डिजिटल अरेस्ट और साइबर क्राइम पर हाईकोर्ट का सरकार से सवाल, आखिर क्या कर रहे आप...

Thursday, Jan 23, 2025-04:26 PM (IST)

हाईकोर्ट ने डिजिटल अरेस्ट और साइबर क्राइम से जुड़े अपराधों में तेजी से हो रही बढ़ोतरी पर चिंता जताई है। अदालत ने कहा कि ये अपराध न केवल दुनियाभर में बल्कि भारत में भी लाखों लोगों को प्रभावित कर रहे हैं। इसके कारण हजारों निर्दोषों ने अपनी कमाई गंवाई है, और कईयों ने तो अपनी जान भी गंवा दी है। इन अपराधों का प्रभाव हर क्षेत्र में देखने को मिल रहा है।

इस गंभीर मुद्दे पर हाईकोर्ट ने स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लेते हुए केंद्र और राज्य सरकार, डीजीपी, आरबीआई और अन्य संबंधित पक्षों से जवाब मांगा है। अदालत ने उनसे पूछा कि साइबर अपराधों को रोकने के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं। जस्टिस अनूप कुमार ढंड ने सुनवाई के दौरान निर्देश दिया कि साइबर अपराधों पर ठोस कार्रवाई की जरूरत है।

अदालत ने राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की, लेकिन कहा कि अब भी इन अपराधों को रोकने के लिए ठोस और प्रभावी रणनीति की आवश्यकता है। आरबीआई को भी निर्देश दिया गया कि धोखाधड़ी वाले लेनदेन पर रोक लगाने और जालसाजी के पैसों को ट्रांसफर होने से रोकने के लिए गंभीर कदम उठाए जाएं। इसके साथ ही, आरबीआई और सरकार की शिकायत निवारण समितियों को एक ऐसा सिस्टम विकसित करने की जरूरत है, जो आमजन को धोखाधड़ी से बचा सके और उनके पैसे सुरक्षित रख सके।

अदालत ने एएसजी आरडी रस्तोगी, महाधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद, और अधिवक्ता अनुराग कलावटिया से इस मामले में सहयोग करने के लिए कहा। हाईकोर्ट ने यह भी उल्लेख किया कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, ओटीटी प्लेटफॉर्म, और डिजिटल समाचार पोर्टलों को नियंत्रित करने के लिए बनाए गए प्रौद्योगिकी नियम, 2021 साइबर अपराधों की रोकथाम में अहम भूमिका निभा सकते हैं। इन नियमों से सूचना के स्रोतों का पता लगाया जा सकता है।

साथ ही, अदालत ने इस बात पर चिंता जताई कि कुछ सोशल मीडिया कंपनियां डेटा बेचती हैं, जिसका दुरुपयोग साइबर अपराधी निर्दोष जनता को निशाना बनाने में करते हैं। अब इन अपराधों को रोकने और आमजन को सुरक्षित रखने के लिए सरकार और संबंधित संस्थानों को निर्णायक कदम उठाने होंगे।


Content Editor

Raunak Pareek

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