खेजड़ली अंतर्राष्ट्रीय शहीद मेला 13 सिंतबर को, जानिए क्यों मनाया जाता है ये मेला ?
Sunday, Sep 08, 2024-05:44 PM (IST)
जोधपुर, 8 सितंबर 2024 । खेजड़ली अंतर्राष्ट्रीय शहीद मेला 13 सिंतबर से आयोजित होने जा रहा है । खेजड़ली शहीद राष्ट्रीय पर्यावरण संस्थान के अध्यक्ष मलखान सिंह बिश्नोई ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी 363 शहीदों की स्मृति में खेजड़ली शहीद मेला भादवा सुदी दशम 13 सितंबर को आयोजित होने जा रहा है । इस मेले में हर वर्ष की भाति इस वर्ष भी मेले में राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न क्षेत्रों के समस्त बिश्नोई समाज के लोग संत जनप्रतिनिधि पर्यावरण प्रेमी श्रद्धालुजन शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए आएंगे ।
वहीं अमृतादेवी राज्य जीव जन्तु कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष जसवंत सिंह बिश्नोई ने बताया कि गर्व है कि खेजड़ली में हरे वृक्ष खेजड़ी की रक्षा के लिए गुरु श्री जंभेश्वर भगवान की वाणी "जीव दया पालणी रुँख लीला नहीं घावै" का पालन करते हुए 363 बिश्नोई नर नारियों ने बलिदान दिया है। उन शहीदों की स्मृति में हर वर्ष खेजड़ली शहीद मेला आयोजित होता है ।
इस वर्ष बिश्नोई समाज के महत्वपूर्ण निर्णय के अनुसार बिश्नोई समाज के जन सहयोग से नव-निर्मित श्री जंभेश्वर भगवान के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा (कलश स्थापना) होगी । समाज के भामाशाहों द्वारा मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में बढ़-चढ़कर बोली लगाई जाएगी । 12 तारीख को कलश स्थापना के साथ मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही लोकार्पण कर नियमित दर्शन लाभ एवं पूजा पाठ के लिए मंदिर समाज को समर्पित कर दिया जाएगा।
शहीद स्थल के विकास के लिए खेजड़ली शहीदी राष्ट्रीय पर्यावरण संस्थान निरंतर प्रयासरत है। शहीद स्थल एवं मंदिर के लिए समाज के अनेक भामाशाहों ने भूमि दान दी है। समाज के दानदाताओं के सहयोग से कुछ भूमि खरीदी गई है। अब यहां मंदिर एवं शहीद स्थल के विकास के साथ साथ सरकारी परियोजनाओं के लिए अधिक जमीन की आवश्यकता महसूस करते हुए जमीन जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है । खेजड़ली शहीदी राष्ट्रीय पर्यावरण संस्थान द्वारा इस शहीद स्थल के विकास के लिए राजस्थान सरकार के सहयोग से शहीद अमृता देवी बिश्नोई की प्रतिमा स्थापित कर 363 शहीदों की नामावली के शिलालेख लिखे गए हैं।
इस मेले ने इस वार अनेक समाजिक कार्यक्रम भी रखे गए हैं, जिसमें युवा सम्मेलन, महिला सम्मेलन, संत समागम, खेजड़ी की बेटी व जम्भ लीला का मंचन एवं विशाल भक्ति संध्या का आयोजन होगा। 13 सितंबर को शहीदों को श्रद्धांजलि स्वरूप वृक्षारोपण व विशाल शहीद मेले का आयोजन होगा जिसमें एक खुला अधिवेशन भी रखा गया है। श्रद्धांजलि समारोह में विशिष्ट अतिथियों सहित समाज के सैकड़ों संतों, जनप्रतिनिधियों एवं अनेक अन्य समाज के पर्यावरण प्रेमियों के भाग लेने की संभावना है।