कोरोना टीकों के मुद्दे पर राजस्थान विधानसभा में हंगामा, भाजपा ने बहिर्गमन किया
3/10/2021 9:48:18 PM
जयपुर, 10 मार्च (भाषा) राजस्थान विधानसभा में राज्य सरकार ने जब केंद्र सरकार द्वारा राज्य को कोरोना वायरस के पर्याप्त टीके नहीं दिये जाने की बात कही तो सत्ता पक्ष और विपक्षी भाजपा के बीच तीखी बहस हो गयी और बाद में भाजपा ने सदन से बहिर्गमन किया।
राज्य के चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री डा. रघु शर्मा ने चिकित्सा, लोक स्वास्थ्य और सफाई से जुड़ी मांगों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि राज्य सरकार के पास आठ मार्च की स्थिति के अनुसार कोरोना वायरस टीकों की मात्र 4 लाख 40 हजार खुराक ही उपलब्ध थीं।
उन्होंने कहा कि प्रतिदिन लगभग दो लाख टीके लगाने को देखते हुए यह खुराक बहुत कम थी। ‘‘मजबूर होकर सरकार को टीकाकरण की गति नौ मार्च को कम करनी पड़ी और नौ मार्च को मात्र 60 हजार खुराक ही लगायी गयी।
इस पर विपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि मंत्री ने पहले प्रधानमंत्री का नाम लिया और केंद्र सरकार पर आरोप लगा दिया।
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि इस विषय पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।
मंत्री शर्मा ने कहा, ‘‘मैं इस सदन के माध्यम से भारत सरकार से निवेदन करना चाहता हूं कि हम कोई राजनीति नहीं करना चाहते हैं। हमारा विशुद्ध मकसद यह है कि टीकाकरण में हम शीर्ष पर चल रहे हैं, चलते रहें। हमारे पास सारी सुविधाएं मौजूद हैं। केंद्र सरकार हमें बफर स्टाक दे दे। कम से कम सात दिन का ही स्टॉक दे दे।''’ इसी दौरान विपक्षी भाजपा के सदस्यों ने बहिर्गमन कर दिया।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कल कहा था कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से पर्याप्त मात्रा में टीके नहीं मिलने के कारण मंगलवार से राज्य में प्राथमिक पीएचसी व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सीएचसी के स्तर पर चल रहे केंद्रों पर टीकाकरण की पहली खुराक देने का कार्य बंद करना पड़ा।
वहीं भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने इसे लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा और ट्वीट किया कि मुख्यमंत्री का राज्य में कोरोना के टीके खत्म होने का दावा खोखला है।
यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।
राज्य के चिकित्सा व स्वास्थ्य मंत्री डा. रघु शर्मा ने चिकित्सा, लोक स्वास्थ्य और सफाई से जुड़ी मांगों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि राज्य सरकार के पास आठ मार्च की स्थिति के अनुसार कोरोना वायरस टीकों की मात्र 4 लाख 40 हजार खुराक ही उपलब्ध थीं।
उन्होंने कहा कि प्रतिदिन लगभग दो लाख टीके लगाने को देखते हुए यह खुराक बहुत कम थी। ‘‘मजबूर होकर सरकार को टीकाकरण की गति नौ मार्च को कम करनी पड़ी और नौ मार्च को मात्र 60 हजार खुराक ही लगायी गयी।
इस पर विपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि मंत्री ने पहले प्रधानमंत्री का नाम लिया और केंद्र सरकार पर आरोप लगा दिया।
नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि इस विषय पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।
मंत्री शर्मा ने कहा, ‘‘मैं इस सदन के माध्यम से भारत सरकार से निवेदन करना चाहता हूं कि हम कोई राजनीति नहीं करना चाहते हैं। हमारा विशुद्ध मकसद यह है कि टीकाकरण में हम शीर्ष पर चल रहे हैं, चलते रहें। हमारे पास सारी सुविधाएं मौजूद हैं। केंद्र सरकार हमें बफर स्टाक दे दे। कम से कम सात दिन का ही स्टॉक दे दे।''’ इसी दौरान विपक्षी भाजपा के सदस्यों ने बहिर्गमन कर दिया।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कल कहा था कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से पर्याप्त मात्रा में टीके नहीं मिलने के कारण मंगलवार से राज्य में प्राथमिक पीएचसी व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सीएचसी के स्तर पर चल रहे केंद्रों पर टीकाकरण की पहली खुराक देने का कार्य बंद करना पड़ा।
वहीं भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने इसे लेकर राज्य सरकार पर निशाना साधा और ट्वीट किया कि मुख्यमंत्री का राज्य में कोरोना के टीके खत्म होने का दावा खोखला है।
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