कृषि में जैविक व प्राकृतिक पद्धतियों का उपयोग समय की मांग : मिश्र
9/23/2021 10:42:27 AM
जयपुर, 22 सितंबर (भाषा) राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने बुधवार को कहा कि कृषि और बागवानी में जैविक व प्राकृतिक पद्धतियों का उपयोग पर्यावरण के अनुकूल होने के साथ-साथ स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से वर्तमान समय की मांग भी है।
मिश्र ने राजभवन में कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर द्वारा तैयार बूंद-बूंद सिंचाई प्रणाली (ड्रिप इरिगेशन), अजोला उत्पादन व वर्मीकम्पोस्ट इकाइयों का उद्घाटन करने के बाद उक्त बात कही।
उन्होंने राजभवन में स्थापित इन इकाइयों की लघु कार्य प्रणाली का अवलोकन कर इनकी उपयोगिता के बारे में जानकारी ली।
कुलपति प्रोफेसर जीत सिंह संधू ने बताया कि पॉलीहाउस में बूंद-बूंद सिंचाई प्रणाली से सीमित जल में पौधे को हर मौसम में आवश्यकतानुसार पर्याप्त नमी उपलब्ध हो जाती है। अजोला इकाई के बारे में उन्होंने बताया कि अजोला गायों और पशुधन के लिए पौष्टिक आहार का काम करता है, जिससे दुग्ध उत्पादन में बढ़ोतरी होती है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
मिश्र ने राजभवन में कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर द्वारा तैयार बूंद-बूंद सिंचाई प्रणाली (ड्रिप इरिगेशन), अजोला उत्पादन व वर्मीकम्पोस्ट इकाइयों का उद्घाटन करने के बाद उक्त बात कही।
उन्होंने राजभवन में स्थापित इन इकाइयों की लघु कार्य प्रणाली का अवलोकन कर इनकी उपयोगिता के बारे में जानकारी ली।
कुलपति प्रोफेसर जीत सिंह संधू ने बताया कि पॉलीहाउस में बूंद-बूंद सिंचाई प्रणाली से सीमित जल में पौधे को हर मौसम में आवश्यकतानुसार पर्याप्त नमी उपलब्ध हो जाती है। अजोला इकाई के बारे में उन्होंने बताया कि अजोला गायों और पशुधन के लिए पौष्टिक आहार का काम करता है, जिससे दुग्ध उत्पादन में बढ़ोतरी होती है।
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