जातिगत राजनीति के बंधनों को तोड़कर चुनावी रण में निकला आईआईटीयन विप्र गोयल
Tuesday, Nov 05, 2024-08:20 PM (IST)
दौसा, 5 नवंबर 2024 । दौसा जिले में विधानसभा उपचुनाव में कई तरह के उम्मीदवार अपनी उम्मीदवारी जता रहे हैं । इन सभी के बीच एक ऐसा उम्मीदवार भी हैस जो आईआईटियन खड़कपुर से आईआईटी करके पिछले कई सालों से दौसा जिले में जिले की उन्नति के लिए किसानों के साथ मिलकर काम कर रहा है, लेकिन अबकी बार उसने अचानक चुनावी मैदान में ताल ठोक दी ।
क्षेत्र के चुनावी रण में निकल रहे दौसा जिले के विप्र गोयल ने आज सुबह से ही दौसा की सब्जी मंडी, होदायली, धर्मपुरा, बड़ौली, रामबास, तीतरवाडा,पिलवा, माली ढाणी क़ाबलेशर, बिशनपुरा, अखैपुरा, दादंका, चौरड़ी ग्राम पंचायतों क्षेत्रों का दौरा किया। इन जगहों पर विप्र का स्थानीय लोगों ने फूलमालाएं/साफा पहना कर स्वागत किया। विप्र ने स्थानीय लोगों की बातों, भावनाओं, समस्याओं को तल्लीनता से सुना। और सभी को पानी-बिजली-रोजगार व गायभैंसों के लिए चारे इत्यादि समस्याओं से ही घिरा पाया।
विप्र गोयल ने हर किसान ग्रामीण परिवार के घर-घर खेत-खेत पर बारामासी पानी-बिजली की सतत पुख्ता व्यवस्था, क्षेत्रीय फैक्ट्रियों की व्यवस्था के साथ प्रत्येक दो परिवारों से 5 लोगों को रोजगार/नौकरी की सुनिश्चितता की । अपनी व्यावहारिक कार्यनीति के सन्दर्भ में स्थानीय लोगों को बताया। आगामी तीन सालों में दौसा क्षेत्र के हर परिवार को बारामासी पानी, बिजली व रोजगार की व्यवस्था कर देने हेतु एक व्यावहारिक पुख्ता कार्यनीति बना ली गई है।
दौसा विप्र की कार्यनीति में निम्न कार्य शामिल हैं-
शून्य लागत पर
1. खेत-खेत पर बारोमॉसी पानी की सतत व्यवस्था
2. खेत की क्यारियों तक पानी पहुंचाने हेतु सौलर पम्प व्यवस्था
3. खेत-खेत पर साल में एक व्यापारिक फसल की उपज से लेकर सही दामों में बिक्री तक की व्यवस्था
4. दस हजार किसान व पशुपालकों के बीच व इनके ही स्वामित्व में एक फ़ूड प्रोसेसिंग संयंत्र, एक दूध प्रोसिंग संयंत्र व एक बायोगैस-बायोखाद-बायोउर्वरक ट्रॉम्बो संयंत्र की स्थापना
5. प्रति किसान व पशुपालक परिवार से दो वयस्कों के लिए उत्तम रोजगार की दौसा में ही सुनिश्चितता
6. कस्बाई व शहरी युवक-युवतियों के लिए कारखानों की स्थापनाओं की व्यवस्था तथा नौकरियों की व्यवस्था
जमीनी स्तर पर आवश्यक मात्रा में हो जाने वाले कार्यों के मार्ग में शासन व प्रशासन की ओर से आ रही चुनौतियों व देरी के चलते विप्र ने अंततः यह भी निर्णय लिया है कि आवश्यक मात्रा में कार्यों को एक निश्चित समय में सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने के लिए उनका शासन में आना भी एक निहायत ही आवश्यक कार्य है और इसे भी पूरा करना है। लिहाजा विप्र ने दौसा विधानसभा के उपचुनाव में स्वयं को एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में प्रदर्शित किया है।