भारत और मिस्र की स्पेशल फोर्सेज के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास ''Exercise CYCLONE 2025'' महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में शुरू
Monday, Feb 10, 2025-06:00 PM (IST)
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महाजन (राजस्थान), 10 फरवरी 2025: भारत और मिस्र की विशेष बलों (Special Forces) के बीच तीसरे संस्करण का संयुक्त सैन्य अभ्यास 'Exercise CYCLONE 2025' 10 फरवरी से राजस्थान के महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में शुरू हो गया है। यह अभ्यास 23 फरवरी 2025 तक चलेगा। इस सैन्य अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों की सेनाओं के बीच अंतर-संचालन क्षमता (interoperability) को बढ़ाना और रेगिस्तानी इलाकों में विशेष अभियानों को अंजाम देने की रणनीति को मजबूत करना है।
सैन्य अभ्यास का उद्देश्य और महत्व
'Exercise CYCLONE 2025' का प्रमुख उद्देश्य विशेष रूप से गैर-पारंपरिक युद्ध (unconventional warfare) परिस्थितियों में भारतीय और मिस्री सेनाओं के बीच आपसी समन्वय को मजबूत करना है। इस दौरान रेगिस्तानी इलाकों में आतंकवाद-रोधी अभियानों, गुप्त अभियानों (covert operations), उच्च जोखिम वाले मिशनों और आधुनिक युद्ध रणनीतियों पर दोनों देशों की सेनाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
भारत और मिस्र के बीच सैन्य संबंधों को मजबूत करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। यह अभ्यास दोनों देशों की सेनाओं को एक-दूसरे की रणनीतियों, युद्ध तकनीकों और संचालन क्षमता को समझने में मदद करेगा, जिससे क्षेत्रीय सुरक्षा और रणनीतिक सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
रेगिस्तानी युद्ध तकनीकों पर रहेगा विशेष जोर
महाजन फील्ड फायरिंग रेंज, जहां यह अभ्यास हो रहा है, भारतीय सेना के रेगिस्तानी युद्ध अभियानों के लिए एक प्रमुख प्रशिक्षण स्थल है। यहां विशेष रूप से रेगिस्तानी युद्ध रणनीतियों, ऊंचे तापमान में लड़ाई, सीमित संसाधनों में ऑपरेशन चलाने और दुश्मन के ठिकानों पर सटीक हमले करने की तकनीकों पर प्रशिक्षण दिया जाएगा।
भारत-मिस्र सैन्य सहयोग की दिशा में अहम कदम
भारत और मिस्र के बीच सैन्य सहयोग पिछले कुछ वर्षों में लगातार मजबूत हुआ है। दोनों देशों की सेनाओं ने कई संयुक्त अभ्यासों में भाग लिया है, जिससे रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ा है। 'Exercise CYCLONE' का यह तीसरा संस्करण इस साझेदारी को और मजबूत करेगा और दोनों देशों की सेनाओं को वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए और अधिक सक्षम बनाएगा।
"साथ मिलकर प्रशिक्षण, साथ मिलकर उत्कृष्टता"
'Exercise CYCLONE 2025' के माध्यम से भारत और मिस्र की सेनाएं न केवल अपनी युद्ध क्षमता को बढ़ाएंगी, बल्कि वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में भी योगदान देंगी। इस अभ्यास के दौरान दोनों देशों की सेनाएं साझा रणनीतियों पर काम करेंगी, जिससे आतंकवाद-रोधी अभियानों और विशेष युद्ध अभियानों में समन्वय बढ़ेगा।
भारत और मिस्र के विशेष बलों का यह संयुक्त सैन्य अभ्यास आने वाले समय में दोनों देशों के रक्षा संबंधों को और मजबूती प्रदान करेगा और क्षेत्रीय स्थिरता को बनाए रखने में सहायक सिद्ध होगा।