नरेश मीणा की दबंगई, कांग्रेस अगर टिकट देती तो नहीं होता तमाशा !
Saturday, Nov 23, 2024-05:43 PM (IST)
राजस्थान उपचुनाव में अब सातों सीटों पर पिक्चर क्लियर हो गई है | आपको बता दे की अगर राजस्थान में उपचुनाव के इतिहास पर नजर डाले तो कांग्रेस का पलड़ा भारी दिखाई देता था लेकिन इस परिपाटी को इस बार बीजेपी ने तोड़ते हुए अपना वर्चस्व कायम कर लिया है | साथ ही आपको बता दे की इस बार के उपचुनाव में काफी कुछ उठापटक देखने को मिली चाहे वोट मांगने के अजब गजब ढंग हो या फिर थप्पड़कांड की आग हो | इस बार के उपचुनाव बेहद दिलचस्प रहे है | तो आज इस विडिओ में हम बात करेंगे देवली उनियारा सीट की जो त्रिकोणीय मुकाबले के साथ हॉट सीट भी रही इस बार वजह रहे नरेश मीणा जो न सिर्फ राजस्थान के सभी अखबारों और सोशल मीडिया की सुर्खियों में छाए रहे बल्कि नेशनल स्तर पर भी चर्चा में आ गए | हालांकि वो चुनाव हार गए लेकिन इस बार उन्होंने सुर्खियां काफी बटोरी वजह रही उनकी दबंगई तो आखिर इस दबंगई या थप्पड़ कांड की वजह क्या रही क्यों कांग्रेस ने नरेश मीणा का टिकट काटा इस पर हम बात करेंगे |
चलिए सबसे पहले रिजल्ट की बात कर ले तो आपको बता दे देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव में भाजपा ने बाजी मार ली है। यहां बीजेपी के राजेंद्र गुर्जर ने 41 हजार 121 मत से जीत दर्ज की है। बीजेपी को एक लाख 599, नरेश मीणा को 59 हजार 478 और कांग्रेस को 31 हजार 295 मत मिले। यहां कुल 20 राउंड गिनती हुई। बीजेपी को 2013 के बाद इस सीट पर अब जाकर जीत मिली है। अब शुरुआत करते है शुरू से उपचुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद नरेश मीणा ने टिकट के लिए जी जान झोक दी थी | हालांकि देवली उनियारा क्षेत्र की बात करे तो ये क्षेत्र मीणा और गुर्जर बाहुल्य क्षेत्र है नरेश मीणा को भी कांग्रेस से काफी उम्मीदें थी लेकिन जब कांग्रेस ने अपने उम्मदवारों की लिस्ट जारी की तो नरेश मीणा के होश उड़ गए वजह बने कस्तूर चंद मीणा जिन का नाम लिस्ट में कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर था | जिसके बाद नरेश मीणा खुल कर सड़कों पर कांग्रेस का विरोध करते नजर आये | उनके इस विरोध से कांग्रेस भी सकते में आई और नरेश मीणा को मनाने की जद्दोजहद में जुट गई | खूब मान मनुहार और मनाने की कोशिश की गई क्योकि कांग्रेस जानती थी की अगर नरेश मीणा नहीं माने तो उपचुनाव में कांग्रेस को इसका भारी खामियाजा भुगतना पड़ेगा लेकिन नरेश मीणा थे, जो मानने को तैयार नहीं थे और आखिरकार नरेश मीणा ने भी चुनावी समर फूंक दिया और मैदान में ताल ठोक दी और जमकर प्रचार प्रसार में जुट गए | आगे बढ़ेंगे लेकिन उस से पहले आपको बताते है नरेश मीणा की टिकट कटने की वजह आखिर क्यों कांग्रेस ने नए उम्मीदवार पर दांव खेला | दरअसल नरेश मीणा का टिकट कटने की