राजस्थान सरकार मेहसाणा-बठिंडा गैस पाइपलाइन के साथ औद्योगिक विकास को गति देगी: मीणा
10/19/2021 9:19:23 AM
जयपुर, 18 अक्टूबर (भाषा) राजस्थान सरकार मेहसाणा-बठिंडा गैस पाइपलाइन परियोजना के साथ औद्योगिक विकास को सुविधाजनक बनाने और गति देने की योजना बना रही है। इसके इस साल के अंत तक पूरा होने की उम्मीद है।
मेहसाणा-बठिंडा गैस पाइपलाइन लगभग 1,650 किमी के कुल क्षेत्रफल में फैली हुई है। गैस पाइपलाइन गुजरात में 47 किलो मीटर, राजस्थान में 1,334 किमी, हरियाणा के 200 किमी और पंजाब में 66 किलो मीटर गुजर रही है।
राजस्थान के उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि “गैस पाइपलाइन परियोजना के तहत रीको ने सिरेमिक, ग्लास, मेटल कास्टिंग, टेक्सटाइल जैसे उद्योगों की 14 श्रेणियों की पहचान की है। इसके कारण विभाग ने राज्य में कुछ सिरेमिक संकुल पहले ही विकसित कर लिए हैं।’’ उन्होंने कहा कि ‘‘उसी दिशा में आगे बढ़ते हुए, हम अब और अधिक औद्योगिक क्षेत्रों को विकसित करने की योजना बना रहे हैं। इससे प्राकृतिक गैस का उपयोग करने वाले उद्योगों में निवेश बढ़ने की उम्मीद है।” मीणा ने कहा कि राज्य के अलवर और आसपास के जिले में प्राकृतिक गैस उपलब्ध है। जिसके चलते बारां, बूंदी, कोटा, चित्तौड़गढ़ और भीलवाड़ा जिले भी नेटवर्क से जुड़े थे।
उन्होंने एक बयान में बताया कि मेहसाणा बठिंडा गैस पाइपलाइन के अंतर्गत सिरोही, जालोर, पाली, बाड़मेर, अजमेर, जयपुर, सीकर, झुंझुनू, चुरू और हनुमानगढ़ शामिल हैं। इस पाइपलाइन के माध्यम से जिला स्तरीय वितरण के माध्यम से औद्योगिक क्षेत्रों और संबंधित उद्योगों को गैस उपलब्ध कराया जाएगा।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
मेहसाणा-बठिंडा गैस पाइपलाइन लगभग 1,650 किमी के कुल क्षेत्रफल में फैली हुई है। गैस पाइपलाइन गुजरात में 47 किलो मीटर, राजस्थान में 1,334 किमी, हरियाणा के 200 किमी और पंजाब में 66 किलो मीटर गुजर रही है।
राजस्थान के उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि “गैस पाइपलाइन परियोजना के तहत रीको ने सिरेमिक, ग्लास, मेटल कास्टिंग, टेक्सटाइल जैसे उद्योगों की 14 श्रेणियों की पहचान की है। इसके कारण विभाग ने राज्य में कुछ सिरेमिक संकुल पहले ही विकसित कर लिए हैं।’’ उन्होंने कहा कि ‘‘उसी दिशा में आगे बढ़ते हुए, हम अब और अधिक औद्योगिक क्षेत्रों को विकसित करने की योजना बना रहे हैं। इससे प्राकृतिक गैस का उपयोग करने वाले उद्योगों में निवेश बढ़ने की उम्मीद है।” मीणा ने कहा कि राज्य के अलवर और आसपास के जिले में प्राकृतिक गैस उपलब्ध है। जिसके चलते बारां, बूंदी, कोटा, चित्तौड़गढ़ और भीलवाड़ा जिले भी नेटवर्क से जुड़े थे।
उन्होंने एक बयान में बताया कि मेहसाणा बठिंडा गैस पाइपलाइन के अंतर्गत सिरोही, जालोर, पाली, बाड़मेर, अजमेर, जयपुर, सीकर, झुंझुनू, चुरू और हनुमानगढ़ शामिल हैं। इस पाइपलाइन के माध्यम से जिला स्तरीय वितरण के माध्यम से औद्योगिक क्षेत्रों और संबंधित उद्योगों को गैस उपलब्ध कराया जाएगा।
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