राज्यसभा चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज, भाजपा के विधायक भी पहुंचे ''प्रशिक्षण शिविर''

6/07/2022 12:35:34 AM

जयपुर, छह जून (भाषा) राजस्थान से राज्यसभा की चार सीटों के लिए 10 जून को होने वाले चुनाव को लेकर सरगर्मियां जोर पकड़ती जा रही हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी अपने विधायकों को ‘‘प्रशिक्षण शिविर’’ के लिए यहां एक रिसॉर्ट में इकट्ठा कर लिया है। कांग्रेस के विधायक पहले से ही उदयपुर के एक होटल में ''कैंप'' कर रहे हैं।
वहीं, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) ने सोमवार को कहा कि उसके तीनों विधायक चुनाव में भाजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा का समर्थन करेंगे।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उदयपुर में ठहरे पार्टी व सरकार का समर्थन कर रहे निर्दलीय विधायकों की बैठक ली और विधायकों को राज्यसभा की चार में से तीन सीटें जीतने के लिए एकजुट रहने को कहा।

राज्य में चार सीटों के लिए चुनाव होना है। कांग्रेस ने तीन और भाजपा ने एक प्रत्याशी को मैदान में उतारा है। भाजपा ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन दाखिल करने वाले मीडिया कारोबारी सुभाष चंद्रा का समर्थन किया है।

राज्य में मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने भी अपने विधायकों को सोमवार को ''प्रशिक्षण शिविर'' के लिए जयपुर के बाहरी इलाके जामडोली में एक रिसॉर्ट में स्थानांतरित कर दिया। चुनाव होने तक पार्टी के विधायक वहीं रहेंगे। कुछ विधायक खुद वहां पहुंचे तो बाकी को यहां स्थित पार्टी कार्यालय में दो बसों से ले जाया गया।

सोमवार शाम को पार्टी के एक नेता ने बताया कि करीब 60 विधायक रिसॉर्ट पहुंचे हैं। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि पार्टी प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर रही है जिसके लिए विधायकों को वहां रखा गया है। उन्होंने कहा कि शिविर में विधायकों को राज्यसभा चुनाव संबंधी प्रशिक्षण दिया जाएगा। शिविर में वरिष्ठ नेताओं के सत्रों को संबोधित करने की उम्मीद है।

उधर, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) ने सोमवार रात को घोषणा की कि उसके तीनों विधायक निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा को वोट देंगे।

आरएलपी के संयोजक और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने सोमवार रात ट्वीट कर इसकी घोषणा की। बेनीवाल ने ट्वीट किया, ''''आरएलपी के तीनों विधायक आगामी राज्यसभा चुनाव में भाजपा व कांग्रेस के उम्मीदवार को वोट नहीं देंगे व लोकतंत्र की गरिमा का सम्मान करते हुए निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा के समर्थन में मतदान करेंगे।''''
आरएलपी के तीन विधायकों में मेड़ता से इंद्रादेवी, भोपालगढ़ से पुखराज व खींवसर से नारायण बेनीवाल हैं। उल्लेखनीय है कि आरएलपी केंद्र में सत्तारूढ़ राजग का घटक थी लेकिन बेनीवाल ने दिसंबर 2020 में कृषि कानूनों के विरोध के मुद्दे पर गठबंधन छोड़ दिया। बेनीवाल अपनी पार्टी के इकलौते सांसद हैं।

उधर, मुख्यमंत्री गहलोत ने उदयपुर के होटल में विधायकों को संबोधित किया। कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि उदयपुर के होटल में 13 में से 12 निर्दलीय समेत 100 से ज्यादा विधायक मौजूद हैं। कांग्रेस ने यह कहते हुए विधायकों को उदयपुर स्थानांतरित कर दिया था कि उसे भाजपा द्वारा खरीद-फरोख्त का डर है।

सूत्रों के अनुसार, ''''मुख्यमंत्री ने विधायकों की बैठक ली और उन्हें राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा द्वारा खरीद-फरोख्त के किसी भी प्रयास के प्रति सतर्क रहने के लिए कहा। उन्होंने विधायकों से एकजुट रहने को कहा।''''
कांग्रेस के तीनों उम्मीदवार- मुकुल वासनिक, रणदीप सुरजेवाला और प्रमोद तिवारी भी वहां मौजूद थे।

वहीं, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ट्रेन से नई दिल्ली से श्रीगंगानगर पहुंचे जहां पार्टी कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों ने उनका स्वागत किया। पायलट गायक सिद्धू मूसेवाला को श्रद्धांजलि देने के लिए पंजाब गए थे, जिनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उन्होंने सिद्धूवाला के माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया। वे बाद में नयी दिल्ली के लिए रवाना हो गए।

पायलट शुक्रवार को उदयपुर से दिल्ली गए थे। वह उसी दिन प्रमोद तिवारी के साथ उदयपुर पहुंचे थे और बाद में शाम को वे दिल्ली लौट गए।

इस बीच, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के महानिदेशक बी एल सोनी ने अधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें राज्यसभा चुनावों के लिए खरीद-फरोख्त के किसी भी प्रयास की जांच के लिए सतर्क रहने का निर्देश दिया।

सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने रविवार को परिवाद देते हुए विधायकों की खरीद फरोख्त की आशंका जताई थी। इसके मद्देनजर महानिदेशक ने सोमवार को एक बैठक बुलाई जिसमें जयपुर के सभी एसीबी चौकियों/इकाइयों के प्रभारी शामिल हुए।

एसीबी के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्य सचेतक द्वारा दी गई शिकायत को जांच के लिए दर्ज कर लिया गया है और मामले को जांच के लिए पुलिस अधीक्षक योगेश दाधीच को सौंपा गया है।

संख्या बल के हिसाब से राजस्थान की 200 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस अपने 108 विधायकों के साथ दो सीटें व भाजपा 71 विधायकों के साथ एक सीट आराम से जीत सकती है। दो सीटों के बाद कांग्रेस के पास 26 अधिशेष व भाजपा के पास 30 अधिशेष वोट होंगे।
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि उनके पास कुल मिलाकर 126 विधायकों का समर्थन है। वहीं, भाजपा के 30 अधिशेष व आरएलपी के तीन (कुल 33) मत निर्दलीय चंद्रा के पास हैं। उन्हें जीतने के लिए 41 मत चाहिए जिनसे वे आठ मत दूर हैं।



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PTI News Agency

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