महापौर और तीन पार्षदों के निलंबन के विरोध में भाजपा ने शहर के सभी वार्डो में प्रदर्शन किया

6/7/2021 10:15:50 PM

जयपुर, सात जून (भाषा) राजस्थान में जयपुर ग्रेटर नगर निगम की महापौर और तीन पार्षदों को निलंबित किए जाने के विरोध में सोमवार को भाजपा ने शहर के सभी वार्डो में प्रदर्शन किया। पार्टी ने उन्हें निलंबित किए जाने की राज्य सरकार की कार्यवाही की निंदा भी की।
जयपुर ग्रेटर नगर निगम के आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव के साथ शुक्रवार को महापौर सौम्या गुर्जर और तीन पार्षदों अजय सिंह चौहान, पारस जैन और शंकर शर्मा द्वारा किये गये कथित दुर्व्यवहार पर कार्यवाही करते हुए राज्य सरकार ने महापौर और तीनों पार्षदों को रविवार को निलंबित कर दिया था।

गुर्जर ने निलंबन को ‘राजनीति से प्रेरित’ बताते हुए सभी आरोपों को निराधार करार दिया है।

उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में कहा,“यह निर्णय पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। मैंने पूरी ईमानदारी से काम किया है और ऐसा कभी नहीं सोचा था कि ईमानदारी से काम करने का यह परिणाम होगा। सरकार उन लोगों का समर्थन कर रही है जो गलत कामों में शामिल हैं लेकिन मुझे न्यायपालिका में विश्वास है।”
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने कहा कि निर्वाचित महिला महापौर को इस तरीके से अपमानित कर प्रदेश की गहलोत सरकार ने “प्रतिशोध एवं विद्वेष” की घृणित राजनीति की है, जो लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है, लोकतंत्र पर काला धब्बा है।

डॉ. पूनियां ने आरोप लगाया, “राजधानी जयपुर की जनता ने उनके (कांग्रेस के) खिलाफ बड़ा जनादेश भाजपा को दिया था, तब से ही ये लोग विचलित थे। मुझे लगता है कि इनकी ये सुनियोजित साजिश थी। जब निगम का गठन हुआ था तब से लेकर समितियों के गठन में भी कांग्रेस ने भेदभाव किया।”
उन्होंने आरोप लगाया कि महापौर व पार्षदों को निलंबित करना गहलोत सरकार की “तानाशाही” और “हिटलरशाही” है।

केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा,“ जनता द्वारा चुने हुए जनप्रतिनिधियों को बिना उनका पक्ष सुने निलंबित नहीं किया जा सकता। गहलोत जी ये 1975 के आपातकाल या 1984 के नरसंहार का समय नहीं है, इस बार तो जवाब देना होगा! कब तक कांग्रेस राज्य की व्यवस्थाओं का दुरुपयोग करेगी?”
उन्होंने ट्विटर पर आरोप लगाया, “पिछले साल गहलोत साहब लोकतंत्र को बचाने की दुहाई दे रहे थे, और आज उसी लोकतंत्र की हत्या भी कर दी। जयपुर ग्रेटर नगर निगम की महापौर और पार्षदों का निलंबन कांग्रेस का फासीवाद है। राजस्थान इस फासीवाद को पनपने नहीं देगा।”
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि लोकतांत्रिक तरीक़े से चुन कर आयी जयपुर ग्रेटर नगर निगम की महापौर का निलंबन निंदनीय है।

विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और जयपुर ग्रामीण सीट से सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़, राजसमंद से सांसद दीया कुमारी और अन्य नेताओं ने चारों के निलंबन की निंदा की है।

उल्लेखनीय है कि स्वायत्त शासन विभाग ने महापौर सौम्या गुर्जर और पार्षद अजय सिंह चौहान, पारस जैन (तीनों भाजपा) और शंकर शर्मा (निर्दलीय) को जयपुर ग्रेटर नगर निगम के आयुक्त के साथ महापौर के कमरे में अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने और धक्का देने के आरोप में निंलबित कर किया है।

निलंबन के साथ-साथ कांग्रेस सरकार ने मामलें की न्यायिक जांच कराने का भी निर्णय किया है।

शुक्रवार को आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव घर-घर कचरा संग्रहण करने वाली कंपनी से संबंधित एक मामलें में बुलाई गई बैठक में शिरकत करने के लिये महापौर के कमरे में गये थे।

बैठक के दौरान निगम आयुक्त और महापौर के बीच तीखी बहस हुई जिसके बाद देव बैठक छोड़कर जाने लगे तभी पार्षदों ने कथित तौर पर आयुक्त के साथ दुर्व्यवहार किया और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया।



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PTI News Agency

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