महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों को लेकर सियासत, पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने भजनलाल सरकार पर बोला जुबानी हमला
Sunday, Jan 05, 2025-06:22 PM (IST)
जोधपुर, 5 जनवरी 2025 । पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दो दिवसीय दौरे पर अपने गृह जिले जोधपुर पहुंचे, जहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं की ओर से उनका स्वागत किया गया। इस अवसर पर उन्होने मीडिया से बात करते हुए प्रदेश की भजनलाल सरकार पर विभिन्न मुद्दों पर हमला बोला। भजनलाल सरकार द्वारा अंग्रेजी माध्यम की स्कूलों को बंद करने पर उन्होने कहा कि अंग्रेजी माध्यम की स्कूलों को शुरू करना एक नवाचार था,जिससे ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे भी अंग्रेजी बोलने में सक्षम होने लगे थे, मेरा खुद का अनुभव है कि दूर दराज के बच्चे अंग्रेजी बोलने में समर्थ थे और वे भविष्य में राष्ट्रीय ही नही बल्कि अर्न्तराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्द्धा कर पाते, उसे भजन लाल सरकार ने रिव्यू में डाल दिया ।
इसके साथ ही उन्होने कांग्रेस सरकार में बांटे गए पट्टों को रिव्यू को लेकर कहा कि हमने अभियान चलाकर दस से बारह लाख लोगो को पट्टे बांट थे लेकिन उसे भी अब रिव्यू में डाल दिया गया है। उन लोगो का क्या होगा जिन्होने मकान बनाना शुरू कर दिया और अपनी जमा पूंजी को लगा दिया था। ईआरसीपी के समझौते को लेकर बडे नाटक किए गए जबकि दो राज्यों बीच के समझौते का सार्वजनिक नही किया गया है। समझौते में राज्य के जनता के हित है या नही यह जानने का अधिकार प्रदेशवासियों को है। हमारी शिक्षा चिकित्सा एवं जनहित कारी योजनाओं को सरकार के एक वर्ष पूरा होने के बाद अभी तक रिव्यू ही किया जा रहा है। यही कारण है कि सरकार का इकबाल खत्म हो रहा है। ऐसा पहली बार में देख रहा हू कि सरकार के एक वर्ष पूरा होने के बाद भी इस तरह का माहौल दिखाई दे रहा है। सरकार का रूख देखते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने भी अब बैठक कर निर्णय लिया है कि सरकार के व्यवहार को देखते हुए जगह जगह आंदोलन करेंगे। जनहितकारी योजनाओं को बंद कर सरकार किससे बदला लेना चाह रही है क्या विपक्ष से या फिर जनता से बदला लेना चाहती है।
उन्होने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि भाजपा ने झूठ बोलकर चुनाव जीता कन्हैयालाल हत्या कांड के संबंध में बोलते हुए कहा कि हमारे बारे में चुनाव में कहा कि हिन्दू को पांच लाख व मुस्लिम को पचास लाख रूपए सहायता दी। लेकिन यह गलत था। स्कूल बंद होने व जिले समाप्त होने से यह कांग्रेस को नुकसान है या फिर जनता को इसके साथ ही उन्होने आरोप लगाया कि पिछली सरकार में शुरू किए गए जनहित के कार्यो को उन्होने रोक दिया है।
