि हमारी मांगों पर विचार किया जाएगा तभी हम धरना समाप्त करेंगे।’’
इस मामले पर भरतपुर के जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने कहा, ‘‘हम आंदोलनकारियों से बातचीत कर रहे हैं लेकिन वो (आंदोलनकारी) चाहते हैं कि उनकी बातचीत किसी सरकार के प्रतिनिधि (मंत्री) से होनी चाहिए। आरक्षण को लेकर उनकी मांग से सरकार को अवगत करा दिया गया है।’’
उन्होंने बताया कि किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए जिला प्रशासन ने पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया है और मोबाइल इंटरनेट सेवा मंगलवार तक के लिये निलंबित कर दी गई है। उन्होंने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है।
भरतपुर के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग जाम करने को लेकर आंदोलनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था का उल्लंघन नहीं होने दिया जायेगा।
सूत्रों ने बताया कि विरोध को देखते हुए राज्य सरकार ने पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह और भरतपुर संभागीय आयुक्त सांवरमल वर्मा को आंदोलनकारियों के साथ बातचीत करने को कहा है।
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