राजस्थान में मरीजों के लिए पर्याप्त बिस्तर उपलब्ध: चिकित्सा मंत्री
4/20/2021 5:10:40 PM
जयपुर, 20 अप्रैल (भाषा) कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच राजस्थान के चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री डा. रघु शर्मा ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार के पास पर्यापत मात्रा में बिस्तर हैं और जरूरत पड़ने पर तीन लाख तक बिस्तर की व्यवस्था और की जा सकती है। इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से राजस्थान को अधिक मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध करवाने की मांग की।
डा. शर्मा ने यहां कहा, ‘‘राज्य सरकार के पास पर्याप्त मात्रा में बिस्तर है, जरूरत पड़ी तो 2 से 3 लाख बिस्तर की व्यवस्था हम कर सकते हैं, लेकिन बिस्तर के साथ आक्सीजन की ज्यादा जरूरत है। इस महामारी में या तो टीका या फिर आक्सीजन ही जीवन रक्षक है।’’
उन्होंने कहा कि राजस्थान टीकाकरण और कोरोना वायरस प्रबंधन में देश भर के लिए एक रोल मॉडल रहा है। उन्होंने कहा कि यदि हमें आवश्यकता के अनुसार टीके, जीवनदायिनी दवाएं (रेमडीसिविर, टोसीमीजुलेब) और आक्सीजन मिल जाएगी तो हम देश में एक बार फिर मिसाल कायम करेंगे।
डॉ. शर्मा ने कहा कि विभाग द्वारा 7 लाख टीकाकरण प्रतिदिन करने का ढांचा विकसित कर लिया गया है लेकिन जरूरत के अनुसार खुराक नहीं मिल पा रही है, यही हाल जीवनदायिनी दवाओं का भी है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से सभी व्यवस्थाएं मजबूत हैं। उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार राजस्थान को पर्याप्त मात्रा में सामग्री उपलब्ध कराती है, तो राज्य के लोगों का जीवन बचाना हमारे लिए आसान होगा।
इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार पर राज्य को ऑक्सीजन का पर्याप्त कोटा आवंटित नहीं करने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘‘लोगों की जान बचाने के लिए आक्सीजन की सबसे ज्यादा जरूरत है लेकिन ऑक्सीजन प्लांट भारत सरकार के नियंत्रण में हैं। भिवाड़ी स्थित संयंत्र 120 टन (एमटी) आक्सीजन बनाता है। पडोसी राज्य गुजरात को 1200 टन और राजस्थान के लिए 124 टन का कोटा तय किया गया है। इसमें भी आपूर्ति केवल 65 टन की ही हो रही है।’’
उन्होंने कहा कि राज्य में 76600 उपचाराधीन रोगी हैं। इनके अलावा अन्य भर्ती मरीजों को उनकी स्थिति के अनुसार आक्सीजन देना पड़े तो हमें 136 टन आक्सीजन की जरूरत पड़ेगी।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
डा. शर्मा ने यहां कहा, ‘‘राज्य सरकार के पास पर्याप्त मात्रा में बिस्तर है, जरूरत पड़ी तो 2 से 3 लाख बिस्तर की व्यवस्था हम कर सकते हैं, लेकिन बिस्तर के साथ आक्सीजन की ज्यादा जरूरत है। इस महामारी में या तो टीका या फिर आक्सीजन ही जीवन रक्षक है।’’
उन्होंने कहा कि राजस्थान टीकाकरण और कोरोना वायरस प्रबंधन में देश भर के लिए एक रोल मॉडल रहा है। उन्होंने कहा कि यदि हमें आवश्यकता के अनुसार टीके, जीवनदायिनी दवाएं (रेमडीसिविर, टोसीमीजुलेब) और आक्सीजन मिल जाएगी तो हम देश में एक बार फिर मिसाल कायम करेंगे।
डॉ. शर्मा ने कहा कि विभाग द्वारा 7 लाख टीकाकरण प्रतिदिन करने का ढांचा विकसित कर लिया गया है लेकिन जरूरत के अनुसार खुराक नहीं मिल पा रही है, यही हाल जीवनदायिनी दवाओं का भी है। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से सभी व्यवस्थाएं मजबूत हैं। उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार राजस्थान को पर्याप्त मात्रा में सामग्री उपलब्ध कराती है, तो राज्य के लोगों का जीवन बचाना हमारे लिए आसान होगा।
इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार पर राज्य को ऑक्सीजन का पर्याप्त कोटा आवंटित नहीं करने का भी आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘‘लोगों की जान बचाने के लिए आक्सीजन की सबसे ज्यादा जरूरत है लेकिन ऑक्सीजन प्लांट भारत सरकार के नियंत्रण में हैं। भिवाड़ी स्थित संयंत्र 120 टन (एमटी) आक्सीजन बनाता है। पडोसी राज्य गुजरात को 1200 टन और राजस्थान के लिए 124 टन का कोटा तय किया गया है। इसमें भी आपूर्ति केवल 65 टन की ही हो रही है।’’
उन्होंने कहा कि राज्य में 76600 उपचाराधीन रोगी हैं। इनके अलावा अन्य भर्ती मरीजों को उनकी स्थिति के अनुसार आक्सीजन देना पड़े तो हमें 136 टन आक्सीजन की जरूरत पड़ेगी।
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