भगदड़ जैसे हादसों में बचाई जा सकती है लोगों की जान, आपातकाल के लिए तैयार करने होंगे सीपीआर कार्यकर्ता

Thursday, Jan 30, 2025-12:22 PM (IST)

उदयपुर, 30 जनवरी 2025 : प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में बुधवार को भगदड़ मचने से दो दर्जन से अधिक लोगों की जान चली गई। अफरा-तफरी के बीच कई लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते हुए दिखाई दिए। इस घटना को लेकर उदयपुरवासी भी बेहद विचलित हैं। जिसके बाद यह मुद्दा विशेषज्ञों में उठा कि यदि सीपीआर तकनीक की जानकारी लोगों को दी जाए तो ऐसे आपात घटनाओं में लोगों की जान बचाई जा सकती है।

इस घटना को लेकर पेसिफिक मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. निलेश के. पतिरा का कहना है कि दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अगर समय पर सीपीआर और प्राथमिक उपचार मिल जाए तो उसकी जान बचाने की संभावना बढ़ जाती है और क्रिटीकल स्थिति उत्पन्न नहीं होती। गंभीर दुर्घटना के दौरान शुरुआत के कुछ मिनट महत्वपूर्ण होते है।

उन्होंने बताया कि जब हार्ट पम्प करना बंद कर देता है, तब मुंह से हवा दी जाती है। साथ ही सीने के अंतिम छोर पर दबाव डाला जाता है। जिससे हार्ट पम्प करना शुरू कर देता है। दुर्घटना में हड्डी टूटने पर लकड़ी या किसी छडी के सहारे बांधकर उसे प्राथमिक उपचार दिया जा सकता है। ऐसे ही विभिन्न प्राथमिक उपचार वाहन दुर्घटना, आग, पानी से होने वाले हादसे, ऊंचाई से गिरने या लड़ाई-झगड़ों में घायल लोगों को दिया जा सकता है। जिसके लिए मामूली प्रशिक्षण की आवश्यकता है।  

रेडक्रॉस सोसायटी उदयपुर के चेयरमैन गजेंद्र भंसाली का कहना है कि देश के हर नागरिक को सीपीआर ट्रेनिंग दी जानी चाहिए। उनका सुझाव है कि केंद्र और राज्य सरकार इस मामले में पहल करे। इस तरह की ट्रेनिंग स्कूल और कॉलेज शिक्षा के साथ ही अनिवार्य कर देनी चाहिए। साथ ही लोगों में जागरूकता लाए जाने की जरूरत है, ताकि आपात घटनाओं में प्रभावित लोगों की जान बचाई जा सके।

अभी तक सीपीआर की ट्रेनिंग रेडक्रॉस के जरिए मिलती है और प्रशिक्षक को 1600 रुपए देने पड़ते हैं। यदि सीपीआर प्रशिक्षण प्रशासनिक अभियान के तहत नि:शुल्क मिले तो हर शहर और गांव में हजारों सीपीआर कार्यकर्ता तैयार हो जाएंगे। जो हजारों लोगों की जान बचा पाने में सक्षम होंगे। 


Content Editor

Chandra Prakash

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