सूचना आयोग ने निजी मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य और मुख्य चिकित्सा अधिकारी पर जुर्माना लगाया

3/18/2021 5:12:39 PM

जयपुर , 18 मार्च (भाषा) राज्य सूचना आयोग ने राजस्थान के एक निजी मेडिकल कॉलेज को सूचना का अधिकार कानून के दायरे में माना है और कॉलेज प्रधानाचार्य पर कानून की अवहेलना करने पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।

आयोग ने एक अन्य आदेश में बाड़मेर के मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी पर दस हजार रुपये के जुर्माने के साथ आवेदक को पांच हजार रुपये क्षतिपूर्ति के रूप में देने को कहा है।

आयोग में राजसमंद के एक व्यक्ति ने अपील दायर कर कहा कि उदयपुर के गीतांजलि मेडिकल कॉलेज ने उनके आवेदन को कोई महत्व नहीं दिया। इस पर आयोग ने मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य से जवाब तलब किया और कानून की अवहेलना का सबब पूछा।

मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सूचना आयुक्त नारायण बारेठ ने व्यवस्था दी कि गीतांजलि मेडिकल कॉलेज को सरकार ने जमींन आवंटित की है और राज्य की विधानसभा द्वारा पारित कानून के तहत कॉलेज की स्थापना हुई है, इसलिए कॉलेज सूचना अधिकार कानून के प्रावधानों के दायरे में आता है।

आयोग में सुनवाई के दौरान डी ए वी कॉलेज के ऐसे ही एक मामले में उच्चतम न्यायालय के एक फैसले का हवाला दिया गया और आवेदक ने तर्क दिया कि इस लिहाज से मेडिकल कॉलेज पूरी तरह लोक प्राधिकरण की श्रेणी में आता है।

सूचना आयुक्त बारेठ ने इसे गंभीरता से लिया और कॉलेज प्रधानाचार्य पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश दिया।

एक अन्य मामले में राज्य सूचना आयुक्त लक्ष्मण सिंह ने आयोग के आदेश के बावजूद सूचना मुहैया कराने में कोताही बरतने पर बाड़मेर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी पर न केवल 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया, बल्कि उन्हें लम्बे समय से सूचना मांग रहे जोधपुर के श्याम सुंदर साद को हर्जाने के रूप में पांच हजार रुपये देने का आदेश भी दिया है।

साद ने आयोग को शिकायत की थी कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी आयोग के निर्णय के बावजूद उन्हें सूचना उपलब्ध नहीं करवा रहे हैं।

आयुक्त सिंह ने जुर्माने और हर्जाने की यह रकम मुख्य चिकित्सा अधिकारी की तनख्वाह से काटने का निर्देश दिया है। आयोग ने अपने इस आदेश का पालना करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया है।



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PTI News Agency

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