परिवार सहित लंदन शिफ्ट हो रहे डॉ. दंपती, मौत ने रोक लिया सफर
Friday, Jun 13, 2025-01:53 PM (IST)

अहमदाबाद विमान हादसे में बांसवाड़ा के डॉ. प्रतीक जोशी, पत्नी डॉ. कौमी और तीन मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत
बांसवाड़ा, 13 जून 2025: गुरुवार को अहमदाबाद में हुए दर्दनाक विमान हादसे ने बांसवाड़ा जिले को गहरे शोक में डुबो दिया। इस हादसे में बांसवाड़ा के प्रतिष्ठित डॉक्टर दंपती डॉ. प्रतीक जोशी और डॉ. कौमी व्यास, उनके तीन मासूम बच्चे – मिराया, नकुल और प्रद्युत – की मृत्यु हो गई। पूरा परिवार लंदन शिफ्ट होने के लिए रवाना हुआ था, लेकिन यह यात्रा उनकी अंतिम साबित हुई।
विदा करने गए माता-पिता को नहीं था आभास कि यह अंतिम अलविदा होगी
डॉ. प्रतीक और डॉ. कौमी को अहमदाबाद से लंदन के लिए विदा करने उनके माता-पिता भी एयरपोर्ट पहुंचे थे। उन्हें क्या मालूम था कि यह विदाई जिंदगी की आखिरी मुलाकात बन जाएगी। जैसे ही हादसे की सूचना मिली, परिवार के सपनों की उड़ान टूटकर बिखर गई। डॉ. प्रतीक के मामा डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने बताया कि प्रतीक के माता-पिता डॉ. जेपी जोशी और उनकी पत्नी सुरक्षित हैं, लेकिन इस हादसे ने उनका पूरा संसार उजाड़ दिया है। डॉ. जोशी बांसवाड़ा में सोनोग्राफी सेंटर संचालित करते हैं, जबकि उनकी पत्नी सेवानिवृत्त चिकित्सक हैं।
डॉ. कौमी ने हाल ही में पीएमसीएच से दिया था इस्तीफा
डॉ. कौमी व्यास पिछले तीन वर्षों से उदयपुर के पेसिफिक मेडिकल कॉलेज में पैथोलॉजी विभाग में कार्यरत थीं। लंदन जाने की तैयारी में उन्होंने कुछ दिन पहले ही इस्तीफा दिया था। उनके पति डॉ. प्रतीक पिछले वर्षों से लंदन में रेडियोलॉजिस्ट के तौर पर कार्यरत थे और हाल ही में पूरे परिवार को साथ ले जाने के लिए भारत लौटे थे।
बांसवाड़ा में पसरा मातम, सीएम—पूर्व सीएम के दौरे रद्द
इस हृदयविदारक हादसे के बाद पूरे बांसवाड़ा जिले में शोक की लहर है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को होने वाले अपने बांसवाड़ा के कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में आने वाले थे, जबकि अशोक गहलोत त्रिपुरा सुंदरी मंदिर में दर्शन हेतु आने वाले थे।
औरंगाबाद हादसे की दिल दहला देने वाली यादें ताजा
इस हादसे ने बांसवाड़ा के लोगों को वर्ष पूर्व औरंगाबाद विमान हादसे की याद दिला दी, जिसमें बांसवाड़ा के ही हेम और सुधा नागर की मृत्यु हुई थी। एक बार फिर नागर समाज सहित पूरा जिला स्तब्ध है।