पद्य भूषण और पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह के निधन के बाद भरतपुर समेत देशभर में छाया शोक, नटवर सिंह को बढ़ने का था बड़ा शौक

Sunday, Aug 11, 2024-04:46 PM (IST)

भरतपुर, 11 अगस्त 2024 । भरतपुर के जगिना गांव में जन्मे पूर्व विदेश मंत्री कुंवर नटवर सिंह का 95 साल की उम्र में शनिवार देर रात गुड़गांव के मेदांता हॉस्पिटल में निधन हो गया। जिससे भरतपुर समेत पूरे देश में शोक की लहर है । बताया जा रहा है कि नटवर सिंह कुठ समय से बीमार चल रहे थे। नटवर सिंह तीन दशक तक देश की राजनीति में सिरमौर रहे। एक बार उनके प्रधानमंत्री बनने की भी चर्चाएं चली। विदेश मंत्री रहते हुए उन्होंने भरतपुर और देश का काफी नाम रोशन किया । उनका जन्म  16 मई 1929 को हुआ। पिता मेजर  गोविंद और मां प्रयाग कौर के चार पुत्रों में यह सबसे छोटे पुत्र थे। वे पढ़ाई में सबसे ज्यादा रुचि रखते थे। उन्होंने सिंधिया स्कूल ग्वालियर, मेयो कॉलेज अजमेर, दिल्ली और कैब्रिज विश्वविद्यालय में पढ़ाई की। 

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कुंवर नटवर सिंह की राजनीति में शुरुआत 
चीन में पैकिंग विश्वविद्यालय में विजिटिंग स्कॉलर रहे। 1953 में भारतीय विदेश सेवा में चुने गए। वे पहली बार 1984 में भरतपुर से सांसद चुने गए और 1985 में राजीव गांधी के मंत्रिमंडल में मंत्री बने। दूसरा चुनाव वे मथुरा से हार गए। उन्होंने  2004 से दिसंबर 2005 तक विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया। उनका राजनीतिक करिअर उतार चढ़ाव भरा रहा। 1984 में पद्म भूषण रत्न से सम्मानित हुए। वहीं उन्होंने विदेश सेवा में 31 साल सेवा की। सुजान गंगा का पहला जीर्णोद्धार कार्य उनके प्रयासों से हुआ। 1984 में गांधी पार्क में अभिनंदन समारोह में सूजान गंगा नहर का विषय उठा था। पहली बार नहर को खाली कर जीर्णोद्धार का कार्य उनके प्रयासों से हुआ। वहीं भारतीय विदेश सेवा से इस्तीफा देने के बाद नटवर सिंह कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए और भरतपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत गए। 1985 में इस्पात, कोयला और खान तथा कृषि विभाग राज्य मंत्री बने। 1986 में विदेश मामलों में राज्य मंत्री बने। 1987 में न्यूयॉर्क में निरस्त्रीकरण और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन का अध्यक्ष चुने गए। संयुक्त राष्ट्र महासभा में 42वें सत्र में भारतीय प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व भी किया। 1991 के चुनाव के बाद कांग्रेस पार्टी फिर से सत्ता में लौटी, जब राजीव गांधी की हत्या हो गई थी। तब पीवी नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री बने। विवाद होने पर उन्होंने एनडी तिवारी और अर्जुन सिंह के साथ मिलकर नई राजनीतिक पार्टी अखिल भारतीय इंदिरा कांग्रेस का गठन किया। 1998 में सोनिया गांधी का पार्टी में नियंत्रण हो गया और वह भी कांग्रेस में शामिल हो गए और भरतपुर से सांसद चुने गए । 2002 में राज्यसभा में चुने गए  2004 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नटवर सिंह को विदेश मंत्री नियुक्त किया।

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भरतपुर से दो बार सांसद रहे 
1984 - भरतपुर कांग्रेस - जीते
1985- केंद्रीय विदेश मंत्री 
1989- मथुरा कांग्रेस -हारे
1991- भरतपुर कांग्रेस - हारे 
1996- भरतपुर एनआईआईसी(टी )- हारे 
1998- भरतपुर कांग्रेस -जीते 
2004- केंद्रीय विदेश मंत्री बने
2002 से 2008 राज्यसभा सांसद रहे

   
पटियाला राजघराने में हुई थी शादी

अगस्त 1967 में नटवर सिंह ने पटियाला के अंतिम महाराज यादवेंद्र सिंह की बड़ी बेटी हेमिंन्द्र कौर से विवाह किया। जो पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की बहन थी। बताया जा रहा है कि इस संबंध में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी ने भूमिका निभाई थी।

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आत्मकथा: वोल्कर रिपोर्ट और इस्तीफा की वजह
अगस्त 2014 में नेटवर्क सिंह की आत्मकथा 'वन लाइफ इज नॉट इनफ' जारी हुई। इस किताब ने दिल्ली के राजनीतिक हलकों में हंगामा कर दिया। किताब इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, पीवी नरसिम्हा राव, और मनमोहन सिंह के शासन के दौरान हुए संवेदनशील घटनाक्रमों का खुलासा करती है। किताब में नटवर सिंह द्वारा वोल्कर रिपोर्ट और उनके स्थिति से पहले की पृष्ठभूमि में हुए विभिन्न राजनीतिक प्रस्तावों का विवरण प्रस्तुत किया गया है। सोनिया गांधी ने भी पुस्तक पर प्रतिक्रिया दी थी और इसकी सामग्री पर आपत्ति जताई थी ।
 
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नटवर सिंह को किताबे पढ़ने का था शौक, लाइब्रेरी में 10000 पुस्तक
पूर्व विदेश मंत्री कुंवर नटवर सिंह को पढ़ने का बड़ा शौक था। उनकी निजी लाइब्रेरी में 10 हजार से ज्यादा किताबें  है । फुर्सत की शाम उनकी लाइब्रेरी में गुजरती थी। वे कई बार तो लाइब्रेरी में बैठकर ही भोजन करते थे। उन्होंने 'महाराजा सूरजमल है लाइफ एंड टाइम्स' तथा 'वन लाइफ इज नॉट इन' आदि किताबें लिखी। 

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विवाद : खाद्यान्न के बदले तेल घोटाला
नटवर सिंह ने 2004 में भारत के विदेश मंत्री के रूप में पदभार ग्रहण किया। 27 अक्टूबर 2005 को जब नटवर सिंह आधिकारिक यात्रा पर विदेश में थे, तो पोल वोलकर की अध्यक्षता वाली स्वतंत्र जांच समिति ने तेल के बदले भोजन कार्यक्रम में भ्रष्टाचार की अपनी जांच रिपोर्ट जारी की। इसमें कहा गया कि भारत की कांग्रेस पार्टी और नेटवर्क सिंह का परिवार तेल के बदले भोजन कार्यक्रम के गैर अनुबंधित लाभार्थी थे। इसके बाद नेटवर्क सिम में कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। जयपुर में रैली में इस्तीफा की घोषणा की । इस अवसर पर नटवर सिंह ने अपनी  बेगुनाही का दावा किया। वर्ष 2008 में बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए, लेकिन 4 महीने बाद ही छोड़ दिया।
 

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Content Editor

Chandra Prakash

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