भटनेर के झरोखे से : नए सचिवों की नियुक्ति में सिफारिश की पड़ताल !
Sunday, Sep 01, 2024-01:53 PM (IST)
हनुमानगढ़, 1 सितंबर 2024 (बालकृष्ण थरेजा) । विपक्ष वाली पार्टी में अखिल भारतीय स्तर पर बड़ी संख्या में नए सचिव नियुक्त किए गए हैं। इस लिस्ट में प्रदेश से दो नए नाम आए हैं। इनमें पश्चिम राजस्थान से एक तेज तर्रार युवा महिला नेता तथा पार्टी के सबसे बड़े परिवार से सीधा ताल्लुक रखने वाले एक युवा नेता का नाम शामिल है। दोनों ही पूर्व विधायक हैं। प्रदेश में पार्टी के सीएम इन वेटिंग रहे युवा नेता के तबके से ताल्लुक रखने वाले एक पूर्व विधायक को रिपीट किया गया है जो सबसे बड़े परिवार की महिला नेता के अटैच सेक्रेटरी रह चुके हैं। एक संयुक्त सचिव को भी रिपीट किया गया है। सचिवों की लिस्ट में दो युवा नेताओं की एंट्री की इनसाइड स्टोरी तलाशी जा रही है। वैसे दोनों ही नए सचिव दिल्ली की पसंद बताए जा रहे हैं। प्रदेश से उनकी मदद किसने की इस सवाल का जवाब ढूंढा जा रहा है। पश्चिमी राजस्थान की युवा महिला नेता सरकार के पूर्व मुखिया की धुर विरोधी रही हैं ।अपने बयानों से विधायक रहते लगातार चर्चा में रहने वाले इस महिला नेता को दिल्ली ने एडजस्ट किया है तो इसमें युवा नेता का इशारा हो सकता है। सबसे बड़े परिवार से सीधा ताल्लुक रखने वाले युवा नेता की सिफारिश दिल्ली से पहले भी हो चुकी है। पार्टी संगठन में सचिव की जिम्मेदारी मिलने से इन दोनों नेताओं का कद बढ़ा है। प्रदेश की सियासत में उनका दखल बढ़ने वाला है। सबसे बड़े परिवार से संबंध रखने वाले नए सचिव युवा नेता के इलाके से ही आते हैं। इस वजह से दोनों नए सचिवों की नियुक्ति में युवा नेता के सिफारिश की संभावना काफी लग रही है।
जल्द मिल सकता है नया प्रभारी
प्रदेश में विपक्ष वाली पार्टी को नया प्रदेश प्रभारी जल्दी मिलने की संभावना है। वर्तमान प्रदेश प्रभारी ने अपने सूबे में वक्त देने की इच्छा दिल्ली के सामने जाहिर कर दी है। वर्तमान प्रदेश प्रभारी लोकसभा चुनाव लड़कर सांसद बन चुके हैं और फिलहाल एक राज्य के विधानसभा चुनाव की स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन हैं ।वर्तमान प्रभारी का लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश में आना-जाना बंद हो गया है। उनकी जगह संगठन मुखिया ही सारे काम निपटा रहे हैं। विधानसभा उपचुनाव की तैयारी को लेकर अकेले संगठन मुखिया सक्रिय हैं ।सरकार के पूर्व मुखिया अभी तक बेड रेस्ट पर हैं। युवा नेता अपने प्रभार वाले राज्य के साथ ही दिल्ली में ज्यादा वक्त बिता रहे हैं। आने वाले दिनों में दिल्ली से संगठन में बड़े पैमाने पर फेरबदल होने वाला है। इस फेरबदल में प्रदेश को नया प्रदेश प्रभारी मिल सकता है। प्रभारी की नियुक्ति से पहले दिल्ली काफी मंथन कर रही है। 200 विधानसभा सीटों वाले इस राज्य में संगठन को एकजुट करके चलाना सबसे बड़ी चुनौती है, इसलिए किसी अनुभवी नेता को राज्य का प्रभार सौंपा जा सकता है। चर्चा है कि पहले प्रभारी रह चुके महाराष्ट्र के एक दलित नेता को फिर से राजस्थान भेजा जा सकता है। सचिवों की नियुक्ति के बाद अब प्रभारी महासचिवों की नियुक्ति का इंतजार है।
दिल्ली से मैसेज के बाद तय होगा पावरफुल कौन ?
सत्ता वाली पार्टी में प्रदेश के नए संगठन मुखिया अपनी नियुक्ति के बाद से ही काफी सक्रिय हैं ।हाल ही में लगाए गए नए प्रदेश प्रभारी ने आते ही विपक्ष वाली पार्टी के युवा नेता पर तीखा हमला बोला। विपक्ष वाली पार्टी के युवा नेता के समर्थक सत्ता वाली पार्टी के प्रदेश प्रभारी का विरोध कर रहे हैं। इसी बीच प्रदेश की सियासत को लेकर प्रदेश प्रभारी ने संगठन मुखिया की राय के इतर बयान दे दिया। आदिवासी क्षेत्र में प्रभाव जमा रही एक नई नवेली पार्टी से गठबंधन का इशारा करते हुए प्रदेश प्रभारी ने नई पार्टी के युवा सांसद की काफी तारीफ की और उन्हें अपनी पार्टी के साथ मिलने का इशारा किया। दो दिन बाद संगठन मुखिया ने नया बयान दे दिया कि प्रदेश को तोड़ने वालों के साथ किसी तरह का गठबंधन नहीं होगा। संगठन मुखिया के समर्थन में पार्टी के नेता बयान देने लगे हैं। पार्टी के नए प्रभारी अपने बयान को लेकर अलग-थलग पड़ रहे हैं। प्रदेश में आने वाले दिनों में करीब आधा दर्जन सीटों पर विधानसभा के उपचुनाव हैं और इसमें गठबंधन कौन किसके साथ करेगा यह अभी तय नहीं है? दिल्ली से इशारा मिलने के बाद पार्टी चुनाव को गठबंधन के साथ लड़ने या अकेले लड़ने पर स्पष्ट रूप से आगे बढ़ेगी। इसी के साथ यह तय हो जाएगा की पार्टी में प्रदेश में मजबूत कौन है? वैसे नए संगठन मुखिया दिल्ली से काफी पावर लेकर आए बताए जा रहे हैं। वह सभी नेताओं को घुड़की के साथ एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं। फिलहाल नेताओं की इस बयानबाजी के कारण सत्ता वाली पार्टी में सबकी राहें अलग-अलग नजर आ रही हैं।