अपने बेटे की जिंदगी के लिए कांवड़ लाया एक पिता, 17 करोड़ की दवा की आस में भगवान शिव की शरण में

Friday, Jul 25, 2025-04:19 PM (IST)

जब धरती के भगवान यानी डॉक्टर हार मान जाएं, तब लोग ऊपर वाले की शरण में जाते हैं। सावन के पावन महीने में दौसा जिले के एक पिता ने ऐसा ही कुछ किया।

दौसा जिले के बांदीकुई विधानसभा क्षेत्र के मोना बास गांव निवासी कुलदीप शर्मा ने अपने एकलौते बेटे हार्दिक शर्मा की जान बचाने के लिए हरिद्वार से कांवड़ में गंगाजल लाकर भगवान शिव का जलाभिषेक किया। 14 वर्षीय हार्दिक ‘मस्कुलर डिस्ट्रोफी’ नामक एक दुर्लभ और लाइलाज बीमारी से जूझ रहा है, जो धीरे-धीरे मांसपेशियों को निष्क्रिय कर देती है। हार्दिक अब पूरी तरह व्हीलचेयर पर निर्भर हो चुका है।

पिता कुलदीप शर्मा जयपुर एयरपोर्ट पर इलेक्ट्रिक विभाग में कार्यरत हैं। उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में मुंबई, दिल्ली, चंडीगढ़ और जयपुर तक हर बड़े अस्पताल में बेटे का इलाज करवाया, जिसमें अब तक 20 से 25 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं। लेकिन डॉक्टरों ने अब इलाज के लिए जो टीका बताया है, उसकी कीमत करीब 17.5 करोड़ रुपये है और वह केवल विदेश से ही मिल सकता है।

जब आर्थिक तंगी ने हर दरवाज़ा बंद कर दिया, तो कुलदीप ने भगवान शिव की शरण ली। सावन के महीने में कांवड़ लाकर गंगाजल से शिवलिंग का अभिषेक करते हुए उन्होंने अपने बेटे के लिए जीवन की प्रार्थना की।

हालांकि, अदानी ग्रुप ने हार्दिक को एक इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर भिजवाई है, जिससे वह अब स्कूल आ जा पा रहा है। लेकिन पिता को डर है कि अगर समय पर इलाज नहीं हुआ, तो हार्दिक की उम्र 20-22 साल से ज्यादा नहीं हो पाएगी — जैसा कि डॉक्टरों ने बताया है। अब कुलदीप शर्मा सरकार, समाज और आमजन से मदद की उम्मीद कर रहे हैं, ताकि उनका बेटा जीवन की इस जंग को जीत सके।


Content Editor

Raunak Pareek

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