कांग्रेस नेता डोटासरा के रिश्तेदारों के आरएएस बनने पर विवाद,उन्होंने बताया सोशल मीडिया का प्रोपगेंडा

7/22/2021 10:58:40 AM

जयपुर, 21 जुलाई (भाषा) कांग्रेस की राजस्थान इकाई के अध्यक्ष और स्कूली शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने अपने दो और रिश्तेदारों के राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) में चयनित होने पर उठे विवाद को बुधवार को सोशल मीडिया का प्रोपगेंडा करार दिया और कहा कि आरएएस परीक्षा बहुत ही पारदर्शी तरीके से होती है और काबिल बच्चे ही इसमें सफल होते हैं।

डोटासरा को इस मामले में विशेष रूप से विपक्ष के कटाक्ष का सामना करना पड़ रहा है। नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा है कि मुख्यमंत्री को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए।

डोटासरा का यह बयान अपनी पुत्रवधू की बहन एवं भाई के आरएएस में चयनित होने होने बाद सोशल मीडिया पर चल रही चर्चाओं के बीच आया है। उन्होंने इस बारे में यहां पूछे जाने पर कहा,‘‘ आरएएस राजस्थान की बहुत ही प्रतिष्ठित भर्ती परीक्षा है। राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा पारदर्शिता के साथ यह परीक्षा करवायी जाती है। जो बच्चे काबिल होते हैं वो ही इस परीक्षा में सफल होते हैं।’’ उन्होंने कहा,‘‘साक्षात्कार में बोर्ड सदस्यों के साथ साथ विशेषज्ञ भी बैठते हैं और तमाम प्रक्रिया होने के बाद में प्रतियोगी आरएएस बनते हैं। प्रतिभावान बच्चे आरएएस की तैयारी कर अपने मुकाम को हासिल करते हैं, इसमें किसी भी राजनेता का कोई लेना -देना नहीं होता है।’’ दरअसल आरएएस परीक्षा के हाल ही में जारी परिणाम में डोटासरा की पुत्रवधू की बहन एवं भाई का चयन हुआ है। दोनों को साक्षात्कार में 80- 80 अंक मिले हैं। इससे पहले 2016 में उनकी पुत्रवधू के भी साक्षात्कार में 80 अंक थे। इसको लेकर सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हो रही है।
इस पर डोटासरा ने कहा,‘‘ मैं समझता हूं कि यह कोई विषय ही नहीं होना चाहिए कि किसके कितने अंक आए। क्योंकि साक्षात्कार तो केवल 100 अंक को होता है। उससे पहले तो प्री और मुख्य परीक्षा पास करनी पड़ती है। मुख्य परीक्षा के बाद साक्षात्कार होता है।’’ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा,‘‘ किसी के रिश्तेदार होने से या किसी के जानकार होने से न तो इंटरव्यू में अंक नहीं मिलते हैं न तो लिखित परीक्षा में अंक मिलते हैं यह केवल सोशल मीडिया पर चलाया गया प्रोपेगेंडा है।’’ उन्होंने कहा कि इस विवाद का कोई आधार नहीं है, दरअसल जिन लोगों का चयन नहीं हो पाता वे ही इस तरह का प्रोपगेंडा चलाते हैं। डोटासरा ने कहा कि अगर इस परीक्षा में उनकी ही चलती तो वह ऐसे अपने विधानसभा क्षेत्र के सभी लोगों और परिवार के बाकी लोगों को भी आरएएस बना देते।
उन्होंने कहा,‘‘मेरा बेटा अविनाश 2016 में पास हुआ था वह आरएएस बना। मेरी पुत्रवधू जब आरएएस बनीं तब तो उसका रिश्ता ही नहीं हुआ था। जब मेरी पुत्रवधु बनी तो भाजपा का राज था।’’ उल्लेखनीय है कि यह मामला सोशल मीडिया पर खूब उछला है। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने बुधवार को एक बयान में कहा, ‘‘आरएएस भर्ती के साक्षात्कार में राजस्थान के शिक्षामंत्री डोटासरा के परिवार के लोगों को दिए गए अंक में भारी अनियमितता का संदेह है, मुख्यमंत्री को संज्ञान लेकर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।’’
जब भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा,‘‘ राजनीति में जब कोई उच्च पद पर होता है और उसके परिवार के सदस्यों का इस तरह से चयन होता है तब प्रश्न तो उठता ही है।’’
विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष (भाजपा) राजेंद्र राठौड़ ने भी इसको लेकर ट्वीट कर कटाक्ष किया। तीनों अंकतालिकाओं की फोटो शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, ‘‘ स्वयं के साथ जब सत्ता आती है तो प्रतिभागी भी साथ लेकर आती है और परिणाम भी। ये संयोग है या प्रयोग, यह तो खुदा ही जाने। ना जाने कब क्या हो जाए।’’

यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

PTI News Agency

Advertising