जूडो सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि एक जीवन शैली भी, समझिए कैसे?

Friday, Nov 22, 2024-07:27 PM (IST)

खेल किसी भी समाज के विकास का महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं और जूडो उनमें से एक ऐसा खेल है जो न केवल एक खेल है, बल्कि एक अनुशासन, एक कला, और एक जीवन जीने का तरीका है। जापान से उत्पन्न यह खेल आज विश्वभर में लोकप्रिय हो चुका है और इसे ओलंपिक खेलों में भी शामिल किया गया है। जूडो केवल शारीरिक क्षमता को विकसित करने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह मानसिक संतुलन, अनुशासन और आत्मरक्षा का उत्कृष्ट तरीका भी है। जूडो के राष्ट्रीय खिलाड़ी और प्रख्यात कोच विनीत बिश्नोई ने इस खेल को जीवन का हिस्सा बनाने का आह्वान किया है। 

शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभ बेहद लाभदायक है जूडो 

कोच विनीत बिश्नोई के अनुसार जूडो खेल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए लाभ बेहद लाभदायक है। उन्होंने कहा कि जूडो की तकनीकों और अभ्यास से शरीर की ताकत, लचीलापन और सहनशक्ति में सुधार होता है। इसके नियमित अभ्यास से शरीर का वजन संतुलित रहता है और मांसपेशियां सुदृढ़ होती हैं। इसके अलावा यह खेल कार्डियोवस्कुलर स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है और हृदय से संबंधित बीमारियों का खतरा कम करता है। उन्होंने बताया कि यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। इससे तनाव और चिंता में कमी आती है। जूडो के अभ्यास से तनाव कम होता है और मानसिक शांति मिलती है। जूडो जहां आत्मरक्षा का कौशल सिखाता है, वहीं  इससे आत्मविश्वास भी बढ़ता है।

 

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युवाओं को अनुशासन, नैतिकता और कड़ी मेहनत का महत्व सिखाता है जूडो 

कोच विनीत बिश्नोई के अनुसार इस खेल में अनुशासन और ध्यान का महत्व होता है, जो इसे जीवन के अन्य पहलुओं में उपयोगी बनाता है। उन्होंने बताया कि इस खेल से जुडऩे पर सिर्फ स्वास्थ्य में ही सुधार नहीं होता बल्कि भविष्य भी उज्ज्वल बनता है। जूडो खिलाडिय़ों को सरकारी नौकरियों में खेल कोटा के तहत विशेष अवसर मिलते हैं। पुलिस, सेना और अन्य सुरक्षा बलों में जूडो के अनुभव को प्राथमिकता दी जाती है। जूडो कोचिंग के माध्यम से शैक्षणिक संस्थानों और निजी अकादमियों में रोजगार के अवसर उपलब्ध होते हैं। उन्होंने कहा कि जूडो युवाओं को अनुशासन, नैतिकता और कड़ी मेहनत का महत्व सिखाता है। इसके अलावा  महिलाओं के लिए यह खेल आत्मरक्षा का एक सशक्त माध्यम है। जूडो खेल समुदायों को एकजुट करता है और सामाजिक सौहार्द बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि जूडो केवल एक खेल नहीं है,यह एक जीवन जीने का तरीका है। यह शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास में सहायक है। साथ ही यह कैरियर और सरकारी नौकरियों के क्षेत्र में उज्जवल संभावनाएं प्रदान करता है। यदि इसे सही दिशा और प्रोत्साहन मिले, तो यह खेल न केवल खिलाडय़िों का भविष्य संवार सकता है, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव भी ला सकता है।


Content Editor

Ishika Jain

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