प्रदेश के सबसे ज्वलंत मुद्दे सब इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा पर बोलते हुए गहलोत ने कहा कि सरकार को पूछना चाहिए कि उन्होने एसआई भर्ती में चयनितों को जिलों में क्यो भेजा। पूरे देश में 70 जगहो पर पेपर लीक हुए यहा तक कि केन्द्र सरकार में भी पेपरलीक हुए है। पेपरलीक कैसे बंद किया जाए उसके उपर सरकार को विचार करना चाहिए। किसी भी भर्ती पेपरलीक में न्यायोचित कारवाई करनी चाहिए चाहे उन्हे गिरफ्तार किया जाए या निलम्बित किया जाए। लेकिन इस मामले को लम्बित नही किया जाना चाहिए। सरकार इस मामले को लेकर जानबूझकर लम्बा कर रही है ताकि माहौल बिगड़ा रहे।
जिले रद्द करने पर बोलते हुए कहा कि राजस्थान में अभी ओर जिले बनने की संभावना है जब मध्यप्रदेश जैसे छोटे राज्य में 53 जिले हो सकते है तो फिर राजस्थान में देश में सबसे बडा राज्य है। जिले समाप्त करने की बजाय जिले बढाने चाहिए ना कि कम करने चाहिए। पर्यटन को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत ने बिना नाम लिए कहा कि जब पर्यटन विभाग के केन्द्रीय मंत्री जोधपुर से आते है तो उनको जोधपुर का ज्यादा ध्यान रखना चाहिए। जब मैं केन्द्रीय पर्यटन राज्य मंत्री था तब मैने पर्यटन को इंडस्ट्रीयलाइज करने का प्रावधान रखा था लेकिन आज तक इसे पूरा नही किया गया है। राजस्थान में मैने इसे इंडस्ट्रीयलाइज किया है इसके बाद पर्यटन से जुडे सभी लोग खुश है। जोधपुर सांसद व केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत पर हमला बोलते हुए कहा कि आप मंत्री बने हो तो पर्यटन के क्षेत्र में राजस्थान एवं जोधपुर का विशेष ध्यान रखना चाहिए। वो तो हमारे गृह नगर के है उनको तो हमारे निर्णय का स्वागत करना चाहिए। राजस्थान सरकार ने पर्यटन को इंडस्ट्रीज का दर्जा दे दिया है। उनको राजस्थान की तर्ज पर दूसरे राज्यों में ऐसा मॉडल लागू करना चाहिए।
जिले रद्द होने के साथ ही निवेशकों द्वारा उन जिलों में निवेश को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि निवेशकों का इंवेस्टमेंट प्लान जिले रद्द होने के कारण डिस्ट्रब हुआ है। यह सोचने वाली बात है देखते है क्या होता है अभी तो उन्होने दावा किया है 30 लाख करोड के निवेश का दावा कर रहे है अभी मॉनिटरिंग करनी शुरू कर दी है मुझे खुशी है कि उनकी मॉनिटरिंग कामयाब हो। लेकिन मेरा अनुभव कहता है कि चाहे गुजरात हो या राजस्थान हो पन्द्रह प्रतिशत भी आ जाए तो बडी बात है।
पचपदरा में रिफाइनरी को लेकर कहा कि राजस्थान में यह पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह से बडी मुश्किल से इस प्रोजेक्ट को मंजूर करवाया और सोनिया गांधी भी यहा आई और निजी कम्पनी भी आगे आई। पिछली वसुंधरा राजे सरकार ने इस प्रोजेक्ट को पांच साल तक बंद रखा है। 40 हजार करोड की योजना अब 70-80 हजार करोड की योजना हो गई है इस रिफाइनरी में सबसे बडा फायदा पेट्रोकेमिकल कॉम्पलेक्स साथ में मिलने का है। जमीन चिन्हित हो चुकी है लेकिन सवाल यह है कि रिफाइनरी में काम करने के लिए स्किल डवलपमेंट के लिए काम कोई नही कर रहा है। ऐसे में जब प्रोडेक्शन शुरू होगा तो राज्य में सुविधाए नही होने पर यही काम बाहर चला जाएगा तो हमे चिन्ता है कि यहा के लोगो की बजाय बाहरी राज्यों को लाभ मिलेगा। हमने वादा किया था कि 31 दिसम्बर 2024 तक का वादा किया था लेकिन अब सरकार उसे जल्द पूरा करते हुए भूखंड बनाकर युवाओं को मौका देना चाहिए।