वजह रही अशोक गहलोत और सचिन पायलट की टसल कांग्रेस में इस सीट पर गुटबाजी का असर साफ़ तौर पर देखने को मिला क्योकि माना ये गया हरीश मीणा नरेश मीणा का टिकट कटने की बड़ी वजह रहे क्योकि हरीश मीणा गहलोत और डोटासरा गुट के है, जिस वजह से हमने सबने प्रचार के दौरान देखा भी जब कई मंचों पर नरेश मीणा ने खुलकर हरीश मीणा के खिलाफ आग उगली, लेकिन पायलट के लिए कही न कही नर्म पड़ते दिखाई दिए | वही सचिन पायलट भी कही न कही नरेश मीणा के लिए सॉफ्ट नजर आए | जिस से ये साफ़ होता है की विधानसभा चुनाव की तरह उपचुनाव में भी टिकट बटवारे में आपसी गुटबाजी रही है और विधानसभा चुनाव की तरह ही उपचुनाव में भी कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी | चलिए वापस लौटते है कहानी पर इन सबके बाद आता है वोटिंग का दिन जिस से नरेश मीणा को काफी उम्मीदें थी लेकिन समरावता गांव में कुछ ऐसा हुआ की किसी को इसका अंदाजा नहीं था जब नरेश मीणा ने SDM को थप्पड़ मार दिया | और सबकी नजरे इस सीट पर आ टिकी शाम होते होते जब नरेश मीणा को गिरफ्तार करने पुलिस पहुंची तो आगजनी, पत्थरबाजी, हाईवे जाम की घटनाएं होने लगी हालांकि नरेश मीणा ने गिरफ्तारी दे दी, लेकिन समर्थक थे की मानने का नाम नहीं ले रहे थे | फिर क्या था पूरे राजस्थान में अलग अलग जगह से बयानवीरों के बयान आने हुए शुरू, समर्थको को, गाँव वालो को, मनाने का दौर शुरू हुआ, लेकिन स्थिति रही जस की तस | ब्यूरोक्रेसी पर भी खूब आरोप लगे लेकिन सब इस से पल्ला झाड़ते दिखे चाहे इलेक्शन कमीशन हो या पुलिस महकमा या राजस्थान की भाजपा सरकार | फिर आता है रिजल्ट डे जब मतपेटियां खुली और उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला हुआ तब निर्दलीय नरेश मीणा और कांग्रेस के उम्मीदवार कस्तूर चंद मीणा को पछाड़ते हुए बीजेपी के राजेंद्र गुर्जर ने जीत हासिल कर ली | ख़ास बात यहां ये रही की बीजेपी इस सीट पर 2013 के अब यहां पर काबिज हुई और शायद इसकी वजह रही कांग्रेस की आपसी गुटबाजी जिस की भेंट चढ़े नरेश मीणा और कांग्रेस का उपचुनाव में जीत का रथ जो कांग्रेस के हाथ से देवली उनियारा की सीट फिसल कर बीजेपी के खाते में आ गई | इन सबको देख कर निष्कर्ष तो यही निकल कर आता है की अगर कांग्रेस नरेश मीणा को टिकट देती तो शायद इस सीट पर इतना तमाशा नहीं होता न थपड़काण्ड होता न समरावता में हिंसा होती | दोस्तों आपको क्या लगता है की क्या कांग्रेस ने नरेश मीणा का टिकट काट कर खुद के पैर पर कुल्हाड़ी मार ली क्या कांग्रेस अगर नरेश मीणा को टिकट देती तो क्या देवली उनियारा सीट कांग्रेस के खाते में ही रहती और क्या कांग्रेस को वापस राजनीति की इस जंग में आने के लिए अपनी अंदरूनी कलह मिटानी होगी ? कमेंट सेक्शन में कमेंट करके हमें जरूर बताये | फिलहाल के इस विडिओ में इतना ही मुझे दीजिये इजाजत नमस्कार |