भटनेर के झरोखे से...ताकि कोई भूल न जाए !
Sunday, May 25, 2025-10:37 AM (IST)

हनुमानगढ़, 25 मई 2025 । (बालकृष्ण थरेजा): मौजूदा वक्त में विपक्ष वाली पार्टी से प्रदेश के मुखिया रहे नेताजी अपनी सरकार के वक्त अपनी ही पार्टी में हुए बगावत के खेल को किसी भी हाल में न तो कार्यकर्ताओं और न ही दिल्ली को भूलने देना चाहते हैं। पिछले दिनों पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में हुई एक बैठक में पूर्व मुखिया ने इस पुराने वाकये को लेकर खूब चुटकियां लीं ।उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से पार्टी के प्रति समर्पित रहने का आह्वान किया। पूर्व मुखिया ने कहा कि वर्तमान में देश के मुखिया और उनकी पार्टी के चाणक्य विपक्ष वाली सरकारों को अस्थिर कर रहे हैं। उन्होंने अपने वक्त में अस्थिरता की इस कोशिश का जिक्र कर अपनी ही पार्टी में युवा नेता को फिर से निशाने पर लिया। पूर्व मुखिया ने कहा कि देश के मुखिया के इशारे पर यह सब हुआ था और पार्टी के ही लोग उनके साथ मिल गए थे। उन्होंने युवा नेता के खेमे की तरफ इशारा करते हुए कहा कि जो लोग मानेसर में जाकर बैठ गए थे उनसे उन्हें सरकार चलाने में दिक्कतें हुईं लेकिन उन्होंने तीसरी बार का कार्यकाल पूरा कर लिया। सीट बचाने के लिए उन्होंने पार्टी के समर्पित विधायकों और दिल्ली का आभार भी व्यक्त किया। कुल मिलाकर देखा जाए तो पूर्व मुखिया जानते हैं कि युवा नेता के खेमे की बगावत का जिक्र होने से युवा नेता की पार्टी के प्रति वफादारी पर सवालिया निशान लग सकता है। वैसे भी पूर्व मुखिया की अभी पार्टी के सबसे बड़े परिवार में पहुंच बरकरार है। युवा नेता चाहकर भी प्रदेश की कमान अपने हाथ में नहीं ले पा रहे हैं। यही कारण है कि पार्टी के मौजूदा प्रदेश प्रधान को लगातार एक्सटेंशन मिल रहा है। आने वाले दिनों में पार्टी के नए प्रदेश प्रधान की नियुक्ति में पूर्व मुखिया कोई ऐसी व्यवस्था चाहते हैं जिससे युवा नेता को कमान न मिले। विपक्ष वाली पार्टी में आने वाले दिनों में कुछ रोचक नजारे जरूर देखने को मिल सकते हैं।
थपकी निकालेगी कोई रास्ता!
सत्ता वाली पार्टी में पूर्व नेता प्रतिपक्ष के राजनीतिक भविष्य को लेकर पार्टी अभी तक कोई फैसला नहीं ले पाई है। असल वजह यह है कि उनके लायक राजस्थान में कोई जिम्मेवारी नजर नहीं आ रही है। पिछले हफ्ते संभाग मुख्यालय पर रैली में आए देश के मुखिया ने मुलाकात के दौरान पूर्व नेता प्रतिपक्ष को थपकी लगाई । दर्जनों नेताओं के बीच पूर्व नेता प्रतिपक्ष को स्पेशल अटेंशन मिला। देश के मुखिया के इस अटेंशन के मायने निकाले जा रहे हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि अब दिल्ली ने पूर्व नेता प्रतिपक्ष को फिट करने के लिए कोई जगह बना ली है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष को संसदीय कार्यों के साथ ही शासन चलाने का भी लंबा अनुभव है। खास मसलों पर उनकी राय ली जाती है। राजनीतिक नियुक्तियां उनके कद के लिहाज से उपयुक्त नहीं लग रही। अब देश के मुखिया ने थपकी लगाई है तो माना जा रहा है कि पूर्व नेता प्रतिपक्ष को कोई बड़ा ओहदा दिया जा सकता है। वैसे सभास्थल पर ही कुछ लोगों ने नेताजी को बधाई दे दी। देश के मुखिया का इतना स्पेशल अटेंशन बिना वजह तो नहीं मिलता।
इकबाल कायम करना बड़ी चुनौती
जिले के तत्कालीन पुलिस कप्तान के एपीओ होने के बाद नए आए कप्तान ने चार्ज संभाल लिया है। नए पुलिस कप्तान के सामने जिले की कानून- व्यवस्था की लचर हालत सही करना बड़ी चुनौती है। पुलिस कप्तान के चार्ज लेते ही जिले में कई अपराधिक घटनाएं ऐसी हुई जिनका अभी तक खुलासा नहीं हुआ है। दो-तीन जगह मर्डर और अन्य वारदातों ने कप्तान को सख्ती से काम करने का संकेत दे दिया है। पिछले कई दिनों से जिले में खाकी का इकबाल को लेकर सवाल उठ रहे हैं। जिला नशे के अवैध कारोबार का गढ़ बनता जा रहा है। नशे में लिप्त लोग अन्य अपराधिक वारदातों को अंजाम देते हैं। जिला मुख्यालय पर पिछले दिनों एक महिला की हत्या और अब शहर के नजदीकी गांव में एक सरकारी कर्मचारी की हत्या की वारदातों का खुलासा नहीं हुआ है। थानों में पोस्टिंग ले चुके अफसर रूटीन काम ही चला पा रहे हैं। बड़े मामलों का खुलासा और संदिग्ध लोगों पर नजर में खाकी विफल रही है। अवैध गतिविधियों में लिप्त लोगों में भय पैदा कर आम लोगों को राहत देने के लिए नए कप्तान को कड़ी मेहनत करनी होगी। फिलहाल जिले की जनता नए युवा कप्तान से काफी उम्मीदें लगाए हुए है।