अवसाद में आना मरीज के लिए पड़ा महंगा, टेंशन में कैंसर पीड़ित ने कर डाली ये वारदात, जानिए इनसाइड स्टोरी
Saturday, Sep 07, 2024-02:39 PM (IST)
अलवर, 7 सितंबर 2024 । गुटखा, तंबाकू खाने से लगातार कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियां पनप रही हैं, आए दिन कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी से कई लोगों को जान से हाथ धोना पड़ रहा है । फिर भी प्रशासन की ओर से गुटखा-तंबाकू बनाने वालों पर कार्रवाई तो दूर बल्कि इनको बढ़ावा देने के लिए खूलेआम एडवरटाइज किया जाता है । ऐसे में कैंसर के मरीज बढ़ते ही जा रहे हैं । हालांकि ऐसी बीमारियों से अवसाद में आने के बाद लोग अपने आप को खत्म कर रहे हैं । ऐसा ही एक मामला अलवर में भी सामने आया है । जिसको लेकर आज इस खबर में आपको बता रहे हैं ।
दरअसल, अलवर राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में कैंसर पीड़ित एक मरीज ने बाथरूम में फंदा लगा आत्महत्या कर ली है। बताया जा रहा है कि वह करीब पांच साल से कैंसर से पीड़ित था। जानकारी के मुताबिक उसने ये कदम अवसाद में आकर उठा लिया और अपनी जान दे दी । बता दें कि मृतक कठूमर के टिटपुरी गांव निवासी अकरम खान (35) पुत्र आजाद खान को मंगलवार को परिजनों ने अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां कैंसर के कारण वह दर्द से कराहता रहा । वो बोल भी नहीं पा रहा था। खाने-पीने में भी परेशानी हो रही थी। बीमारी से परेशान होकर तड़के करीब 5 बजे वह अस्पताल के बाथरूम में गया और अपनी स्वापी से लोहे के पाइप पर फंदा डाल आत्महत्या कर ली। कुछ देर बाद जब दूसरा मरीज बाथरूम में गया तो घटना का खुलासा हुआ ।
परिजन के मुताबिक बीमारी से परेशान होकर अकरम ने आत्महत्या जैसा कदम उठाया है । ऐसे में परिजनों ने पोस्टमार्टम कार्रवाई नहीं कराने के संबंध में लिखित में दिया। इसके बाद परिजनों को शव सौंप दिया गया। परिजनों ने बताया कि अकरम गुटखा खाता था, जिसके कारण उसे जीभ का कैंसर हो गया। कैंसर बढ़ते-बढ़ते गले और फेफड़ों तक पहुंच गया। जिसका कई बार ऑपरेशन हो चुका था। उसे कई साल से खाने-पीने में परेशानी थी। पाइप के जरिए ही तरल पदार्थ देते थे। कुछ भी खाने-पीने पर उसे काफी दर्द होता था और वह दर्द से कराहने लगता। आखिरी स्टेज में वह बोल भी नहीं पाता था। इकलौता बेटा था, बेटे के इलाज के लिए जमीन भी बेची थी।
बताया जा रहा है कि अकरम का परिवार खेती बाड़ी पर ही निर्भर था । अकरम की 14 साल पहले शादी हुई थी। उसके दो बेटे हैं। अकरम के पिता के पास 15 बीघा जमीन थी। बेटे के इलाज में करीब 50 लाख रुपए खर्च हो गए। इलाज के लिए परिवार को 4 बीघा जमीन बेचनी पड़ी। अकरम का तीन साल पहले दिल्ली में ऑपरेशन हुआ। जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भी इलाज चला। इसके अलावा अलवर और जयपुर के कई प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराया गया।