भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के प्रणेता थे डॉ. मनमोहन सिंह- संयम लोढ़ा

Friday, Dec 27, 2024-05:14 PM (IST)

सिरोही। पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सलाहकार संयम लोढ़ा ने विनम्र श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि डॉ.मनमोहन सिंह भारत की अर्थव्यवस्था में आर्थिक सुधार के प्रणेता थे। उन्होंने एक नए मध्यम वर्ग और विकास, बहुराष्ट्रीय कंपनियों को जन्म दिया और आर्थिक समृद्धि लाई। सिंह ने आम लोगों को सुदृढ़ करने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित किया, जब दुनिया में मंदी चल रही थी तब उन्होंने भारत को मंदी से बचाया था।

आर्थिक नीतियों पर छोड़ी अमिट छाप 

लोढ़ा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की देश की आर्थिक नीतियों पर गहरी छाप रही हैं और उन्होंने ही भारतीय व्यापार नीति पर अपनी एक पुस्तक के जरिए सबसे पहले भारत के व्यापार नीति की आलोचना की थी और फिर उसे सही दिशा में प्रर्वत किया। देश के प्रधामनंत्री के रूप में उनके लिए गए फैसले से वंचित तबके के लोगों को सर्वाधिक लाभ हुआ और वह गरीबी की रेखा के नीचे से बाहर आकर मध्यम वर्ग में करोड़ों परिवारों ने प्रवेश किया। उन्होंने अनेक कानून बनाए जिससे भारत की जनता हर दृष्टि से सक्षम हुई, मजबूत हुई। पहले भ्रष्टाचार के खिलाफ आप सिर्फ बोल सकते थे और गोपनीयता का ऐसा जाल सरकारी दस्तावेज के इर्द गिर्द था जिसके दरवाजे मनमोहन सिंह की सरकार ने खोले और देश की जनता को सूचना का अधिकार मिला।

महानरेगा गारंटी योजना लागू की 

डॉ. मनमोहन की सरकार ने महात्मा गांधी मनरेगा गारंटी योजना लागू करके न केवल ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को रोजगार का अधिकार दिया बल्कि ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कोरोना काल की कठिन चुनौती का हम सामना कर सके इसमें सबसे बड़ा योगदान मनरेगा का था। उस समय मनरेगा मजदूरी का पैसा बाजार में आया उसी से भारत की अर्थव्यवस्था ठीक से चलती रही। शिक्षा के क्षेत्र में हम हमेशा पिछड़े हुए रहे हैं, लेकिन इस इस चुनौती को स्वीकार किया और शिक्षा का अधिकार उन्होंने दिया। रोटी का अधिकार भी देने का भी कार्य डॉ मनमोहन सिंह की सरकार ने किया। खाद्य सुरक्षा प्रणाली में अमूल चूल परिवर्तन किया और एनएफएसए कानून लाकर लोगों को हो दो रुपए किलो गेहूं मिल रहा हैं वो मनमोहन सिंह की सरकार की देन थी। 

पूर्व पीएम से लोढ़ा की हो चुकी है मुलाक़ात 

लोढ़ा ने बताया कि भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम के सदस्य राहुल संघवी के दिल्ली में 2003 में आयोजित विवाह समारोह में डॉ. मनमोहन सिंह से काफी समय बातचीत करने का अवसर मिला और उस वक्त राजस्थान में विधानसभा के चुनाव होने वाले थे और मैने कहा कि सरकार ने अच्छा कार्य किया है और सरकार फिर बनेगी तब उन्होंने मुझसे पहले ही कह दिया था कि सरकार इस बार नहीं आ पाएगी।

सरल व कर्मठ व ईमानदार व्यक्तित्व के घनी थे पूर्व पीएम 

लोढ़ा ने कहा कि डॉ मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री के प्रथम कार्यकाल में नई दिल्ली में आयोजित अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अधिवेशन में राजस्थान की और से मुझे बात रखने का अवसर मिला तो मैने कैंसर, हृदय रोग, किडनी, लीवर जैसी गंभीर बीमारियों का सरकार के खर्चे पर इलाज करने की बात कही थी। लोढ़ा ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की एक सरल, कर्मठ, योग्य, ईमानदार व्यक्तित्व्य के रूप में पूरी दुनिया में छाप हैं। सिर्फ भारत ही नहीं पूरी दुनिया में उन्हें बेहद सम्मान की दृष्टि से देखा जाता था। उनके जीवनकाल के अनेक उदाहरण हमारे सामने हैं जिसने भारत का गौरव बढ़ाया हैं। ऐसे नेता के निधन से हम सभी को अपूर्णीय क्षति हुई हैं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।


Content Editor

Kuldeep Kundara

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