जयपुर एसीबी टीम की दौसा में बड़ी कार्रवाई, आबकारी अधिकारी 1 लाख 70 हजार की रिश्वत लेते ट्रैप

Saturday, Jul 27, 2024-08:37 PM (IST)

दौसा, 27 जुलाई 2024 । दौसा जिला आबकारी अधिकारी कैलाश चंद्र प्रजापत को एक लाख 70 हजार रुपए की रिश्वेत लेते रंगे हाथों जयपुर एसीबी की टीम ने दबोचा है । मामला आबकारी की लाइसेंस शुदा तीन दुकानों को निर्बाध चलाने का था । बता दें कि दौसा जिले में पिछली सरकार के समय से जमा यह भ्रष्ट जिला आबकारी अधिकारी कैलाश चंद्र प्रजापत लाइसेंसी दुकान संचालकों को परेशान करता आ रहा था, लेकिन अब तक किसी ने इसकी शिकायत नहीं की थी । यही कारण है कि यह अधिकारी अब तक बचा रहा ।

शनिवार को जयपुर एसीबी मुख्यालय के निर्देश पर जयपुर ग्रामीण इकाई द्वारा कार्रवाई करते हुए जिला आबकारी अधिकारी कैलाश चन्द्र प्रजापत को परिवादी से 1 लाख 70 हजार रुपये की रिश्वत राशि लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है।

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक डॉ.रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि एसीबी की जयपुर ग्रामीण इकाई को एक परिवादी की शिकायत थी, कि उसकी दौसा शहर में तीन लाइसेंस शुदा शराब की दूकानें संचालित हैं। उन तीन दुकानों को निर्बाध रूप से चलने देने की एवज में मासिक बंधी के रूप में आरोपी कैलाश चन्द्र प्रजापत जिला आबकारी अधिकारी, दौसा द्वारा 1 लाख 80 हजार रुपए रिश्वत राशि मांग कर परेशान किया जा रहा था।जिसकी शिकायत को एसीबी जयपुर ने सत्यापित करवाया और शनिवार को दौसा में कार्रवाई को अंजाम दिया गया ।

इधर एसीबी,जयपुर के उप महानिरीक्षक पुलिस कालूराम रावत के सुपरविजन में एसीबी जयपुर ग्रामीण इकाई के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुनील सिहाग के नेतृत्व में बनी टीम ने कार्रवाई कर दौसा जिला आबकारी अधिकारी
को गिरफ्तार कर लिया । अब एसीबी की अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस स्मिता श्रीवास्तव के निर्देशन में एसीबी की टीम आरोपी से पूछताछ में जुट गई है । एसीबी द्वारा मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत प्रकरण दर्ज कर आगे की जांच जारी है । 

साथ ही एसीबी के महानिदेशक डॉ.रवि प्रकाश मेहरड़ा ने समस्त प्रदेशवासियों से अपील की है, कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की हैल्पलाइन नंबर 1064 और वाट्सएप हैल्पलाइन नंबर 94135-02834 पर 24x7 संपर्क कर भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान में अपना महत्वपूर्ण योगदान दें । एसीबी आपके वैध कार्य को करवाने में पूरी मदद करेगी ।
 


Content Editor

Chandra Prakash

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